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सचिव की मेहरवानी से ग्राम प्रधान ने लिया लाखो रुपये का फर्जी भुगतान पोखरा खुदाई के नाम पर लाखो का घोटाला ग्राम पंचायत विशुनपुर से जुड़ा मामला

 सचिव की मेहरवानी से ग्राम प्रधान ने लिया लाखो रुपये का फर्जी भुगतान



पोखरा खुदाई के नाम पर लाखो का घोटाला ग्राम पंचायत विशुनपुर से जुड़ा मामला


हम भारती न्यूज से उत्तर प्रदेश चीफ व्यूरो प्रमुख धर्मेन्द्र कुमार श्रीवास्तव की ख़ास खबर


बस्ती सल्टौआ विकास खण्ड सल्टौआ के ग्राम पंचायत  में बिना कार्य कराए प्रधान ने सचिव की मिलीभगत से लाखों रुपया भुगतान ले लिया गया। 

      ग्राम पंचायत निशुनपुर मे गिरि बाबा के घर बगल पोखरा खुदाई के कार्य को टी ए (जेई) एवं सचिव द्वारा सुविधा शुल्क लेकर फर्जी भुगतान कर दिया गया है। जब कि वही धरातल पर एक भी मनरेगा मजदूरों से  काम नही कराया गया है बीते दिनो प्रधान द्वारा जेसीबी मशीन  लगाकर पोखरे की खुदाई हुई जिसको जिसका फोटो विडियो साक्ष्य के साथ मीडिया द्वारा प्रमुखता खबर भी प्रकाशित किया गया था लेकिन ब्लाक प्रशासन क जिम्मेदारो द्वारा मीडिया के खबरो को संज्ञान लेने के बजाय बिना कार्य की जाच किये लाखो रुपए का भुगतान कर दिया गया है कार्यवाही ना होने से प्रधान एवं सचिव का हौसल बुलन्द है सूत्रो के मुताबिक ग्राम प्रधान वेद प्रकाश चौधरी पूर्व मे  बस्ती जिले के अपना दल पार्टी से  रुधौली विधान सभा के अध्यक्ष रह चुके हैं प्रधान वेद प्रकाश ने अपने पद का ध्वस दिखाकर अपने ही ग्राम पंचायत विशुनपुर मे जमकर भ्रष्टाचार किया गया था भ्रष्टाचार की सुर्खियों में रहने वाले ग्राम प्रधान वेद प्रकाश चौधरी को   पार्टी ने पद से हटा दिया लेकिन उसके बाद भी प्रधान वेद प्रकाश चौधरी का नेतागिरी का नशा नही उतर रहा एव मनरेगा मजदूर के बजाय जेसीबी मशीन लगा कर आधा - अधूरे काम को ब्लाक प्रशासन के मिलीभगत से गिरी बाबा के घर के पास पोखरा खुदाई का कार्य कागजी अभिलेखों मे कोरम पूरा कर फर्जी भुगतान ले लिया गया है।

 विशुनपुर के राजस्वगांव कड़हा में पोखरा खुदाई जेसेबी मशीन से  अधा - अधूरा कार्य कराकर प्रधान द्वारा मनरेगा मजदूरो के हक पर डाका डालने का कार्य किया गया है। ऐसे में प्रश्न उठा रहा है कि  संबंधित ब्लाक के अधिकारी यदि समय से निगरानी करते तो शायद  ग्राम पंचायत विशनुपुर मे इतने बड़े पैमाने पर घोटाला सम्भव नही था। अब देखना यह है कि ग्राम पंचायत विशनुपुर मनरेगा मजदूरों से बिना काम कारये प्रधान एव सचिव की मिलीभगत से फर्जी भुगतान हुए लाखो रुपयो का अधिकारीयों द्वारा जांच कर कार्यवाही की जायेगी या फिर सुविधा शुल्क के अभाव में मामले की लीपापोती होगी आमजनों मे  तरह-तरह की चर्चाएं चल रही है

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