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छपरा सदर अस्पताल सभागार में दस्त नियंत्रण का अभियान का हुआ शुभारंभ


 हम भारती न्यूज़

संवाददाता मोहम्मद अशरफ जिला ब्यूरो चीफ सारण बिहार 



डायरिया से बचाव और सुरक्षित रहने के लिए जागरूक होना जरूरी-सिविल सर्जन


बच्चों की मौत की तीसरा बड़ी वजह डायरिया-डीआईओ 


बच्चों में दस्त की रोकथाम को लेकर जन जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है।इससे संबंधित प्रचार- प्रसार सामग्री एवं अभियान को शत प्रतिशत सफल आयोजन के लिए आवश्यक दिशा- निर्देश दिया गया है। उक्त बातें सारण के सिविल सर्जन डॉ सागर दुलाल सिन्हा ने सदर अस्पताल परिसर स्थित ओपीडी के सभागार में आयोजित दस्त नियंत्रण का शुभारंभ के दौरान मंगलवार को कहा। इस अवसर पर जिले के सभी स्वास्थ्य संस्थानों पर ओआरएस एवं ज़िंक की पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध करा दिया गया है। वहीं इस अभियान के अनुश्रवण एवं पर्यवेक्षण को लेकर जिला स्तरीय टीम का गठन किया गया है। जबकि हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर पर कार्यरत सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारी (सीएचओ) या जीएनएम का सहयोग लेने के लिए भी संबंधित प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारियों को निर्देशित किया गया है।


डायरिया से बचाव और सुरक्षित रहने के लिए जागरूक होना जरूरी: सिविल सर्जन 

सिविल सर्जन डॉ सागर दुलाल सिन्हा ने कहा कि गर्मी एवं बरसात के मौसम में छोटे छोटे बच्चों में दस्त के ज्यादा मामले सामने आते हैं। हालांकि इस तरह की बीमारी से बचाव के लिए आशा कार्यकर्ता, जीविका दीदी व अन्य स्वास्थ्य कर्मियों के सहयोग से बच्चों व अभिभावकों को हाथ धोने व साफ सफाई की जानकारी दी गई साथ ही पूरे जिले में इसको लेकर जन- जागरुकता अभियान चलाया जाएगा। हालांकि दस्त होने पर बच्चों की सुरक्षा के लिहाज़ से  स्वास्थ्य कर्मियों के साथ ही सभी स्वास्थ्य केंद्रों को भी मुस्तैद कर दिया गया है। लेकिन इसके अलावा बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में विशेष रूप से ध्यान देने के आवश्यक दिशा निर्देश दिया गया है।


बच्चों की मौत की तीसरा बड़ी वजह डायरिया: डीआईओ 

जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी डॉ चंदेश्वर प्रसाद सिंह ने कहा कि डायरिया एक गंभीर रोग है। जिस कारण पांच आयुवर्ष से नीचे के बच्चों की मौत की वजह डायरिया ही है। हालांकि विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार 01 से 59 माह के बीच के बच्चों की डायरिया से होने वाली मौत का तीसरा सबसे बड़ा कारण है। वहीं पांच वर्ष से कम उम्र के लगभग चार लाख से अधिक बच्चों की मौत डायरिया की वजह से होती है। लेकिन शुद्ध पेयजल और अनिवार्य रूप से साफ- सफाई करने मात्र से डायरिया को आसानी से रोका जा सकता है। जिले की सभी आशा कार्यकर्ताओ द्वारा दस्त से ग्रसित बच्चों के उपचार के लिए जिंक टेबलेट, ओआरएस पैकेट का वितरण नि: शुल्क दिया जाता है। 



सिविल सर्जन डॉ सागर दुलाल सिन्हा, जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी डॉ चंदेश्वर प्रसाद सिंह, डॉ शैलेश कुमार, जिला सामुदायिक उत्प्रेरक बृजेंद्र कुमार सिंह, सदर अस्पताल के अस्पताल प्रबंधक राजेश्वर प्रसाद, लेखा प्रबंधक बंटी रजक, यूनिसेफ की एसएमसी आरती त्रिपाठी, केयर इंडिया से रविश्वर कुमार, सरिता ठाकुर, देवनारायण प्रसाद सहित कई अन्य अधिकारी और कर्मी उपस्थित थे।

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