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पति की लंबी आयु और सुख-समृद्धि के लिए महिलाएं रखी निर्जला व्रत

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 पति की लंबी आयु और सुख-समृद्धि के लिए महिलाएं रखी निर्जला व्रत



हम भारती न्यूज़ से उत्तर प्रदेश चीफ व्यूरो प्रमुख धर्मेन्द्र कुमार श्रीवास्तव की ख़ास ख़बर


महराजगंज करवाचौथ, महिलाओं के लिए एक महत्वपूर्ण और पवित्र पर्व है जो पति की लंबी आयु और समृद्धि के लिए रखा जाता है। आज यह व्रत मुख्य रूप से नगर पंचायत परतावल में व्यापक रूप से मनाया गया। हर साल कार्तिक मास की कृष्ण पक्ष की चतुर्थी को यह पर्व मनाया जाता है, जिसमें महिलाएं दिनभर निर्जला व्रत रखती हैं और रात को चांद देखने के बाद ही अन्न और जल ग्रहण करती हैं।


करवाचौथ न सिर्फ पति-पत्नी के रिश्ते को मजबूत करने का प्रतीक है, बल्कि यह परिवार में समर्पण, प्रेम और विश्वास को भी बढ़ावा देता है। महिलाएं इस दिन नए वस्त्र पहनती हैं, सोलह श्रृंगार करती हैं और पूरे विधि-विधान से व्रत करती हैं। इस व्रत का धार्मिक महत्व भी गहरा है, जहां भगवान शिव, माता पार्वती, और गणेश जी की पूजा कर आशीर्वाद लिया जाता है।


करवा चौथ व्रत में सुबह सूर्योदय से पहले महिलाएं ‘सरगी’ नामक विशेष भोजन ग्रहण करती हैं, जिसे आमतौर पर सास द्वारा दिया जाता है। दिनभर महिलाएं बिना भोजन और जल ग्रहण किए व्रत रखती हैं। शाम को चंद्रमा के दर्शन के बाद महिलाएं अपने पति के हाथों से जल और भोजन ग्रहण कर व्रत तोड़ती हैं। इस व्रत में चंद्रमा और पति की पूजा का विशेष महत्व होता है, क्योंकि यह व्रत उनके दीर्घायु और स्वस्थ जीवन के लिए समर्पित है।


आधुनिक परिवेश में करवाचौथ : इस समय में भी करवाचौथ की परंपरा श्रद्धा और आस्था के साथ निभाई जाती है, लेकिन इसके साथ ही कुछ बदलाव भी देखे गए हैं। कई स्थानों पर अब पति भी अपनी पत्नियों के साथ व्रत रखकर अपने प्रेम और समानता का प्रतीक पेश करते हैं। सोशल मीडिया पर भी इस व्रत से जुड़ी तस्वीरें, वीडियो और शुभकामनाएं साझा करती हैं, जिससे यह पर्व एक नए रूप में उभर रहा है।


करवाचौथ का पर्व नारी सशक्तिकरण और परिवार की एकजुटता का संदेश भी देता है। जहां एक ओर महिलाएं अपनी जिम्मेदारियों को निभाते हुए व्रत रखती हैं, वहीं दूसरी ओर यह उनके अंदर की शक्ति, समर्पण और दृढ़ संकल्प को भी दर्शाता है। करवाचौथ सिर्फ एक धार्मिक अनुष्ठान नहीं, बल्कि यह पर्व भारतीय संस्कृति और परंपराओं का अभिन्न हिस्सा है। इस व्रत के माध्यम से पति-पत्नी के रिश्ते में और भी मधुरता और विश्वास बढ़ता है, जिससे उनका संबंध और भी मजबूत होता है।

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