अनुसूचित जाति के लोग भी आसानी से बन सकेंगे उद्यमी:सरकार ने SC अभ्यर्थियों को आय सीमा से किया मुक्त, 50 हजार हुई अनुदान राशि
हम भारती न्यूज से गोरखपुर जिला ब्यूरो प्रमुख धर्मेन्द्र कुमार श्रीवास्तव
2.50 लाख रुपये तक की वार्षिक आय वाले एससी बेरोजगारों को वरीयता दी जाएगी।
अनुसूचित जाति के लोगों को उद्यमी बनने की राह अब और आसान हो गई है। सरकार ने उत्तर प्रदेश अनुसूचित जाति वित्त एवं विकास निगम लिमिटेड की स्वरोजगार को प्रेरित करने वाली योजना में अभ्यर्थियों को आय सीमा से मुक्त कर दिया है।
यही नहीं योजना में अनुदान राशि मे भी बढ़ा दीगई है। नई व्यवस्था के तहत उत्तर प्रदेश अनुसूचित जाति वित्त एवं विकास निगम की योजनाएं अब प्रधानमंत्री अनुसूचित जाति अभ्युदय योजना (पीएम-अजय) के नाम से जानी जायेंगी।
2.50 लाख रुपये तक की वार्षिक आय वाले बेरोजगारों को वरीयता
दरअसल, सीएम योगी की मंशा है कि युवा नौकरी मांगने वाले की बजाय नौकरी देने वाले बने। गोरखपुर दौरे पर आए उत्तर प्रदेश अनुसूचित जाति वित्त एवं विकास निगम के चेयरमैन डॉ. लालजी प्रसाद निर्मल ने बताया कि निगम की रोजगारपरक सभी योजनाओं में पात्रता के लिए अब कोई वार्षिक आय सीमा नहीं रहेगी। पर, 2.50 लाख रुपये तक की वार्षिक आय वाले एससी बेरोजगारों को वरीयता दी जाएगी।
अब प्रधानमंत्री अनुसूचित जाति अभ्युदय योजना (पीएम-अजय) के नाम से जानी जायेंगी।
10 हजार से बढ़ाकर 50 हजार की गई अनुदान राशि
अभी तक ग्रामीण क्षेत्रों में 46 हजार और शहरी क्षेत्रों में 56 हजार रुपये आय सीमा निर्धारित थी। आय सीमा को मुक्त करने के साथ ही अनुदान की राशि को 10 हजार से बढ़ाकर 50 हजार रुपये कर दिया गया है। डॉ. निर्मल ने बताया कि कि अनुसूचित जातियों को उद्यमी बनाने के लिए आजादी के बाद पहली बार पात्रता और अनुदान राशि में बड़ा परिवर्तन किया गया है।
सरकार के इस प्रोत्साहन से अनुसूचित जाति के लोग कृषि, बागवानी, पशुपालन, मत्स्य पालन, खाद्य प्रसंस्करण, हस्तशिल्प, हथकरघा उद्योग एवं सेवा व्यापार आदि के तहत अपना रोजगार शुरू कर सकते हैं।
क्लस्टर बनाकर अनुसूचित जाति के लोगों को बनाएंगे उद्यमी
पीएम-अजय योजना के तहत क्लस्टर बनाकर अनुसूचित जाति के लोगों को उद्यमी बनाया जाएगा। इसके लिए उनके समूहों का चयन होगा और एक क्लस्टर द्वारा प्रस्तुत परियोजना के सफल संचालन के लिए समूहों को प्रशिक्षण भी दिया जाएगा।
उनके उत्पादों को बाजार प्रदान करने की भी व्यवस्था सुनिश्चत की जाएगी। उत्तर प्रदेश अनुसूचित जाति वित्त एवं विकास निगम के अध्यक्ष डॉ. निर्मल का कहना है कि मोदी-योगी शासनकाल अनुसूचित जातियों के सामाजिक और आर्थिक विकास के लिए स्वर्णिम काल साबित हो रहा है।