सरकारी अस्पताल में जांच के लिए भटकती रही घायल गर्भवती महिला
गोरखपुर।/सरकारी अस्पतालों में इंतजाम पटरी से उतरते जा रहे हैं। सोमवार को घायल गर्भवती महिला को सिस्टम की लापरवाही से गुजरना पड़ा। चार घंटे परिजन उसे लेकर जिला अस्पताल से महिला अस्पताल तक दौड़ते रहे। लेकिन कर्मचारियों ने एसआईसी के निर्देश को अंगूठा दिखा दिया। उसकी जांच नहीं हुई।
गुलरिहा थाना क्षेत्र के फतेहपुर डिहवा निवासी गर्भवती महिला को मारपीट में घायल होने के बाद उसे बीआरडी मेडिकल कालेज में भर्ती कराया गया है। सोमवार को बीआरडी मेडिकल कालेज के डाक्टरों ने उसका स्वास्थ्य परीक्षण कराने के लिए जिला अस्पताल भेजा। उसका एक्सरे और अल्ट्रासाउंड होना था। जिला अस्पताल के एक्सरे कक्ष से उसे बैरंग लौटा दिया गया। कर्मचारियों ने कहा कि मशीन ही खराब है। जिला अस्पताल में अल्ट्रासाउंड नहीं हुआ। अल्ट्रासाउंड कक्ष में जब पहुंची तो बताया गया कि मशीन खराब है। लगभग साढ़े तीन घंटे तेज धूप में भागदौड़ करने के बाद वह निराश होकर वापस चली गईं।
एसआईसी की भी नहीं सुनते कर्मचारी
गर्भवती के साथ उसकी सास गुड़िया मौजूद रहीं। किसी ने उनको जिला अस्पताल के एसआईसी से मुलाकात की सलाह दी। वह एसआईसी डॉ. जेसएसपी सिंह से मिलीं। एसआईसी ने पीड़ितों से कहा कि जाकर एक्सरे व अल्ट्रासाउंड कक्ष में कर्मचारियों व डॉक्टर को बता दो कि 15 नंबर कमरे (प्रमुख चिकित्सा अधीक्षक कक्ष) से साहब ने भेजा है।
टेक्नीशियन ने कहा एसआईसी का काम है भेजना
गुड़िया ने एक्सरे टेक्नीशियन को बताया कि 15 नंबर कमरे से साहब ने भेजा है तो वह बिफर गया। टेक्नीशियन रौब झाड़ने लगा। उसने कहा कि एसआईसी का तो काम ही है भेजना। आज नहीं हो पाएगा, अब कल आना। अल्ट्रासाउंड कक्ष में पहुंची तो वहां पर टेक्नीशियन ने तमीज से बात की। उसने कहा कि पहले आप महिला अस्पताल में स्वास्थ्य परीक्षण कराकर आइए, उसके बाद अल्ट्रासाउंड होगा। वह फोटो नहीं लाई थीं, इसलिए उनका स्वास्थ्य परीक्षण नहीं हो पाया। निराश होकर घर लौट गईं। उनका कहना है कि कल फोटो लेकर आएंगी। स्वास्थ्य परीक्षण कराने के बाद एक्सरे व अल्ट्रासाउंड कराएंगी।
महिला अस्पताल में कल होगी जांच
इसके बाद सास व बहु महिला अस्पताल भी पहुंची। यहां पर अल्ट्रासाउंड होना है। डॉक्टर कुछ देर पूर्व ही निकल गए थे। वहां पर भी कर्मचारियों ने मंगलवार को आने की सलाह दी है।
मरीज से बदतमीजी ठीक नहीं है। ऐसे कर्मचारी की पहचान कराई जाएगी। कर्मचारी को चिह्नित कराकर उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
डॉ. जेएसपी सिंह, एसआईसीहम भारती न्यूज से गोरखपुर जिला ब्यूरो प्रमुख धर्मेन्द्र कुमार श्रीवास्तव*
गोरखपुर।/सरकारी अस्पतालों में इंतजाम पटरी से उतरते जा रहे हैं। सोमवार को घायल गर्भवती महिला को सिस्टम की लापरवाही से गुजरना पड़ा। चार घंटे परिजन उसे लेकर जिला अस्पताल से महिला अस्पताल तक दौड़ते रहे। लेकिन कर्मचारियों ने एसआईसी के निर्देश को अंगूठा दिखा दिया। उसकी जांच नहीं हुई।
गुलरिहा थाना क्षेत्र के फतेहपुर डिहवा निवासी गर्भवती महिला को मारपीट में घायल होने के बाद उसे बीआरडी मेडिकल कालेज में भर्ती कराया गया है। सोमवार को बीआरडी मेडिकल कालेज के डाक्टरों ने उसका स्वास्थ्य परीक्षण कराने के लिए जिला अस्पताल भेजा। उसका एक्सरे और अल्ट्रासाउंड होना था। जिला अस्पताल के एक्सरे कक्ष से उसे बैरंग लौटा दिया गया। कर्मचारियों ने कहा कि मशीन ही खराब है। जिला अस्पताल में अल्ट्रासाउंड नहीं हुआ। अल्ट्रासाउंड कक्ष में जब पहुंची तो बताया गया कि मशीन खराब है। लगभग साढ़े तीन घंटे तेज धूप में भागदौड़ करने के बाद वह निराश होकर वापस चली गईं।
एसआईसी की भी नहीं सुनते कर्मचारी
गर्भवती के साथ उसकी सास गुड़िया मौजूद रहीं। किसी ने उनको जिला अस्पताल के एसआईसी से मुलाकात की सलाह दी। वह एसआईसी डॉ. जेसएसपी सिंह से मिलीं। एसआईसी ने पीड़ितों से कहा कि जाकर एक्सरे व अल्ट्रासाउंड कक्ष में कर्मचारियों व डॉक्टर को बता दो कि 15 नंबर कमरे (प्रमुख चिकित्सा अधीक्षक कक्ष) से साहब ने भेजा है।
टेक्नीशियन ने कहा एसआईसी का काम है भेजना
गुड़िया ने एक्सरे टेक्नीशियन को बताया कि 15 नंबर कमरे से साहब ने भेजा है तो वह बिफर गया। टेक्नीशियन रौब झाड़ने लगा। उसने कहा कि एसआईसी का तो काम ही है भेजना। आज नहीं हो पाएगा, अब कल आना। अल्ट्रासाउंड कक्ष में पहुंची तो वहां पर टेक्नीशियन ने तमीज से बात की। उसने कहा कि पहले आप महिला अस्पताल में स्वास्थ्य परीक्षण कराकर आइए, उसके बाद अल्ट्रासाउंड होगा। वह फोटो नहीं लाई थीं, इसलिए उनका स्वास्थ्य परीक्षण नहीं हो पाया। निराश होकर घर लौट गईं। उनका कहना है कि कल फोटो लेकर आएंगी। स्वास्थ्य परीक्षण कराने के बाद एक्सरे व अल्ट्रासाउंड कराएंगी।
महिला अस्पताल में कल होगी जांच
इसके बाद सास व बहु महिला अस्पताल भी पहुंची। यहां पर अल्ट्रासाउंड होना है। डॉक्टर कुछ देर पूर्व ही निकल गए थे। वहां पर भी कर्मचारियों ने मंगलवार को आने की सलाह दी है।
मरीज से बदतमीजी ठीक नहीं है। ऐसे कर्मचारी की पहचान कराई जाएगी। कर्मचारी को चिह्नित कराकर उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
डॉ. जेएसपी सिंह, एसआईसीहम भारती न्यूज से गोरखपुर जिला ब्यूरो प्रमुख धर्मेन्द्र कुमार श्रीवास्तव*