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संवाददाता मोहम्मद अशरफ जिला ब्यूरो चीफ सारण बिहार
छपरा ठाकुरबाड़ी महिला विकास कल्याण समिति ने गोद लिए गए टीबी रोगियों के बीच किया गया पोषाहार वितरण:
देश को टीबी मुक्त अभियान में संस्था द्वारा लगातार टीबी मरीजों को गोद लेकर किया जा रहा है क्षय मुक्त: डॉ अंजू सिंह
सक्षम व्यक्तियों द्वारा निक्षय मित्र बनकर किया जा रहा है सहयोग: डीपीसी
संक्रामक कणिकाएं स्वस्थ व्यक्ति के फेफड़ों में पहुंच, कर देती है संक्रमित: एसटीएस
छपरा, 06 अप्रैल।
यक्ष्मा (टीबी) एक गंभीर एवं संक्रामक बीमारी है। जिसका शिकार होने पर लोगों की जान जोखिम में पड़ जाती है। हालांकि लोगों को यक्ष्मा (टीबी) के प्रति जागरूक करने के साथ पौष्टिक आहार खाने की जरूरत होती है। क्योंकि टीबी जैसी बीमारी को जड़ से समाप्त करने में इसकी महत्वपूर्ण भूमिका होती है। वही टीबी मुक्त अभियान को सफल बनाने में निक्षय मित्रों की भूमिका अहम मानी गई है। जिसको सार्थक रूप देने के लिए छपरा शहर की ठाकुरबाड़ी महिला विकास कल्याण समिति के द्वारा टीबी रोगियों के बीच पोषाहार वितरण का आयोजन किया गया। इस अवसर पर सदर अस्पताल के पूर्व उपाधीक्षक डॉ अमरेंद्र प्रसाद सिंह, सेंटर फॉर एडवोकेसी एंड रिसर्च (सिफार) के धर्मेंद्र रस्तोगी, नसीम अख्तर, अल्का सिंह, विभा सिंह, तनु सिंह, सुमन सिंह सहित कई अन्य गणमान्य लोग उपस्थित थे।
देश को टीबी मुक्त अभियान में संस्था द्वारा लगातार टीबी मरीजों को गोद लेकर किया जा रहा है क्षय मुक्त: डॉ अंजू सिंह
ठाकुरबाड़ी महिला विकास कल्याण समिति की संस्थापिका सह प्रसिद्ध समाजसेविका डॉ अंजू सिंह ने कहा कि यूपी के जौनपुर सहित राज्य के कई जिलों में टीबी मुक्त अभियान में बढ़ चढ़ कर हिस्सा लिया जा रहा है। साथ हीं सारण जिला मुख्यालय स्थित साधनापुरी मुहल्ले में जनवरी महीने से लगातार चौथी बार 30 मरीजों को पोषाहार वितरण किया गया। क्योंकि टीबी मरीजों को लगातार छः महीने तक गोद लेकर पौष्टिक आहार के रूप में खाने योग्य आहार दिया जाता है। इसके अलावा आज 51 नए मरीजों को संस्था द्वारा गोद लिया गया है। जिसको चना, गुड़, दलिया, चना दाल, बॉर्न बीटा के अलावा कई सामग्री दिया गया है।
सक्षम व्यक्तियों द्वारा निक्षय मित्र बनकर किया जा रहा है सहयोग: डीपीसी
यक्ष्मा विभाग के डीपीसी हिमांशु शेखर ने कहा कि
प्रमंडलीय मुख्यालय सारण के छपरा जैसे छोटे शहर में ठाकुरबाड़ी महिला विकास कल्याण समिति की संस्थापिका सह यूपी और बिहार की प्रसिद्ध समाजसेविका डॉ अंजू सिंह द्वारा एक साथ 30 से अधिक से टीबी रोगियों को गोद लेकर पौष्टिक आहार के रूप में फूड पैकेट का वितरण किया जा रहा है। हालांकि आज 51 नए टीबी रोगियों को शामिल कर फूड पॉकेट वितरण किया गया है। जो आने वाले दिनों में टीबी मुक्त अभियान को सफल बनाने में एक ठोस कदम साबित होगा। टीबी ग्रसित लोगों को कुपोषित होने की संभावना ज्यादा होती है। ऐसे में कोई भी सक्षम व्यक्ति द्वारा निक्षय मित्र के रूप में ग्रसित मरीजों को गोद लेकर उन्हें सहायता प्रदान की जा सकती है।
संक्रामक कणिकाएं स्वस्थ व्यक्ति के फेफड़ों में पहुंच कर देती है संक्रमित: एसटीएस
वरीय यक्ष्मा पर्यवेक्षक (एसटीएस) मुकेश कुमार ने कहा कि टीबी के जीवाणु हवा द्वारा फैलता हैं। क्योंकि फेफड़ो के टीबी वाले रोगी जब खांसते अथवा छींकते हैं तो रोग के जीवाणु छोटे कणों के रूप में आसानी से हवा में फेल जाता हैं। यदि कमरा बंद हो अथवा हवादार न हो तो सांस द्वारा यह संक्रामक कणिकाएं स्वस्थ व्यक्ति के फेफड़ों में पहुंच कर उन्हें भी टीबी से संक्रमित कर देती है। यदि समय से उपचार प्रारंभ किया जाए तो एक रोगी के संपर्क में रहने वाले कम से कम 10 या उससे अधिक लोग एक वर्ष में संक्रमित हो सकते हैं। हालांकि इससे बचाव या सुरक्षित रहने के लिए अनिवार्य रूप से खांसते या छिकते समय मुंह को रूमाल अथवा उपलब्ध कपड़े से ढ़कने की आदत डालनी चाहिए।