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स्वास्थ्य कार्यक्रमों के सुदृढीकरण के लिए आशा कार्यकर्ताओं का प्रशिक्षण

हम भारती न्यूज़

संवाददाता मोहम्मद अशरफ जिला ब्यूरो चीफ सारण बिहार

स्वास्थ्य कार्यक्रमों के सुदृढीकरण के लिए आशा कार्यकर्ताओं का प्रशिक्षण

•    सदर अस्पताल में दो दिवसीय प्रशिक्षण शिविर का हुआ आयोजन

•    डीपीएम-डीसीएम के द्वारा 18 बिन्दुओं पर दिया गया प्रशिक्षण

•    अपने-अपने क्षेत्र की आशाओं को प्रशिक्षित करेंगी फैसिलिटेटर

छपरा,31जनवरी।  कोरोना संक्रमण के बीच अन्य स्वास्थ्य कार्यक्रमों को निरंतर जारी रखने का प्रयास किया जा रहा है। बेहतर और गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवा मुहैया कराने के लिए स्वास्थ्य विभाग प्रतिबद्ध है। इसके लिए स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं का क्षमता वर्धन भी किया जा रहा है। सदर अस्पताल के पुरुष छात्रावास में आशा फैसिलिटेटरों के दो दिवसीय प्रशिक्षण शिविर का आयोजन किया गया। जिसमें जिला स्वास्थ्य समिति के डीपीएम अरविन्द कुमार और डीसीएम ब्रजेंद्र कुमार सिंह के द्वारा स्वास्थ्य कार्यक्रम के अलग-अलग विषयों पर प्रशिक्षित किया गया। 18 बिन्दुओं पर आशा कार्यकर्ताओं को प्रशिक्षित किया गया। इस प्रशिक्षण में आशा कार्य, गतिविधियां, कौशल और परिणाम, आशा फैसलिटेटर की भूमिका, आशा फैसलिटेटर के लिए जरूरी कौशल, सहायक साधन, अश्विन पोर्टल, लाभार्थियों की गणना, गृह भ्रमण जांच सूची, आरोग्य दिवस और कलस्टर बैठक से संबंधित जानकारी दी गयी। डीसीएम ने बताया कि आशा कार्यकर्ता को स्वास्थ्य संबंधी 92 योजनाओं पर कार्य करने का अवसर मिलता है। दो दिवसीय कार्यशाला में आशा फैसिलिटेटर  को आस्था के कार्य की गतिविधि ,कौशल परिणाम, आशा की क्या भूमिका होती है ,अश्वनी पोर्टल , गांव गांव जाकर घर भ्रमण आदि के बारे में जानकारी दी गई।

आशा कार्यकर्ताओं को ट्रेनिंग देंगी फैसिलिटेटर:

डीसीएम ब्रजेंद्र कुमार सिंह ने बताया कि प्रशिक्षण प्राप्त करने के बाद आशा फैसिलिटेटर आशा कार्यकर्ताओं को 20 दिन की ट्रेनिंग देगी और उन्हें बताएंगी कि उन्हें क्या करना है। कार्यशाला में बताया गया कि मातृत्व देखभाल कैसे करनी है । गर्भावस्था के कारण स्वास्थ्य देखभाल के लिए गर्भवती महिलाओं को सलाह देना, घरों में नवजात शिशुओं के पास जाकर शिशुओं की देखभाल करना और स्तनपान के बारे में जानकारी देना । हर हाल में नवजात बच्चों को स्तनपान मां को कराना है। बाहरी दूध बच्चे को नहीं पिलाना है 6 माह तक , उस क्षेत्र में अगर बच्चा पैदा लिया है और वजन कम है तो उसकी पहचान कर इलाज के लिए नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र पर ले जाने के बारे में जानकारी दी गई। कार्यशाला में कई प्रखंड के आशा फैसिलिटेटर पहुंची हुई थी ।

छाया और अंतरा पर दिया गया प्रशिक्षण:

वहीं सदर अस्पताल स्थित पारा मेडिकल कॉलेज के सभागार में नवनियुक्त जीएनएम और सीएचओ को परिवार कलयाण कार्यक्रम से संबंधित दो दिवसीय प्रशिक्षण दिया गया। जिसमें विशेष रूप से छाया और अंतरा से संबंधित प्रशिक्षण दिया गया। जलालपुर के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ. सुभाष तिवारी और जिला स्वास्थ्य समिति के डीसीएम ब्रजेंद्र कुमार सिंह के द्वारा प्रशिक्षण दिया गया। परिवार नियोजन कार्यक्रम के तहत महिलाओं को दी जाने वाली गर्भनिरोधक अंतरा इंजेक्शन व छाया गोली के बारे में विस्तार से जानकारी दी गई। महिलाओं को गर्भनिरोधक अंतरा इंजेक्शन तीन माह के अंतराल पर लेनी है, जबकि छाया गोली सप्ताह में एक बार प्रयोग करना है। डॉ. सुभाष तिवारी ने कहा कि  आप सभी को इसके बारे में अपने कार्य क्षत्र में लोगों के बीच जाकर इसका प्रचार प्रसार करना है व आशाओं को इसकी जानकारी देनी है ताकि वे समुदाय तक आपकी बात को पहुंचा सकें। महिलाओं में इसको लेकर जो भ्रांतियाँ फ़ैली हैं उनको दूर करना है। परिवार नियोजन कार्यक्रम की अहम जिम्मेदारी स्टाफ नर्स व एएनएम के कंधों पर ही है ।

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