अखिल भारतीय ग्राहक पंचायत गोरक्ष प्रान्त ने मनाई विवेकानंद जयंती
हम भारती न्यूज़ से उत्तर प्रदेश चीफ व्यूरो प्रमुख धर्मेन्द्र कुमार श्रीवास्तव की ख़ास ख़बर
गोरखपुर स्वामी विवेकानंद जयंती एवं संपर्पण दिवस के अवसर पर अखिल भारतीय ग्राहक पंचायत,गोरक्ष प्रान्त के नेतृत्व में महानगर गोरखपुर में विभिन्न स्थानों पर बौद्धिक सम्मेलन सम्पन्न हुआ।
महानगर गोरखपुर सचिव के नेतृत्व में संपन्न हुआ कार्यक्रम
महानगर सचिव डॉ अविनाश श्रीवास्तव के नेतृत्व में बालाजी एकेडमी गोरखपुर में आयोजित बौद्धिक सम्मेलन में मुख्य वक्ता शरत चंद त्रिपाठी ने स्वामी विवेकानंद जी के व्यक्तित्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि स्वामी विवेकानंद का राष्ट्र निर्माण पर दृष्टिकोण ‘मानव निर्माण’ और ‘चरित्र निर्माण’ पर आधारित था। जैसे प्रत्येक व्यक्ति का एक चरित्र होता है, वैसे ही प्रत्येक राष्ट्र का भी अपना चरित्र होता है। भारत का राष्ट्रीय चरित्र उसकी ‘आध्यात्मिकता’ है। स्वामी विवेकानंद का ‘विकसित भारत’ पर दृष्टिकोण एक ऐसे समाज के पुनर्निर्माण, विकास और संरक्षण का था, जो आध्यात्मिक नींव पर आधारित हो, और जो सार्वभौमिक भ्रातृत्व और सार्वभौमिक सहिष्णुता के विचारों को जीए।
इस अवसर पर ग्राहक पंचायत सदस्यों सहित संस्थान के विद्यार्थी उपस्थित रहे।
प्रान्त सह सचिव अशोक चतुर्वेदी के नेतृत्व में संपन्न हुआ कार्यक्रम
अखिल भारतीय ग्राहक पंचायत गोरक्ष प्रांत के नेतृत्व में स्वामी विवेकानंद जयंती एवं संपर्पण दिवस का आयोजन जे.यस अकेडमी गोरखपुर के मैदान में किया गया,कार्यक्रम के मुख्य अतिथि रमेश कुमार सिंह (सह मंत्री विश्व हिंदू परिषद गोरक्ष प्रांत) और कार्यक्रम की अध्यक्षता अशोक कुमार पांडेय (सेवानिवृत्ति जे.सी.ओ.)और कार्यक्रम के संचालक अशोक कुमार चतुर्वेदी (सह सचिव गोरक्ष प्रांत अखिल भारतीय ग्राहक पंचायत )रहे अतिथियों ने स्वामी विवेकानंद के चित्र पर पुष्प अर्पित किया तत्पश्चात विशिष्ट अतिथि दिनेश कुमार पांडेय (सचिव अखिल भारतीय ग्राहक पंचायत गोरक्ष प्रांत ने) विवेकानंद के जीवन पर प्रकाश डालते हुए कहा कि "विवेकानंद एक अद्वितीय पुरुष थे जो भारत ही नहीं अपित संपूर्ण विश्व के लिए प्रेरणा स्रोत है उनके जीवन का प्रत्येक क्षण अनुकरणीय है, अपने उद्बोधन में मुख्य अतिथि डॉक्टर सिंह ने कहा कि विश्व धर्म सम्मेलन में शुन्य पर बोलने का मौका मिला और बहुत कम समय दिया गया लेकिन उनके व्यक्तित्व की देन थी कि वह घंटों बोलते रहे और लोग सुनते रहे| अंत में अशोक कुमार पांडेय ने अपने उद्बोधन में लोगों को धन्यवाद ज्ञापन करते हुए कहा कि स्वामी विवेकानंद के विचार हम सबको सामाजिकता और आध्यात्मिकता की ओर ले जाने के लिए मिल के पत्थर है कार्यक्रम में उपस्थित गणमान्य व्यक्तियों में विद्यालय के निदेशक उत्कर्ष पाण्डेय,कुमारी मुन्नी, आरती सिंह,कुमारी सीमा सिंह शालिग्राम यादव,फूलमती भारद्वाज, विजेता राय,सानिया भारती सीमा देवी आदि रहें ।
सह सचिव डॉ मुदित दुबे के नेतृत्व में संपन्न हुआ बौद्धिक सम्मेलन
दिग्विजयनाथ पी जी कॉलेज के संवाद कक्ष में आयोजित बौद्धिक सम्मेलन में डॉ मुदित दुबे ने विद्यार्थियों एवं ग्राहक पंचायत सदस्यों को संबोधित करते हुए कहा कि स्वामी विवेकानन्द एक ऐसा नाम है, जिसे किसी भी प्रकार के परिचय की आवश्यकता नहीं है। वह एक प्रभावशाली व्यक्तित्व हैं, जिन्हें पश्चिमी दुनिया को हिंदू धर्म के बारे में जागरूक करने का श्रेय दिया जाता है। उन्होंने 1893 में शिकागो की धर्म संसद में हिंदू धर्म का प्रतिनिधित्व किया। स्वामी विवेकानन्द की जयंती के उपलक्ष्य में 12 जनवरी को राष्ट्रीय युवा दिवस मनाया जाता है।
स्वामी विवेकानन्द ने स्वयं की मुक्ति और विश्व के कल्याण के लिए 1 मई 1897 को रामकृष्ण मिशन की स्थापना की। क्या आप जानते हैं कि उनके व्याख्यान, लेख, पत्र और कविताएं स्वामी विवेकानन्द के संपूर्ण कार्यों के रूप में प्रकाशित होती हैं । वह हमेशा व्यक्तित्व के बजाय सार्वभौमिक सिद्धांतों को पढ़ाने पर ध्यान केंद्रित करते हैं। उनका अद्वितीय योगदान हमें सदैव प्रबुद्ध और जागृत करता है। इसके साथ ही वह एक आध्यात्मिक नेता और समाज सुधारक भी थे।
इस अवसर पर महाविद्यालय के शिक्षक एवं विद्यार्थी उपस्थित रहे।
उक्त कार्यक्रम की जानकारी मीडिया प्रभारी पंकज पाण्डेय ने दी।