ब्रेकिंग न्यूज़ गोरखपुर
हम भारती न्यूज से उत्तर प्रदेश चीफ व्यूरो प्रमुख धर्मेन्द्र कुमार श्रीवास्तव की ख़ास खबर
पर्यटन के पैमाने पर गोरखपुर उत्तर प्रदेश के पूर्वी हिस्से तथा बिहार व नेपाल के सीमावर्ती तराई क्षेत्र में गोरखपुर स्थित है। गोरखपुर नाम नाथ संप्रदाय के प्रमुख संत मत्स्येंद्रनाथ के शिष्य गोरखनाथ के नाम पर पड़ा है। रेल व हवाई मार्ग से गोरखपुर सीधे दिल्ली, मुम्बई, कोलकाता व हैदराबाद से जुड़ा हुआ है। पर्यटन के क्षेत्र में गोरखपुर का नाम बीते सालों में बहुत तेजी से उभरा है। शहर के बीचोंबीच 1700 एकड़ के विस्तृत भू-भाग में 18 किमी के परिमाप में फैला रामगढ़ ताल गोरखपुर के लिए बहुत बड़ा वरदान साबित हुआ है। नौका विहार, विभिन्न प्रकार के वाटर स्पोर्ट्स, रमणीक उद्यान, लाइट एंड साउंड शो, चिड़िया घर, 7D शो, बौद्ध संग्रहालय, नक्षत्र शाला देख कर आपका मन प्रफुल्लित हो जाएगा।
लक्जरी क्रूज यात्रा के साथ यदि आपको स्वादिष्ट भोजन का आनंद लेना है, तो यहां आपको आना ही पड़ेगा। जल्द ही फ्लोटिंग रेस्टोरेंट भी यहां की शान बढ़ाने को तैयार मिलेगा।
इसके अतिरिक्त गीता प्रेस, गीता वाटिका, गोरखनाथ मंदिर, तरकुंलहां देवी व बुढ़िया माई मंदिर, व राप्ती आरती को देखकर आप भाव विभोर हो जाएंगे।
यहां से कुछ ही दूरी पर संत कबीर दास से जूड़े मगहर व महात्मा गौतमबुद्ध से संबंधित कुशीनगर व लुम्बिनी का भी आप भ्रमण कर सकते हैं। ऐतिहासिक स्थल चौरीचौरा भी पास में ही है।श्री राम की नगरी अयोध्या यहां से फोरलेन पर 135 किमी की दूरी पर स्थित है। रूकने के लिए आपको सस्ते से लेकर एक से एक अच्छे होटल व रिजार्ट मिल जाएंगे। मैदानी व तराई का इलाका होने के कारण बरसात व ठंड के समय घूमना ज्यादा श्रेयस्कर होगा। नेपाल की सीमा सोनौली/ बेलहिया यहां से 95 किलोमीटर है। यहीं से नेपाल के काठमांडू व पोखरा जाने का मुख्य मार्ग भी है। यदि आप चाहें तो दिन भर में नेपाल के सीमावर्ती शहर भैरहवां व बुटवल घूम कर वापस भी आ सकते हैं। पूर्वोत्तर रेलवे का मुख्यालय गोरखपुर शिक्षा के क्षेत्र में मदन मोहन मालवीय प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, मेडिकल कॉलेज, एम्स, दीनदयाल उपाध्याय विश्व विद्यालय, गोरखनाथ विश्व विद्यालय, आयुष विश्वविद्यालय, स्पोर्ट्स कालेज जैसी तमाम उच्च शिक्षण संस्थाओं के बल पर प्रतिदिन प्रगति के पथ पर आगे बढ़ रहा है।