चैत्र
चैत्र नवरात्रि का इतिहास अत्यंत महत्व
नवरात्रि का इतिहास
पूर्ण है। इस उत्सव का प्रारंभ प्राचीन काल में हुआ था और आज भी धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व का एक अभिन्न हिस्सा है। नवरात्रि का इतिहास दुर्गा अथवा शक्ति की पूजा के विकास के साथ जुड़ा हुआ है।
पुराणों के अनुसार, महिषासुर नामक राक्षस ने देवताओं का अधिकार पर हमला किया था। उनकी शक्ति बढ़ी और उन्होंने स्वर्ग को भी धमाका दिया। देवताओं के संकट को देखते हुए त्रिदेवों ने मां दुर्गा को बुलाया और उन्हें असुरों के विनाश के लिए समर्पित किया।
मां दुर्गा ने एक विशेष युद्धासन पर बैठकर महिषासुर को नष्ट किया और स्वर्ग को उन्हीं के अधीन कर लिया। इस विजय के अवसर पर नौ दिनों तक भगवानी दुर्गा की पूजा और उनकी महिमा का गान किया जाता है।
नवरात्रि के इस उत्सव के दौरान, लोग ध्यान केंद्रित कर मां दुर्गा की पूजा करते हैं और भक्ति भाव से उनका आशीर्वाद प्राप्त करते हैं। इस पावन अवसर पर लोग ध्यान और साधना के माध्यम से अपनी आत्मा को शुद्ध करने का प्रयास करते हैं।
नवरात्रि के इतिहास का यह संदेश है कि सत्य, न्याय, और धर्म की रक्षा के लिए हमेशा उत्साहित रहना चाहिए और बुराई के प्रति लड़ाई में सदैव सहायता करनी चाहिए।