आमिना खान ने पूरा किया माता पिता से किया वादा
हम भारती न्यूज से उत्तर प्रदेश चीफ व्यूरो प्रमुख धर्मेन्द्र कुमार श्रीवास्तव की ख़ास खबर
गोरखपुर बेटा बनकर बेटियां पूरा कर रही हैं अपने माता पिता के अरमान। एक तरफ पिता असलम खान इल्म की शमां रौशन कर रहे हैं तो दूसरी ओर माता रेशमा आलमी एक ग्रहणी हैं जिनकी परवरिश का फल है की बेटियां लगातार समाज में अपने खानदान का नाम रौशन कर रही हैं।
आईसीएसई बोर्ड का रिज़ल्ट घोषित होने कर बाद शहर के तमाम छात्र व छात्राओं में नतीजे आने से कहीं खुशी तो कहीं सन्तोष तो कहीं दुख से भरे खट्टे मीठे लम्हे देखने को मिल रहे हैं।
हर बार की तरह इस बार भी लड़कियों ने यहां बाज़ी मारी।
गोरखपुर महानगर के जाफरा बाजार, बिंदटोला निवासिनी कार्मल गर्ल्स इंटर कालेज की छात्रा आमिना खान ने 92 प्रतिशत अंक प्राप्त कर अपने माता पिता का सर गर्व से ऊंचा कर दिया।
घर में पढ़ने पढ़ाने और महिलाओं को सम्मान के साथ आगे बढ़ने का भरपूर अवसर प्राप्त है । आमिना की बड़ी बहन असना खान दिल्ली में रहकर यूपीएससी की तैयारी में व्यस्त है।
पिता असलम खान पेशे से शिक्षक है, जिनकी तीन बेटियों में असना सबसे बड़ी है जबकि आमिना घर की सबसे छोटी बेटी है।
कोई बेटा न होने के बाद भी माता पिता इस बात से खुश हैं कि उनकी बेटियां बेटा बनकर उनका नाम रोशन कर रही हैं।यही वजह है कि समय के साथ चलते हुए बेटियों को पढ़ाने में दोनों ने कोई कोरकसर नही छोड़ी।
अपनी सफलता का श्रेय माता पिता को देते हुए आमिना खान भारत के प्रमुख संस्थान से आईआईटी करके देश की सेवा को अपना लक्ष्य बताया। किसी तरह की कोचिंग के सवाल पर इस बेटी ने बताया कि घर पर ही पढ़ाई किया जिसमें पिता असलम खान की मुख्य भूमिका रही।
बहरहाल आमिना की सफलता को देखकर यह कहना गलत न होगा कि बेटियां बेटों से किसी भी तरह कमतर नही।