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पिपराइच में जमीनी विवाद को धार्मिक रंग देने की साजिश, रोहिंग्या घुसपैठ के दावे पर उठे सवाल




हम भारती न्यूज़ से उत्तर प्रदेश चीफ व्यूरो प्रमुख धर्मेन्द्र कुमार श्रीवास्तव की ख़ास ख़बर


गोरखपुर पिपराइच बाईपास कबाड़ रोड स्थित एक जमीनी विवाद को सांप्रदायिक रंग देने की कोशिश का मामला तूल पकड़ता जा रहा है। आरोप है कि पूर्व नगर पंचायत अध्यक्ष अनुपमा आर्या और उनके पति मुरारी लाल ने रोहिंग्या मुसलमान का नाम जोड़कर विवाद को भड़काने की साजिश रची। इस मामले में पुलिस ने पांच नामजद और 50 अज्ञात लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है।


पीड़ित पक्ष का दावा – धार्मिक एंगल देकर किया जा रहा उत्पीड़न


इस मामले को लेकर गणेश कुमार अग्रवाल ने शास्त्री चौक स्थित प्रेस क्लब में प्रेस वार्ता कर बड़ा खुलासा किया। उन्होंने आरोप लगाया कि मुरारी लाल ने उनके साथ हुए जमीनी विवाद को धार्मिक रंग देने की कोशिश की। उन्होंने कहा कि जांच में रोहिंग्या मुसलमान होने का कोई प्रमाण नहीं मिला, फिर भी एटीएस मामले की जांच कर रही है।


गणेश अग्रवाल के अनुसार, उन्होंने पिपराइच बाईपास कबाड़ रोड पर 45 डिसमिल जमीन बैनामा कराई थी और उसकी बाउंड्री करवा रहे थे, तभी पूर्व चेयरमैन अनुपमा आर्या, उनके पति मुरारी लाल और अन्य लोगों ने उन पर जानलेवा हमला कर दिया। इस दौरान एक मुस्लिम युवक ने उनकी मदद की, जिसे अब रोहिंग्या बताकर फर्जी मुकदमा दर्ज कराया गया है।


मिली जानकारी के अनुसार, विवादित भूमि आराजी नंबर 619 (0.117 हेक्टेयर) की है, जिस पर कई पक्षकार दावा कर रहे हैं। स्थानीय लोगों का आरोप है कि इस जमीन पर पूर्व चेयरमैन और उनके पति का अवैध कब्जा है और इसे बेचने का खेल चल रहा है। गणेश अग्रवाल ने कहा कि प्रशासन को कई बार शिकायत दी गई, लेकिन कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई। उन्होंने मांग की कि मामले की निष्पक्ष जांच हो और दोषियों पर कड़ी कार्रवाई की जाए।


धमकी और रंगदारी मांगने के आरोप


गणेश अग्रवाल ने आरोप लगाया कि मुरारी लाल ने उनसे एक करोड़ रुपये की रंगदारी मांगी थी। उन्होंने कहा, "अगर पैसा दे देते, तो कोई दिक्कत नहीं होती, लेकिन अब फर्जी मुकदमे में फंसाने और जान से मारने की धमकी दी जा रही है।"


पूर्व में भी दर्ज हो चुके हैं गंभीर मुकदमे


सूत्रों के अनुसार, 2019 में मुरारी लाल और अनुपमा आर्या के खिलाफ धारा 506, 504, 406, 354, 323 के तहत मुकदमा दर्ज किया गया था, लेकिन कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई। 2025 में भी एक नया मामला सामने आया, जिसमें आराजी नंबर 619 पर निर्माण कार्य रोकने के लिए दबंगई की गई।


मुख्यमंत्री से हस्तक्षेप की मांग


पीड़ित पक्ष ने मुख्यमंत्री से मामले में हस्तक्षेप करने और निष्पक्ष जांच करवाने की अपील की है। उन्होंने कहा कि अगर जल्द कार्रवाई नहीं हुई, तो वे आंदोलन करने को मजबूर होंगे स्थानीय लोगों का कहना है कि प्रशासन की निष्क्रियता के चलते अवैध कब्जा, भ्रष्टाचार और खरीद-फरोख्त का खेल जारी है। नगर पंचायत और जिला प्रशासन की चुप्पी पर भी सवाल उठ रहे हैं।

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