अल्पसंख्यक कांग्रेस ने मुगलिया सल्तनत के आखिरी बादशाह बहादुर शाह जफर की यौमे पैदाइश मनाई
आज 24 अक्टूबर दिन मंगलवार को प्रदेश आवन पर बक्शी बाजार स्थानीय कार्यालय पर शहर कांग्रेस कमेटी अल्पसंख्यक विभाग द्वारा मुगलिया सल्तनत के आखिरी बादशाह बहादुर शाह जफर की योमे पैदाइश पर खिराजे अकीदत पेश करते हुए उनकी मगफर की दुआ मांगी गई और उनके जीवन पर रोशनी डालते हुए कांग्रेस अल्पसंख्यक विभाग के शहर अध्यक्ष अरशद अली ने बताया बहादुर शाह जफर का जन्म 1775 ई को हुआ और 1857 के संग्राम में रानी लक्ष्मीबाई जी के साथ मिलकर उन्होंने अंग्रेजों के खिलाफ संग्राम में हिस्सा लिया अरशद अली ने कहा जब आपको अंग्रेजों ने कैद कर लिया और आपके सामने आपके बेटों के सर तसतमे रखकर ले गए और कहा गया कि यह तोहफा है इसे कबूल करें इस पर बहादुर शाह जफर ने कहा था कि यह तो दो बेटे हैं अगर 100 बेटे भी होते तो मैं अपने वतन की खातिर सबको कुर्बान कर देता आपको कैद करके रंगून की जेल में भेज दिया गया और आपसे जब अंग्रेज ने कहा था
दमदम में दम नहीं है खैर मांगो जान की
है जफर झुकने लगी शमशेर हिंदुस्तान की तो बहादुर शाह जफर ने कहा था
गाजीयो मे बूरहेगी जब तलक ईमान की
तख्ते लन्दन तक चलेगी तेग हिंदुस्तान की। इस मौके पर पिछड़ा वर्ग के शहर अध्यक्ष मो हसीन ने कहा बहादुर शाह जफर की कुर्बानी को देश कभी भूल नही सकता है
इस मौके पर शहर अध्यक्ष अरशद अली, पिछड़ा वर्ग कांग्रेस के शहर अध्यक्ष मो हसीन, तालिब अहमद,तबरेज अहमद, ,महफूज अहमद, जाहिद नेता, मुख्तार अहमद, मो राशिद,गुलाम वारिस, अच्छे सहाब,मोहित नेगी, मो फेज, ताहा अहमद, अब्दुल हमीद, शारिक वारसी, परवेज आलम, मो अहमद, आदि मौजूद रहे।