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गोरखपुर विश्वविद्यालय का आउटसोर्सिंग का कर्मचारी की सैलरी ना मिलने की वजह से पैसे के अभाव में इलाज नहीं हो पाया

 गोरखपुर विश्वविद्यालय का आउटसोर्सिंग का कर्मचारी की सैलरी ना मिलने की वजह से पैसे के अभाव में इलाज नहीं हो पाया

कर्मचारी का निधन हो गया

गोरखपुर दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय का एक और आउटसोर्सिंग कर्मचारी का इलाज के अभाव में बुधवार को निधन हो गया। हालत गंभीर होने पर 31 दिसम्बर से अलग-अलग अस्पतालों में राम सागर चौधरी (55) को भर्ती कराया गया लेकिन बचाया नहीं जा सका।
बताते चलें कि बस्ती के सोनहा क्षेत्र के एकडेंगवा गांव निवासी राम सागर चौधरी गोरखपुर विश्वविद्यालय में पंप आपरेटर के पद पर करीब 27 साल से कार्यरत थे। वे शूगर और ब्लड प्रेशर के मरीज थे। वे यहां अकेले ही रहते थे जबकि परिवार गांव पर रहता था। वे पहले अपनी दवा नियमित चलाते थे। इधर पांच महीने से वेतन नहीं मिलने के कारण वे नियमित दवा नहीं ले पा रहे थे। 31 दिसम्बर को अचानक तबीयत बिगड़ने पर उन्हें आउटसोर्सिंग कर्मचारी जिला अस्पताल के इमरजेंसी में ले गए।
प्राथमिक उपचार के बाद उन्हें ओपीडी में दिखाने की सलाह देकर डिस्चार्ज कर दिया गया। 1 जनवरी को तबीयत बिगड़ने पर एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया। 2 जनवरी को हालत और बिगड़ने पर मेडिकल कॉलेज रेफर कर दिया गया। इस दौरान राम सागर कोमा में चले गए। बुधवार को सुबह करीब 10 बजे उनका मेडिकल कॉलेज में ही निधन हो गया। परिजन अंतिम संस्कार के लिए उनका शव पैतृक गांव लेकर चले गए।
राम सागर चौधरी के खराब आर्थिक हालत और इलाज में होने वाले खर्च को देखते हुए आउटसोर्सिंग कर्मचारियों ने चंदा भी जुटाना शुरू किया था। तीन दिन में करीब 60 हजार रुपये जुटाकर दिया गया था। डीडीयू के शिक्षकों और कुछ अधिकारियों ने इसमें ज्यादा सहयोग किया लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी।
गोरखपुर विश्वविद्यालय के आउटसोर्सिंग कर्मचारी महेन्द्र का 27 अक्तूबर को मेडिकल कॉलेज में इलाज के दौरान निधन हो गया था। इलाज के अभाव में उन्हें भी बहुत देर से मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया था। तब उनके गांव के लोगों ने चंदा जुटाकर उन्हें मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया था। करीब दस दिनों तक जिंदगी के मौत से संघर्ष करते हुए उन्होंने दम तोड़ दिया था। उन्हें भी करीब पांच महीने से वेतन नहीं मिला था। हम भारती न्यूज से गोरखपुर जिला चीफ ब्यूरो धर्मेन्द्र कुमार श्रीवास्तव

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