हम भारती न्यूज़
संवाददाता मोहम्मद अशरफ जिला ब्यूरो चीफ सारण बिहार
जिला अग्निशमन पदाधिकारी सारण, छपरा के द्वारा बताया गया कि दुर्गा पूजा के शुभ अवसर पर दुर्गा पूजा पंडाल में अग्नि से सुरक्षा के उपाय करना बहुत ही आवश्यक है। आग लगने की स्थिति में सामान के नुकसान के साथ-साथ जान माल की सुरक्षा भी बहुत आवश्यक होता है। इसलिए आवश्यक है कि हम सभी अग्नि से बचाव हेतु आवश्यक जानकारी रखें। जिससे हम सभी सुरक्षित रह सकें।
क्या करें:-
फायर रिटारडेंट सॉल्यूशन में उपचारित किया हुआ सूती कपड़े का पंडाल बनाएं। अग्नि निरोध घोल हेतु सामग्री उचित मात्रा में मिलाकर रखें ताकि समय पर इसका उपयोग किया जा सके।
पंडाल के प्रत्येक 100 वर्ग मीटर स्थान पर अग्निशमन यंत्र (9 लीटर) क्षमता को अवश्य लगाएं।
पंडाल का निर्माण रेलवे लाइन, विद्युत सब स्टेशन, चिमनी या भट्ठे से कम से कम 15 मीटर की दूरी पर करें।
पंडाल में कम से कम तीन द्वार रखें ताकि आवश्यक होने पर इसका उपयोग किया जा सके।
प्रत्येक पंडाल के लिए अलग-अलग विद्युत फ्यूज सर्किट ब्रेकर लगायें
बिजली की तार को अच्छे से टेपिंग करना बहुत ही आवश्यक है।
बिजली कटने की स्थिति में स्पार्कलेस लाइट का प्रयोग करें।
हवन कुंड के पास कम से कम 100 लीटर वाला पानी से भरा हुआ चार ड्रम रखें साथ ही बाल्टी और मग भी रखना बहुत जरूरी है ताकि आवश्यकता पड़ने पर इसका उपयोग किया जा सके।
स्थानीय अग्निशमन केंद्र का टेलीफोन नंबर जगह-जगह पर अवश्य प्रदर्शित करें।
क्या न करें:-
पंडाल 3 मीटर से कम ऊँचाई का न बनाएं।
पंडाल बनाते समय सिंथेटिक सामग्री से बने कपड़े या रस्सी का उपयोग न करें ।
इस बात का ध्यान रखा जाए की बिजली लाइन के नीचे पंडाल का निर्माण ना हो।
किसी भी परिस्थिति में बिजली के तार को खुला नहीं रखें।
पंडाल में लाइट हेतु मोमबत्ती, दिया आदि का प्रयोग ना करें।
हैलोजन लाइट का प्रयोग पंडाल के अंदर ना करें।
पंडाल के अंदर हवन कुंड का प्रयोग ना करें। यदि आवश्यक हो तो पंडाल से बाहर खुले में सुरक्षित स्थान पर हवनकुण्ड का उपयोग करें।