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सारण में जीत से ज्यादे हार के चर्चें, अपने ही दल के विधायक के विश्वासघात का शिकार बनी रोहिणी आचार्य

 हम भारती न्यूज़

संवाददाता मोहम्मद अशरफ जिला ब्यूरो चीफ सारण बिहार 


सारण में जीत से ज्यादे हार के चर्चें, अपने ही दल के विधायक के विश्वासघात का शिकार बनी रोहिणी आचार्य



सारण सीट से लगातार तीसरी बार भाजपा के राजीव प्रताप रूढ़ी ने जीत दर्ज की है। 2024 का लोकसभा चुनाव काफी दिलचस्प रहा। काँटे की लड़ाई में 6 विधानसभा क्षेत्र से बना सारण सीट से तीन में राजद की रोहिणी बढ़त में रही, जबकि तीन में रूडी को बढ़त हासिल हुई। अंततः छपरा, अमनौर एवं मढ़ौरा की जनता ने रूढ़ी को निर्णायक बढ़त देते हुए जीत का शेहरा बाँध दिया। नीतीश कुमार के आधार वोट का फायदा यहां बीजेपी उम्मीदवार को प्राप्त हुआ। रूडी ने अपने निकटतम प्रत्याशी रोहिणी आचार्य को करीब 10, 010 वोट से हराने में कामयाब हुए। साथ ही यह भी चर्चा है कि राजद की प्रत्याशी डॉ. रोहिणी आचार्य अपने ही दल के विधायक गोपनीय तरीके से विश्वासघात की शिकार बनी। चर्चा है कि एक राजद विधायक ने भाजपा के प्रत्याशी से अपने भविष्य के राजनीति को लेकर गोपनीय तरीके से गठबंधन करते हुए विश्वासघात किया है। इस विश्वासघात को पहचानना काफी कठिन है। शहर से लेकर ग्रामीण क्षेत्र के चौक चौराहा पर अवस्थित चाय व जलपान की दुकानों पर विश्वासघात की चर्चा बुधवार को खूब हो रही है। कि आखिरकार किस कारण से राजद के करीबी विधायक ने ऐसा विश्वासघात किया है। इससे पहले पंचायत निकाय विधान पार्षद की चुनाव में भी विश्वासघात की चर्चा हुई थी। जिस कारण राजद प्रत्याशी को हार का सामना करना पड़ा था। जो बड़ी ही चालाकी से दोहराया गया है। लेकिन राजद के शीर्ष नेतृत्व इसे समझकर सबक नहीं ले पा रहे है। वैसे दलगत राजनीति एवं नेतृत्व करने वाले नेता को इस हार को गंभीरता से लेते हुए सूक्ष्म स्तर पर विश्लेषण करने की आवश्यकता है। चर्चा का विषय बताता है कि अगर राष्ट्रीय जनता दल के शीर्ष नेतृत्व सारण में जातीय मोह में ऐसे हीं फंसा रहा तो ऐसे ही विश्वासघात का सामना करते रहना पड़ेगा।

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