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वज्रपात से बचाएगा धातु से बनी भगवान शिव की मूर्ति



हम भारती न्यूज़ से उत्तर प्रदेश चीफ व्यूरो प्रमुख धर्मेन्द्र कुमार श्रीवास्तव की ख़ास ख़बर


गोरखपुर आईटीएम,गीडा गोरखपुर के चार छात्र साईं अंश, अंशिका, श्वेत यादव, प्रणव ठाकुर ने मिल कर आकाशीय बिजली समस्या के समाधान के लिए एक ऐसा उपकरण तैयार किया हैं जो आकाशीय बिजली के गिरने सें पहले लोंगो को सतर्क कर सकता हैं।

छात्रों ने धातु सें बनी शेषनाग और भगवान शिव की एक ऐसी खास मूर्ति तैयार की हैं जो वज्रपात यानी आकाशीय बिजली से लोंगो की सुरक्षा करेगा। आकाशीय बिजली गिरने सें प्रति वर्ष हजारों लोंगो की जाने चली जाती हैं।


पीतल धातु से बनी है भगवान शिव की मूर्ति


छात्रों ने भगवान शिव और शेषनाग की धातु सें बनी ऐसी मूर्ति तैयार की हैं जो आकाशीय बिजली के तड़कने पर कई हजार वोल्ट करंट उत्पन्न कर आकाशीय बिजली को अपनी और आकर्षित कर सकता हैं। इस तकनीक की मदद सें आकाशीय बिजली को मूर्ति के स्थान पर केंद्रित किया जा सकता हैं, ऐसा करने सें आस-पास के लोंगो की जान बच सकती हैं।


आकाशीय बिजली हरे पेड़,खुले स्थान व बिजली के पोल पर गिरती हैं


वैज्ञानिकों की माने तो आकाशीय बिजली हरे वृक्ष,खुले स्थान और बिजली के तारों व ख़म्बो पर अधिक केंद्रित होती हैं, इनके माध्यम सें आकाशीय बिजली जमीन मे समा जाती हैं। यही बिजली जब किसी इंसान के ऊपर गिरती हैं तों जान भी चली जाती हैं। इसलिए बारिश के वक्त लोंगो को खुले आसमान के नीचे नहीं रहना चाहिए।


मूर्ति में लगा माइक सेंसर आवाज़ से कई हजार बोल्ट करंट उत्पन्न करेगा


छात्रों ने बताया मूर्ति में हमने एक माइक सेंसर लगाया हैं जो आवाज सें एक्टिव हों जाता हैं और कई हजार वोल्ट का करंट उत्पन्न करने लगता हैं। ये करंट धातु सें बनी भगवान शिव व शेषनाग जी के आस-पास उत्पन्न होता हैं जो धातु सें बनी मूर्ति आकाशीय बिजली को अपनी ओर आकर्षित कर आस-पास के लोंगो के बजाय बिजली धातु सें बनी मूर्ति की तरफ केंद्रित हों कर गिरे।


आठ दिन में तैयार होगा मूर्ति


छात्र साईंअंश ने बताया कि इसे बनाने हमें आठ दिन का समय लगा और 8 सें 10 हजार का खर्च आया हैं। इस प्रोजेक्ट मे हाई वोल्टेज ट्रांसफार्मर, 3.7 वोल्ट बैटरी, चार्जर एल.ई.डी लाईट, मेटल, पीतल धातु, स्विच इत्यादि उपकरणों का इस्तेमाल किया गया हैं।


निदेशक डॉ. एन के सिंह

“संस्थान के निदेशक डॉ. एन के सिंह ने बताया कि छात्रों ने कॉलेज के इन्नोवेशन सेल मे इस प्रोजेक्ट का प्रोटोटाइप मॉडल तैयार किया हैं जो वज्रपात से लोंगो को सुरक्षा प्रदान कर सकता हैं “


इस अवसर पर संस्थान के अध्यक्ष नीरज मातनहेलिया, सचिव श्याम बिहारी अग्रवाल, कोषाध्यक्ष निकुंज मातनहेलिया, संयुक्त सचिव अनुज अग्रवाल, डॉ मनोज मिश्रा सहित संस्थान के सभी शिक्षकों ने छात्रों कि इस उपलब्धि पर बधाई देते हुए प्रसन्नता व्यक्त किया।

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