आपदा न्यूनीकरण हेतु कारखानो के मध्य समन्वय जरूरी: एडीएम वित्त
आपदा के प्रति समुदाय को जागरूक करने आगे आए कारखाने: एडीएम वित्त
हम भारती न्यूज से उत्तर प्रदेश चीफ व्यूरो प्रमुख धर्मेन्द्र कुमार श्रीवास्तव की ख़ास ख़बर
गोरखपुर आज दिनांक 11 मार्च 2024 को प्रातः 11:00 बजे एचपीसीएल बॉटलिंग प्लांट गीडा में हुए रिसाव को रोकने तथा घटित दुर्घटना में त्वरित कार्रवाई हेतु मॉक ड्रिल कार्यक्रम का आयोजन किया गया।
संयुक्त रूप से आयोजित हुए उक्त मॉक ड्रिल कार्यक्रम में एचपीसीएल, आइओसीएल, आईजीएल के साथ अन्य संचालित कारखानो ने प्रतिभाग किया।
मॉक ड्रिल कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य कारखानो एवं जिला व तहसील प्रशासन के मध्य समन्वय स्थापित करना तथा किन कारखानो के पास कौन-कौन से संसाधन उपलब्ध हैं जिससे किसी भी आकस्मिक स्थिति में एक दूसरे का सहयोग किया जा सकता है का आकलन किया जाना रहा है।
जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण गोरखपुर के नेतृत्व में संचालित मॉक ड्रिल कार्यक्रम में राजस्व, पुलिस, स्वास्थ्य व चिकित्सा, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, अग्निशमन, गीडा, एचपीसीएल, आईओसीएल, आईजीएल तथा अन्य विभागों के अधिकारियों व कर्मचारियों ने सक्रिय रूप से प्रतिभागी किया।
प्रातः 11:00 बजे एचपीसीएल द्वारा तहसील एवं जिला इमरजेंसी ऑपरेशन सेंटर (ईओसी) को यह अवगत कराया गया कि फैक्ट्री के अंदर रिसाव हो रहा है जिसे रोकने का प्रयास किया जा रहा है, लेकिन यह संभावित है कि उक्त घटना व्यापक रूप ले सकती है। अतः तत्काल आवश्यक सहयोग प्रदान करें।
सूचना प्राप्त होते ही जिला इओसी द्वारा एनडीआरएफ, एसडीआरएफ एवं अग्निशमन विभाग को अलर्ट किया गया और घटना स्थल पर पहुंचने के लिए सूचित किया गया।
उप जिला अधिकारी सहजनवा द्वारा पिपरौली और सहजनवा थाने को निर्देशित किया गया कि सहजनवा थाने से जीरो पॉइंट कालेसर तक यातायात बाधित किया जाए और राहत एजेंसी घटना स्थल पर पहुंच सके, इस हेतु टीम को ग्रीन कॉरिडोर उपलब्ध कराया जाए।
तहसील प्रशासन ने तत्परता दिखाते हुए कार्य प्रारंभ किया और कोई ग्रामीण व व्यक्ति हताहत ना हो इस हेतु तत्काल प्रभाव से आईटीएम गीडा एवं मुरारी इंटर कॉलेज में राहत केंद्र स्थापित कर दिया गया। स्थानीय स्तर पर उपलब्ध बस के माध्यम से ग्रामीणों को राहत केंद्र तक पहुंचाने की व्यवस्था सुनिश्चित की गई।
तीन चिकित्सकीय दल गठित किए गए जिसमें से एक घटनास्थल पर और बाकी दो को राहत केंद्र पर तैनात किया गया जिससे कि प्राथमिक उपचार इत्यादि की कार्रवाई अविलंब शुरू की जा सके।
घटना व्यापक रूप ना ले, उक्त के दृष्टिगत विद्युत सप्लाई को बाधित कर दिया गया।
रिसाव की घटना व्यापक रूप ना ले के दृष्टिगत आसपास की फैक्ट्री के सर्वे का कार्य एसडीआरएफ के माध्यम से प्रारंभ कर दिया गया। घटनास्थल पर एनडीआरफ और अग्निशमन विभाग ने मोर्चा लिया और प्रभावित व्यक्तियों को सुरक्षित बाहर निकालने का अभ्यास किया।
इसी दौरान सूचना प्राप्त हुई की फैक्ट्री के बाहर मुख्य मार्ग पर एक टैंकर में आग लग गई है जिस पर तत्काल काबू पाया जाना आवश्यक है। अग्निशमन विभाग की टीम में तत्परता दिखाते हुए उक्त पर काबू पाया और फैक्ट्री के पास उपलब्ध संसाधनों का भी प्रयोग ड्रिल में किया गया।
मॉक ड्रिल समाप्ति के पश्चात एग्जिट मीटिंग की गई जिसमें समस्त हितभागी विभागों व संस्थाओं के प्रतिनिधियो ने प्रतिभाग किया और क्या-क्या कमियां रह गई और किस स्तर पर सुधार करने की आवश्यकता है पर गहनता से चर्चा की।
चर्चा के दौरान निम्न बिंदुओं पर अग्रेतर कार्रवाई किए जाने की कार्य योजना बनाई गई:-
1. टैंकर को सड़क के किनारे ना खड़ा किया जाए।
2. टैंकर जिन स्थलों पर खड़े हो रहे हैं उसके ऊपर से विद्युत तारे न गई हुई हो।
3. फैक्ट्री के कर्मचारियों के साथ-साथ ग्रामीणों को भी प्रशिक्षित व जागरूक किया जाए।
4. फैक्ट्री के पास कौन-कौन से बचाव उपकरण है अथवा उनकी क्या क्षमता है, के संबंध में प्रत्येक छः माह पर चर्चा अवश्य की जाए।
5. फैक्ट्री के पास उपलब्ध एम्बुलेंस के संबंध में समुचित जानकारी सीएचसी/पीएचसी सहजनवा एवं पिपरौली को उपलब्ध कराई जाए।
मॉकड्रिल के दौरान उप जिलाधिकारी एवं तहसीलदार सहजनवा, डिप्टी कमांडेंट एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, अग्निशमन विभाग की टीम, सहायक निदेशक कारखाना, एसएचओ सहजनवा आदि अन्य विभाग के प्रतिनिधि उपस्थित रहे। मॉकड्रिल का संचालन जिला आपदा विशेषज्ञ, गोरखपुर द्वारा किया गया।
मीडिया सेल
जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण
गोरखपुर