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वर्ल्ड फार्मासिस्ट डे पर फार्मासिस्टो का विचार गोष्ठी,फार्मासिस्ट जागरूकता अभियान व कोरोना काल मे शहीद हुए फार्मासिस्टो के श्रधांजलि हेतु कैंडल मार्च का आयोजन।

 वर्ल्ड फार्मासिस्ट डे पर फार्मासिस्टो का विचार गोष्ठी,फार्मासिस्ट जागरूकता अभियान व कोरोना काल मे शहीद हुए फार्मासिस्टो के श्रधांजलि हेतु कैंडल मार्च का आयोजन।




हम भारती न्यूज़ से गोरखपुर जिला ब्यूरो प्रमुख धर्मेन्द्र कुमार श्रीवास्तव


गोरखपुर 25 सितंबर  राष्ट्रीय फार्मेसी संघ व डिप्लोमा फार्मेसी संघ के संयुक्त तत्वाधान में जिला अस्पताल गोरखपुर में विश्व फार्मेसी दिवस पर विचार गोष्ठी का आयोजन किया गया कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए श्री उमेश पांडे जी ने  बताया हर साल 25 सितंबर को दुनियाभर में वर्ल्ड फार्मासिस्ट डे मनाया जाता है. जब भी कोई व्यक्ति बीमार होता है तो वह डॉक्टर के पास जाता है और डॉक्टर उसे कुछ दवाईयां लिख कर देता हैं, जिन्हें लेने के लिए आपको फार्मासिस्ट के पास जाना पड़ता है. इन्ही फार्मेसियों पर ध्यान आकर्षित करने के उद्देश्य से इस दिन को मनाने की शुरुआत की गई. 

राष्ट्रीय फार्मेसी संघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष सत्येंद्र शुक्ल शिवम ने बताया कि फार्मासिस्ट या केमिस्ट का नाम सुनते ही आपके दिमाग में किसी दुकान पर दवा देने वाले का ख्याल आता है। जो आमतौर पर खड़े नजर आते हैं और लंबे समय तक ऐसे ही काम कर पाते हैं। उनके पास डॉक्टरों के जितना बैठने का समय नहीं है। फार्मासिस्ट न केवल दवाओं के बारे में सलाह देते हैं, बल्कि साथ ही दवा वितरण और टीकाकरण का काम भी करते हैं। 


इसके साथ ही वे नई दवाओं का प्रशिक्षण, खोज और शोध भी करते हैं, इसलिए उन्हें दवा विशेषज्ञ भी माना जाता है। साथ ही कोई दवा सुरक्षित और प्रभावी है या नहीं यह सुनिश्चित करने का काम भी उन्हीं के कंधों पे है!

 इतना ही नहीं, उन्हें सभी प्रकार की दवाओं के बारे में भी जानकारी होनी चाहिए जिसमें टैबलेट, कैप्सूल, ड्रॉप्स, इनहेलर, तरल पदार्थ और इंजेक्शन शामिल हैं। इसके अलावा, एक योग्य फार्मासिस्ट को पता होना चाहिए कि विभिन्न दवाएं एक दूसरे के साथ कैसे प्रतिक्रिया करती हैं। 

उक्त अवसर पर बुद्धा कॉलेज के प्रोफेसर अंकुर यादव सर ने कहां 

इस वर्ष की थीम " एक स्वस्थ दुनिया के लिए कार्रवाई में एकजुट फार्मेसी " है। यह विषय क्यों? इस वर्ष की थीम का उद्देश्य दुनिया भर में स्वास्थ्य पर फार्मेसी के सकारात्मक प्रभाव को प्रदर्शित करना और पेशे के बीच एकजुटता को और मजबूत करना है।

एफआईपी(FIP) अभियान में भाग लेने के लिए फार्मेसी पेशे के सभी क्षेत्रों के सहयोगियों को आमंत्रित करता है और दुनिया को दिखाता है कि हम संघर्ष, विभिन्न राजनीति और संस्कृतियों और आर्थिक असमानता की परवाह किए बिना और उस पर काबू पाने के लिए स्वास्थ्य के लिए कैसे एकजुट हैं।

राष्ट्रीय प्रवक्ता सर्वेश गुप्ता ने बताया कि जब फार्मास्युटिकल विशेषज्ञता को जोड़ा जाता है तो अणु दवा बन जाते हैं 

अवसर पर फार्मासिस्ट पी दीक्षित

फार्मेसी अधिकारी ओम प्रकाश पांडे बुद्ध कॉलेज के प्रोफेसर सुशील कुमार तिवारी रविंदर सिंह अंकुर यादव चीफ फार्मासिस्ट राममिलन पांडे ज्ञान प्रकाश नारायण पांडे अरुण कुमार श्रीवास्तव सूरज कुमार भारती राशिद खान को फार्मेसी में विशिष्ट योगदान हेतु सम्मानित किया गया वह विभिन्न कालेज के बच्चों को में मेधावी छात्र सम्मान पुरस्कार दिया गया चीन में सतीश जायसवाल पिंटू जायसवाल रितेश कुमार पांडे विश्व विजय नागवंशी अनंत कुमार सिंह इरशाद अली अल्फिया यूसुफजई नीलेश अग्रवाल वरुण राय नबी मोहम्मद को पुरस्कृत किया गया

इसके पश्चात राष्ट्रीय फार्मेसी संघ के पदाधिकारियों ने कोरोना काल में शहीद हुए फार्मासिस्टओ के श्रद्धांजलि हेतु गांधी प्रतिमा पर कैंडल जलाकर श्रद्धांजलि अर्पित की


उक्त अवसर पर जिला संयोजक अनिल कुमार पांडे मनोज कुमार शुक्ला तारिक खान विनोद कुमार शुक्ला सत्येंद्र त्रिपाठी गिरजा पति त्रिपाठी आदि लोग उपस्थित रहे।

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