हम भारती न्यूज़
जिला संवाददाता नीलम यादव इटावा
झमाझम बरसात ने जहां क्षेत्र वासियों को गर्मी से राहत दी। वहीं, नगर पालिका की बदहाल व्यवस्था ने परेशानी भी बढ़ाई।
इटावा जसवंत नगर
एक तरफ पिछले24घण्टे से वर्ष रहे पानी से सरसों की होचुकी बुबाई कर चुके किसानों को पानी वर्ष जाने के कारण खेतों में जल भराव से दाना अंकुरित नहीं होगा जिससे क्षेत्र में किसानों को लाखों रुपए का खाद और बीज का नुकसान होगा,किसानों न00सौ सेे1हजार रुपये किलो के हिसाब से सरसों का बीज बुबाई के लिए खरीदा थामुख्यता इस क्षेत्र में45S42और45S46 वेराइटी की बुबाई ज्यादा की जाती है, क्षेत्र में बाजरा की फसल पक कर तैयार खड़ी है कुछ किसानों ने बाजरे की फसल में लगी हुई बालियां एकत्रित करने के बाद थ्रेसर से निकालने को तैयार थे लेकिन वारिस ने अरमानों पर पानी फेर दिया खड़ी हुई फसल में कंडवा रोग लग जाने की संभावना व्यक्त की जारही है और काट कर रखी गई फसल में पुनः जम जम जाएगी और दाना काला पड़ जायेगा जिसका मंडी में कोई खरीददार नहीं होगा, मिट्टी के भाव में विकेगा बाजरा।
दरअसल, रविवार से हुई बरसात ने शहर को पानी-पानी कर दिया। चोक नाले और नालियां बजबजाने लगी। सड़कें भी कीचड़ से सन गई। मिट्टी के कारण फिसलन भी बढ़ गई। वहीं, क्षतिग्रस्त सड़कों में गहरे-गहरे गड्ढों में पानी भर गया। जिनमें फंसकर राहगीर और वाहन सवार चोटिल होते रहे। इलाकों में जलभराव की वजह से खासी परेशानी हुई। रेलमण्डी स्थित रेल्वे पुल पार करने के बाद तो सड़क मार्ग की स्थित इतनी दयनीय दशा हो गई जो इस मोहल्ले में रहने वाले लोगों के लिए मुसीबत बन गई क्योंकि इस मोहल्ले से जल निकासी के लिए के जो नाला वनाया गया है उससे आज तक जल निकासी नहीं हो पाई है जरा सी देर की बारिश से ये मेन रोड सड़क मार्ग से सैकड़ों गाँव के हजारों लोग बाजार में खरीदारी करने के लिए आते हैं और तो और इसी सड़क मार्ग से हजारों छात्र-छात्राओं का स्कूल कॉलेज में आना जाना रहता है, इसी सड़क मार्ग से होते हुए दूसरे राज्य और जिलों को भी जाया जाता है जिनमे से मुख्यतः राजस्थान के धौलपुर, जयपुर,करौली जैसे आदि जिलों के लिए इसके अलावा आगरा के लिए जाने वाले लोगों के लिए भी किया जाता है
जल भराव से डेंगू, मलेरियाका मंडराया खतरा
गड्ढों और निचले इलाकों में भरे पानी की समय पर निकासी नहीं होने से मच्छर पनपने की संभावना बढ़ गई। डेंगू, मलेरिया जैसी बीमारी फैलने का खतरा मंडराने लगा। मकानों की नींव में भी पानी जाने से इनके गिरने का खतरा बढ़ गय