संवाददाता हम भारती न्यूज़
अज़हर शेख , मुम्बई महाराष्ट्र
शब ऐ बारात नवाबगंज में आशिक ऐ रसूल मिलादुन्नबी की महलिफ का आगाज़ किया गया
नवाबगंज : - शब ऐ बारात इतनी अहम क्यों है इस रात की इतनी बरकत क्यों आपको बता दें ये इबादत की रात है मज़हब ऐ इस्लाम मुताबिक इस रात रसूल ऐ अकरम ताज दारे मदीना मेहराज वाले आका नबी ए करीम पैगम्बरो में आखरी और अव्वल नबी मोहम्मद मुस्तफा सल्लाहो अलैहि वसल्लम मेहराज यानी अर्श पर गए थे ये मुबारक रात है इस रात मुस्लिम मज़हब के लोग धूम धाम से मिलादुन्नबी मनाते हैं यानी पूरी रात नबी की याद में इबादत करते है तिलावते कुरआन करते है बताया जाता हैं एक बार की बात हैं नबी ऐ करीम मोहम्मद मुस्तफा जंग पर गए थे जंग के दौरान उनका दनदान (दांत) मुबारक शहीद हो गया ये बात उनके एक चाहने वाले आशिक़ को पता चली वो आशिक़ जिन्होंने कभी नबी को देखा भी नहीं था उनकी शौहरत सुनकर उनके आशिक बन गए थे, उनका नाम हज़रत ओवैस करनी राo आ० था खबर सुनकर उन्होंने अपना एक दांत मुबारक तोड़ डाला फिर सोचने लगे मेरे नबी का पता नही कौन सा दांत टूटा हो ये सोचकर एक के बाद एक सारे दांत तोड़ डाले जब ये बात हुजूर को पता चली तो उनकी आखों में आशू आ गए उन्होंने सहाबा से अर्ज कि उस आशिक को हम देखना चाहते हैं, जब उन्होंने देखा तो पता चला ये सच्चा आशिक है मेरा तब उनके लिए हलवा बना क्योंकि वो बिना दांत के कुछ खा नही सकते थे उस दिन से आज तक इस रात हज़रत उवैस करनी की हलवे पर नियाज़ की जाती है इस मुबारक रात लोग कब्रिस्तान जाकर अपने घर वालो की कब्रों पर चराग रौशन करते हैं और उनकी मगफिरत की दुआ करते हैं और सारी रात इबादत में गुजारते हैं आज नवाबगंज कब्रिस्तान के बाहर भी महफिल का आगाज़ किया गया जिसमे मुख्य अतिथि के रूप में हज़रत मौलाना मुस्ताक काज़ी ऐ शहर तसरीफ लाए महफिल का आगाज़ कब्रिस्तान सदर कमेटी द्वारा किया गया जिसमे कमेटी सदर चांद भाई ,निसार अहमद, मोहम्मद हाशिम शाह ,नसीम अहमद ,शमीम खान ,सोएब असरफ ,वसीम अहमद ,बब्बू खान और तमाम दावते इस्लामी के भाई मौजूद रहे।
शब ऐ बारात नवाबगंज में आशिक ऐ रसूल मिलादुन्नबी की महलिफ का आगाज़ किया गया
मार्च 20, 2022
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