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क्या 2027 के विधानसभा चुनाव में गोरखपुर मंडल में भी होगा अयोध्या जैसा हाल

 क्या 2027 के विधानसभा चुनाव में गोरखपुर मंडल में भी होगा अयोध्या जैसा हाल



जमीन अधिग्रहण के मामले में एनएचआई की मनमानी और बेलगाम अफसरशाही कहीं भाजपा को ले तो नहीं डूबेगी?


बेलगाम अफसरों द्वारा कार्यकर्ताओं का कत्तई नहीं होने दिया जाएगा उत्पीड़न, उनपर लगाम लगेगी, भाजपा 2027 का विधान सभा चुनाव भी भारी बहुमत से जीतेगी- जीतेन्द्र जायसवाल वरिष्ठ भाजपा नेता नौतनवां महराजगंज


हम भारती न्यूज से उत्तर प्रदेश चीफ व्यूरो प्रमुख धर्मेन्द्र कुमार श्रीवास्तव की ख़ास खबर


महराजगंज आगामी 2027 के विधानसभा चुनाव में गोरखपुर मंडल ही नहीं समूचे पूर्वांचल का हाल अयोध्या जैसा होने वाला है। जमीन अधिग्रहण के मामले में एनएचआई और बेलगाम अफसरशाही भाजपा की नैया डुबोने का सबसे बड़ा कारण बनेगी।


बता दें कि बीते लोकसभा चुनाव में अयोध्या सहित समूचे पूर्वांचल में भाजपा की बहुत सी सीटों पर बुरी तरह हार यह दर्शाता है कि 2027 में होने वाले यूपी के विधानसभा चुनाव में भाजपा का सूपड़ा साफ हो जाएगा।


वाराणसी सहित पूर्वांचल की जो भी सीट भाजपा जीती है उसमें भी हार जीत का अंतर काफी कम है। पूरे प्रदेश में त्राहि-त्राहि मचा हुआ है कहीं भी किसी की कोई सुनवाई नहीं हो रही है बेलगाम अफसरशाही और सरकार में सांगठनिक नेताओं और आम जनता की अनदेखी चुनाव में भारी पड़ सकती है। एक नहीं, अनेक बार ऐसा हुआ, जब अधिकारियों ने भाजपा नेताओं की न सिर्फ अनसुनी की, बल्कि कुछ एक अवसरों पर तो अधिकारियों ने भाजपा नेताओं को जेल तक भेजने की धमकी दी। यही हाल पूरे उत्तर प्रदेश में रहा।


यहां तक कि अयोध्या भाजपा के निवर्तमान महानगर अध्यक्ष को मंत्री व जनप्रतिनिधियों की उपस्थिति में तत्कालीन जिलाधिकारी ने जेल भेजने की धमकी भी दी थी। अनेक अवसरों पर भाजपा कार्यकर्ताओं और पदाधिकारियों तक को बेलगाम अफसरशाही के कारण शर्मिंदगी का सामना करना पड़ा।


यह आम चर्चा भी है कि सरकार का सांगठनिक नेताओं के बजाय अफसरों के साथ खड़े होने से कई कार्यकर्ता चुनाव के दौरान उस भांति मुखर नहीं हुए, जैसे पहले होते रहे हैं। इसी कारण मतदान प्रतिशत भी 2019 के मुकाबले गिर गया। इस बार कुल 59.13 प्रतिशत लोगों को मतदान किया था, जबकि पिछले लोकसभा चुनाव में 59.67 प्रतिशत मतदान हुआ।


इसीलिए उपेक्षित कार्यकर्ताओं ने मतदाताओं को घरों से निकालने में दिलचस्पी नहीं दिखाई। वोटिंग के दौरान कई मतदान केंद्र तो ऐसे भी थे, जहां कार्यकर्ता रहे तो जरूर लेकिन मतदाताओं को वोट देने के लिए प्रेरित करते नहीं दिखे। अफसरशाही की मनमानी का मुद्दा पदाधिकारियों ने सांगठनिक बैठकों में उठाया भी, लेकिन सुनवाई ही नहीं हुई।


पंकज चौधरी सातवीं बार चुनाव जीत कर आए हैं और केंद्रीय मंत्रिमंडल में दूसरी बार वित्त राज्यमंत्री भी बनाए गए हैं लोगों को उनसे काफी उम्मीदें भी हैं। लोगों का कहना है कि केंद्रीय वित्त राज्यमंत्री पंकज चौधरी एनएचआई अधिकारियों और जिला प्रशासन के आलाधिकारियों की बैठक कर आम जनता के पीड़ा को मौके पर सुने और एनएच आई द्वारा सड़क चौड़ीकरण के नाम पर अधिग्रहीत किये जा रहे जमीन और मकान का उचित मुआवजा दिलाने का काम करें।


सूत्रों से पता चला है कि महराजगंज जिले में एनएच 24 में भी जमीनों और मकानों के अधिग्रहण में एनएचआई और सरकार की तरफ से मनमाने तरीके से मुआवजा दिया जा रहा है। जो जनहित में नहीं है। जनता पूरी तरह पीड़ित है और आक्रोशित है। भूमि अधिग्रहण में लोगों को मुआवजे की राशि मौजूदा बाजार रेट पर नहीं मिली तो इसका बदला जनता 2027 के विधानसभा चुनाव में वोट से लेगी। जनता ने समूचे पूर्वांचल में भाजपा को हराने का मन बना लिया है। अयोध्या इसका जीता-जागता उदाहरण है। अयोध्या में भी भूमि अधिग्रहण को लेकर काफी विरोध था पर वहां की बेलगाम अफसरशाही और तोड़फोड़ करने वाले लोग किसी की नहीं सुने।


बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने भी जमीन अधिग्रहण में आम जनता से मिल बैठकर समस्या के समाधान करने की बात कही है।


इस संबंध में भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता जीतेन्द्र जायसवाल ने कहा है अयोध्या सहित तमाम सीटों पर भाजपा की हार को लेकर शीर्ष नेतृत्व मंथन में जुटा हुआ है। शीर्ष नेतृत्व को बेलगाम अफसरशाही द्वारा कार्यकर्ताओं का उत्पीड़न बंद होना चाहिए। निश्चित तौर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और आदरणीय मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी के नेतृत्व में आगामी 2027 में होने वाले चुनाव में भाजपा की बंपर जीत होगी और योगी जी के नेतृत्व प्रदेश में तीसरी बार भाजपा की सरकार बनेगी।

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