सूर्य देव को अर्घ्य देकर व्रत का किया पारण
घाटों पर सुरक्षा व्यवस्था रहा चाक चौबंद
एनडीआरएफ एसडीआरएफ गोताखोर लगातार धाटो पर दिखे मौजूद
हम भारती न्यूज़ से गोरखपुर मण्डल व्यूरो प्रमुख धर्मेन्द्र कुमार श्रीवास्तव
गोरखपुर चिलुआताल/गोरखपुर/चिलुआताल थाना व ब्लाक जंगल कौड़िया क्षेत्र मे विभिन्न घाटों पर सूर्य देव की उपासना का महापर्व छठ पर्व अत्यंत धूमधाम के साथ मनाया गया। उगते हुए सूर्य देव को अर्घ्य देकर 36 घंटे व्रत रखी व्रती महिलाओ ने उगते हुए सूरज को अध्य देकर पारण किया। इस दौरान कुसहरा बलुआहवा घाट दहला घाट उतारासुत चिव्टहा घाट महेशरा घाट राप्ती नदी के रामघाट मीरपुर राप्ती नदी सहित राप्ती नदी व रोहीन नदी के विभिन्न धाटो पर व्रतियों श्रद्धालुओं की हजारों की संख्या में भीड़ जुटी हुई थी। सभी तालाबों नदियों पर मेले की तरह नजर आ रहा था जहां चारों तरफ श्रद्धा और भक्ति मय सागर नजर आ रहा था।महापर्व छठ पूजा के समापन के अवसर पर तालाब घाटों में उगते हुए सूर्य देव को अर्थ देने के लिए भोर में 3 बजे से ही तलाब नदी के घाटों में श्रद्धालुओं की भीड़ लगने लगी थी जहां कोसी भरने के लिए रात भर नदी तट पर जमी रहीं महिलाओं के लिए सुरक्षा व्यवस्था का पुख्ता इंतजाम किया गया था । एनडीआरएफ और एसडीआरएफ गोताखोर चिलुआताल पुलिस के जवान बराबर नदी और धाटो पर निगरानी बनाए रहे इस दौरान एसपी उत्तरी मनोज कुमार अवस्थी चिलुआताल थाना प्रभारी संजय कुमार मिश्रा यस यस आई शैलेंद्र कुमार चौकी प्रभारी बरगदवा अभिषेक राय चौकी प्रभारी फर्टिलाइजर चौकी ज्योति नारायण तिवारी चौकी प्रभारी मजनू चौराहा रुपेश पाल उप निरीक्षक बाल गंगाधर शुक्ला उप निरीक्षक राजेश कुमार पांडे उप निरीक्षक अमरीश बहादुर उप निरीक्षक शिवराज सिंह महिला कांस्टेबल कंचन सहित मुस्तैद रहे धाटो पर महिलाओं ने परंपराओं के अनुसार व्रती, श्रद्धालु पैदल चलते हुए नंगे पैर तालाब घाटों पर पहुंचने लगे थे। उगते सूरज को अर्ध्य देकर सुख समृद्धि की कामना की गई।छठ का ये पर्व संतान की सुख समृद्धि, अच्छे सौभाग्य और सुखी जीवन के लिए रखा जाता है साथ ही यह व्रत पति की लंबी उम्र की कामना के लिए भी रखा जाता है ऐसी मानना है कि सूर्य देव की पूजा करने से तेज, आरोग्यता और आत्मविशवास की प्राप्ति होती है दरअसल, ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, सूर्य ग्रह को पिता, पूर्वज, सम्मान का कारक माना जाता है साथ ही छठी माता की अराधना से संतान और सुखी जीवन की प्राप्ति होती है. इस पर्व की सबसे बड़ी विशेषता है कि यह पर्व पवित्रता का प्रतीक है।