त्योहारों की रौनक न पड़े फीका इसलिए CM योगी ने दूने दाम पर बिजली खरीदा, उजाला कायम रहे
कोयले की कमी के कारण देश के सामने बिजली संकट उत्पन्न हो गया है. उत्तर प्रदेश भी इससे अछूता नहीं है. राज्य में 1715 मेगावाट बिजली का उत्पादन ठप है. इसमें यूपी विद्युत उत्पादन निगम लिमिटेड की हरदुआगंज, पारीछा, अनपरा व ओबरा प्लांट्स में ही 950 मेगावाट उत्पादन बंद है. प्रतिदिन 79000 टन कोयला खपत वाले इन बिजली घरों के पास एक से दो दिन का ही स्टॉक बचा है.
यूपी विद्युत उत्पादन निगम लिमिटेड के प्रबंध निदेशक पी गुरुप्रसाद ने केंद्रीय ऊर्जा सचिव आलोक कुमार से नई दिल्ली में इस संबंध में मुलाकात कर उन्हें स्थिति से अवगत कराया. ऊर्जा सचिव ने उन्हें आश्वस्त किया कि एक-दो दिन में यूपी को कोयला उपलब्ध करा दिया जाएगा. इस बीच राज्य को बिजली संकट का सामना न करना पड़े इसके लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 10000 करोड़ रुपए जारी किए, जिससे 2 गुनी कीमत पर बिजली की खरीदी की गई.
उत्तर प्रदेश पावर कारपोरेशन लिमिटेड ने इंडिया एनर्जी एक्सचेंज लिमिटेड से 15.85 रुपये प्रति यूनिट की दर से 16 मिलियन यूनिट बिजली खरीदी है. सामान्य दिनों में बिजली की दर प्रति यूनिट 6 रुपये से भी कम रहती है. योगी सरकार की कोशिश है कि प्रदेशवासियों को बिजली की अतिरिक्त कटौती से न जूझना पड़े. सभी को शाम 6 बजे से सुबह 7 बजे तक निर्बाध बिजली आपूर्ति हो. साथ ही पहले की तरह तय शेड्यूल के मुताबिक बिजली मिलती रहे. गांवों 18 घंटे, तहसील मुख्यालयों को 21.30 घंटे व बुंदेलखंड को 20 घंटे बिजली आपूर्ति का शेड्यूल है. शहर और उद्योग बिजली कटौती से मुक्त हैं.
इसके लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 10 हजार करोड़ रुपये देने का निर्णय किया है. इन पैसों से उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत उत्पादन निगम द्वारा अपने बिजली घरों के लिए खरीदे गए कोयले का ही 1540 करोड़ रुपये का पुराना भुगतान करेगा. वैसे तो बिजली खरीदने का लगभग 27 हजार करोड़ रुपये का बकाया है लेकिन उसमें से अभी जरूरी भुगतान भी इसी से किया जाएगा. बकाया बढ़ने पर चूंकि एनटीपीसी पहले ही बिजली आपूर्ति ठप करने की चेतावनी दे चुका है, इसलिए उसे 1000 करोड़ रुपये का भुगतान किया जाएगा.