बसंत पंचमी कल,ऐसे करें मां सरस्वती की पूजा, जरूर पढ़ें ये कथा
गोरखपुर/ज्ञान, विद्या एवं कला की अधिष्ठात्री देवी मां सरस्वती की आराधना का पर्व बसंत पंचमी 5 फरवरी को मनाया जाएगा। इस दिन शैक्षणिक संस्थानों के साथ ही घरों में भी मां सरस्वती की विधि-विधान से पूजा की जाएगी।
बसंत पंचमी के दिन महासिद्ध योग रात 8:44 बजे तक है। साथ ही प्रवर्धमान नामक महा औदायिक योग भी है। महासिद्ध योग और प्रवर्धमान नामक महाऔदायिक योग भक्तों के लिए अत्यंत फलदायी होने के साथ ही मनोकामनाओं को पूर्ण करेगा। ज्योतिर्विद पं. नरेंद्र उपाध्याय के मुताबिक बसंत पंचमी के दिन ज्ञान की देवी वीणावादिनी मां सरस्वती की पूजा होती है। विशेष रूप से इस दिन विद्यार्थी मां सरस्वती की आराधना कर विद्या का आर्शीवाद मांगते हैं। बसंत पंचमी के दिन पीला वस्त्र धारण करना शुभकारी माना जाता है। पीला रंग ऊर्जा और ज्ञान का प्रतिनिधित्व करता है।
ऐसे करें बसंत पंचमी की पूजा
पं. शरद चंद्र मिश्र ने बताया कि इस दिन प्रात: काल स्नानादि कर पीले वस्त्र धारण करें। मां सरस्वती की प्रतिमा के सामने कलश स्थापित करें। इसके बाद माता सरस्वती, भगवान गणेश व नवग्रह की विधि-विधान से पूजा करें। प्रसाद के रूप में खीर या दूध से बनी मिठाइयां चढ़ाएं। इसके बाद श्वेत फूल माता को अर्पण करें। विद्यार्थी मां सरस्वती की पूजा कर गरीब बच्चों में कलम व पुस्तकों का दान करें।
बसंत पंचमी की कथा
ज्योतिषाचार्य डॉ. सुखदेव सिंह ने बताया कि पौराणिक मान्यता है कि ब्रह्माजी ने सृष्टि की रचना करके जब देखा तो चारों ओर उदासी सा वातावरण नजर आता था, जैसे किसी की वाणी न हो। यह देखकर ब्रह्माजी ने उदासी और मलिनता को दूर करने के लिए अपने कमंडलु से जल छिड़का। उन जलकणों के पड़ते ही वृक्ष से एक शक्ति उत्पन्न हुईं जो दोनों हाथों से वीणा बजा रही थीं। वे दोनों हाथों में क्रमशः पुस्तक तथा माला धारण किए हुए थीं। ब्रह्माजी के कहने पर उस देवी ने वीणा के आवाज से सब जीवों को वाणी प्रदान की। उस देवी को सरस्वती कहा गया। हम भारती न्यूज से गोरखपुर जिला चीफ ब्यूरो धर्मेन्द्र कुमार श्रीवास्तव
बसंत पंचमी कल,ऐसे करें मां सरस्वती की पूजा, जरूर पढ़ें ये कथा
फ़रवरी 05, 2022
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