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गोरखपुर रजिस्‍ट्री दफ्तर पर छापा, दस्‍तावेजों की जांच, शिकायत पर जिलाधिकारी ने कराया था स्ट्रिंग

 गोरखपुर रजिस्‍ट्री दफ्तर पर छापा, दस्‍तावेजों की जांच, शिकायत पर जिलाधिकारी ने कराया था स्ट्रिंग




योगी सरकार 2.0 का भ्रष्‍टाचार के खिलाफ अभियान जारी है। इस बीच बुधवार को गोरखपुर रजिस्‍ट्री ऑफिस पर पुलिस पहुंची। बताया जा रहा है छापामारी के दौरान कई महत्‍वपूर्ण दस्‍तावेजों की जांच की गई।

गोरखपुर। /रजिस्‍ट्री ऑफिस पर बुधवार कैंट पुलिस ने छापा मारा। बताया जा रहा है कि छापामारी के दौरान कई दस्‍तावेजों की जांच की गई। पुलिस को इस मामले में उपनिबंधक और दो अन्‍य आरोपितों की तलाश है। जबकि दो दिन पहले भ्रष्टाचार के दो आरोपितों को गिरफ्तार किया गया था।
उपनिबंधक और अन्‍य आरोपी फरार चल रहे हैं। डीएम के निर्देश पर रजिस्ट्री विभाग और आरटीओ में आ रहे भ्रष्टाचार की शिकायत पर स्टिंग ऑपरेशन कराया गया था। स्टिंग ऑपरेशन में कई लोग वीडियो में रंगेहाथ कैद हुए। इसके बाद डीएम के निर्देश पर सदर तहसीलदार वीरेन्द्र कुमार गुप्ता ने रविवार की रात में रजिस्ट्री कार्यालय से जुड़े भ्रष्टाचार में कैंट थाना तो वहीं चरगांवा स्थित आरटीओ कार्यालय के भ्रष्टाचार में शाहपुर थाने में केस दर्ज कराया। रजिस्ट्री कार्यालय के उप निबंधक केके तिवारी तथा निबंधन कार्यालय से जुड़े प्राइवेटकर्मी विजय कुमार मिश्र,अशोक उपाध्याय,जितेंद्र जायसवाल, राजेश्वर सिंह के खिलाफ केस दर्ज कर इंस्पेक्टर शशिभूषण राय ने इनमें से दो आरोपित विजय मिश्रा पुत्र रविन्द्र मिश्रा निवासी जंगल एकला नम्बर दो थाना गुलरिहा,वर्तमान पता पीडब्ल्यूडी बंगला नंबर 11बी सिविल लाइन थाना कैण्ट और अशोक उपाध्याय पुत्र कैलाश उपाध्याय निवासी ग्राम पोस्ट अण्डिला थाना मईल जिला देवरिया, वर्तमान पता पीडब्ल्यूडी बंगला नंबर 11बी सिविल लाइन थाना कैण्ट को गणेश चौराहे के पास से गिरफ्तार कर लिया था।
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार दोनों एक अफसर के सिविल लाइंस स्थित पीडब्लूडी के बंगला नम्बर 11 में रहते थे। जबकि अफसर स्वयं कहीं और किराये पर रहते हैं। पुलिस की जांच में सामने आया है कि अधिकारी के जरिये दोनों रजिस्ट्री की जांच सौंपी जाती थी। वह मौके पर जाते थे और डील करते थे। यही नहीं, स्टाम्प चोरी का भी रास्ता बताते थे। यह दोनों महीने में एक लाख रुपये तक की खुद की कमाई कर लेते थे। इनके जरिये उस अधिकारी को भी विवेचना में पुलिस शामिल कर सकती है। वहीं दूसरी तरफ उप निबंधक केके तिवारी के लिए जितेंद्र जायसवाल,राजेश्वर सिंह काम करते थे। तीनों की तलाश की जा रही है। हम भारती न्यूज से गोरखपुर जिला ब्यूरो प्रमुख धर्मेन्द्र कुमार श्रीवास्तव

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