कलश स्थापना के साथ कल से शुरू होगा शारदीय नवरात्र प्रारंभ
हम भारती न्यूज़ से गोरखपुर मण्डल ब्यूरो प्रमुख धर्मेन्द्र कुमार श्रीवास्तव
गोरखपुर। साल 2023 में शारदीय नवरात्रि पर्व 15 अक्टूबर दिन रविवार से 24 अक्टूबर दिन मंगलवार तक रहेगा।नवरात्रि के पहले दिन कलश स्थापना की जाती है। इस बार नवरात्रि घटस्थापना मुहूर्त 15 अक्टूबर 2023 की सुबह 11 बजकर 44 मिनट से दोपहर 12 बजकर 30 मिनट तक रहेगा।नवरात्रि प्रतिपदा तिथि 14 अक्टूबर 2023 की रात 11 बजकर 24 मिनट से लग जाएगी जिसकी समाप्ति 15 अक्टूबर की देर रात 12 बजकर 32 मिनट पर होगी। नवरात्रि प्रारंभ होने से एक दिन पहले सूर्य ग्रहण (Surya Grahan) भी लगेगा। लेकिन इस ग्रहण का इस त्योहार पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा। जानिए शारदीय नवरात्रि 2023 की सभी तिथियां।आश्विन नवरात्रि घटस्थापना 15 अक्टूबर 2023 रविवार को है।
नवरात्रि घटस्थापना शुभ मुहूर्त सुबह 11:44 से दोपहर 12:30 तक रहेगा।
प्रतिपदा तिथि 14 अक्टूबर 2023 की रात 11:24 PM से शुरू होगी।
प्रतिपदा तिथि की समाप्ति 16 अक्टूबर 2023 को 12:32 AM पर होगी।
चित्रा नक्षत्र का प्रारम्भ 14 अक्टूबर 2023 को 04:24 PM पर होगा।
चित्रा नक्षत्र की समाप्ति 15 अक्टूबर 2023 को 06:13 PM पर होगी।
वैधृति योग का प्रारम्भ 14 अक्टूबर 2023 को 10:25 AM बजे होगा।
वैधृति योग की समाप्ति 15 अक्टूबर 2023 को 10:25 AM बजे होगी।
तारीख और वारनवरात्रि का दिननवरात्रि तिथिनवरात्रि अनुष्ठान15 अक्टूबर 2023, रविवारनवरात्रि दिन 1प्रतिपदामां शैलपुत्री पूजा, घटस्थापना16 अक्टूबर 2023,सोमवारनवरात्रि दिन 2द्वितीयामां ब्रह्मचारिणी पूजा17 अक्टूबर 2023, मंगलवारनवरात्रि दिन 3तृतीयामां चंद्रघंटा पूजा18 अक्टूबर 2023, बुधवारनवरात्रि दिन 4चतुर्थीमां कुष्मांडा पूजा19 अक्टूबर 2023, गुरुवारनवरात्रि दिन 5पंचमीमा स्कंदमाता पूजा 20 अक्टूबर 2023, शुक्रवारनवरात्रि दिन 6षष्ठीमां कात्यायनी पूजा21 अक्टूबर 2023, शनिवारनवरात्रि दिन 7सप्तमीमां कालरात्रि पूजा 22 अक्टूबर 2023, रविवारनवरात्रि दिन 8अष्टमीमां महागौरी पूजा, दुर्गा महा अष्टमी पूजा23 अक्टूबर 2023, सोमवारनवरात्रि दिन 9नवमीमां सिद्धिदात्री पूजा, दुर्गा महा नवमी पूजा24 अक्टूबर 2023, मंगलवारनवरात्रि दिन 10दशमीनवरात्रि पारणा, दुर्गा विसर्जन,विजय दशमी
लकड़ी की चौकी,चौकी पर बिछाने के लिए पीला या लाल कपड़ा,घट स्थापना के लिए कलश ढक्कन के साथ, जौ बोने के लिए मिट्टी का बर्तन,कलश के लिए आम के पत्ते,गंगाजल,रोली, सिन्दूर,सुपारी,कलावा,हल्दी की गांठ,जायफल, जौ,तिल,कलश के ऊपर रखने के लिए नारियल, पंचमेवा,मिश्री,सूखे मेवे, फल,मखाने,घी,माता के लिए वस्त्र,माता के लिए सुहाग का सामान,पूजन के लिए पान के पत्ते,पूजा के लिए फूल माला आदि।