जुमे की नमाज को लेकर गोरखनाथ थाने पर उलेमा इकराम" के साथ हुई बैठक
होली के दिन जुमे की नमाज दो बजे के बाद अदा की जाएगी- मुस्लिम धर्मगुरु
हम भारती न्यूज़ से उत्तर प्रदेश चीफ व्यूरो प्रमुख धर्मेन्द्र कुमार श्रीवास्तव की ख़ास ख़बर
गोरखपुर/ सीएम सिटी में होली के दिन जुमे की नमाज को लेकर मुस्लिम धर्मगुरुओं ने हिन्दू मुस्लिम एकता की मिसाल पेश करते हुए जुमे की नमाज के वक्त में बदलाव कर दिया जिससे एक तरफ हिन्दू भाई आराम से होली खेल लेगे तो वही मुस्लिम भी आराम से जुमे की नमाज भी अदा कर लेंगे। एसएसपी डॉ गौरव ग्रोवर के निर्देश और पुलिस अधीक्षक नगर अभिनव त्यागी के पर्वेक्षण में थाना गोरखनाथ में क्षेत्राधिकारी गोरखनाथ रवि कुमार सिंह की अध्यक्षता में मुस्लिम धर्मगुरुओं और मस्जिद के इमामों के साथ एक महत्वपूर्ण बैठक की गई। थाना प्रभारी गोरखनाथ शशिभूषण राय ने गोरखनाथ थाना क्षेत्र सभी मुस्लिम धर्मगुरुओं उलेमाओं इकराम से अपील किया है कि जुमे के दिन नमाज दो बजे के बाद अदा करे।जुमे के दिन होली पड़ने को लेकर मुस्लिम धर्मगुरुओं ने जुमे की नमाज के समय में बदलाव की घोषणा की है। क्षेत्राधिकारी गोरखनाथ रवि कुमार सिंह ने मस्जिदों के इमाम और मुतवल्लियों से अपील करते हुए कहा कि होली के दिन ही जुमा है। जुमे की नमाजे विभिन्न मस्जिदों में अलग-अलग समय पर होती है। वो इलाके जहां पर मिली-जुली आबादी है, उन इलाकों की मस्जिदों में जुमे की नमाज का समय 2:30 बजे रख लें। सीओ गोरखनाथ ने सौहार्द बनाने की अपील की है। हिन्दू मुस्लिम एकता कमेटी के संरक्षक शाकिर अली सलमानी ने अपील करते हुए कहा कि होली वाले दिन मुसलमान सिर्फ तीन-चार घंटे सड़कों व गलियों पर न निकलें। अगर कहीं जरूरी काम से जाना भी है तो उसमें बहुत एहतियात बरतें। अगर कोई बच्चा या न समझ व्यक्ति रंग डाल देता है तो उससे उलझने की जरूरत नहीं है। घर जाएं पानी से धो डालें। इस तरह के रंगों के पानी से कपड़ा नापाक नहीं होता है। दूसरे समुदाय के लोगों से अपील करते हुए कहा कि कोई भी रोजादार मुसलमान या हिजाब पहनी हुई महिला पर रंग न डालें। अपने बच्चों को भी इसी तरह समझाएं। रमजान महीने का सम्मान करें। सभी धर्मगुरुओं ने एक मत होकर जुमे की नमाज दो बजे के बाद पढ़ने पर अपनी सहमति दी। इस महत्वपूर्ण बैठक में सगीर अहमद कासमी इमाम जामा मस्जिद मक्की गोरखनाथ,अली अहमद अशरफी जमा मस्जिद इमाम , डॉ शकील अहमद राजा फाउंडेशन राजिक्र अली, इमाम नूरानी जामा मस्जिद अशरफ अली आदि लोग मौजूद रहे।