Type Here to Get Search Results !

https://www.facebook.com/humbharti.newslive

छ्ठ व्रती महिलाएं डूबते हुए सूरज को दि अर्ध

 हम भारती न्यूज़ से जिला गोरखपुर थाना गोरखनाथ रिपोर्टर विवेक कुमार श्रीवास्तव


छ्ठ व्रती महिलाएं डूबते हुए सूरज को दि अर्ध






छठ पूजा एक त्योहार ही नहीं, संस्कृति और संस्कार भी है; भक्तों को मानवता की सीख देता है ये पर्व

उगते सूर्य के सामने तो दुनिया नतमस्तक होती है लेकिन छठ ऐसा पर्व है, जिसमें डूबते सूर्य की आराधना का भी विधान है। यही नहीं, इस पर्व में उगते सूर्य की आराधना डूबते सूर्य के बाद होती है।



यह संदेश है भेदभाव मिटाने का, ऊंच-नीच की खाई पाटने का। ऐसा इसलिए कि छठ मात्र एक पर्व नहीं, बल्कि संस्कृति और संस्कार भी है। इसी खूबी की चलते आज छठ की छठा उत्तर से लेकर दक्षिण तक और पूरब से लेकर पश्चिम तक देखने को मिल रही। दरअसल, यह पर्व केवल आध्यात्मिक संतुष्टि का जरिया ही नहीं, बल्कि संस्कृति और संस्कार का पुनर्जागरण भी है, जिससे देश ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया के सनातनी जुड़ रहे हैं। छठ की मान्यता की तेजी से बढ़ती स्वीकार्यता को सामाजिक और सांस्कृतिक पुनर्जागरण से जोड़ती रिपोर्ट...


चार दिन तक चलने वाली छठ पूजा न केवल हमें प्रकृति के करीब ले जाती है, बल्कि प्रकृति के जरिये संस्कृति और संस्कारों को संजोए रखने की सीख भी देती है। सूर्य, ऊषा, संध्या, रात्रि, वायु, जल सहित प्रकृति के लगभग सभी पक्षों की पूजा का विधान छठ में है। जिस प्रकार सूर्य की किरणें इंसान तक पहुंचने में किसी प्रकार का भेदभाव नहीं करतीं, उसी प्रकार छठ भी हमें सभी प्रकार के भेदभाव को त्याग देने के लिए प्रेरित करता है।

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ
* Please Don't Spam Here. All the Comments are Reviewed by Admin.

Top Post Ad

Below Post Ad

Hollywood Movies