हम भारती न्यूज़ से उत्तर प्रदेश चीफ व्यूरो प्रमुख धर्मेन्द्र कुमार श्रीवास्तव की ख़ास ख़बर
परतावल महराजगंज एक तरफ प्रदेश सरकार गरीबों को सस्ता इलाज मुहैया करने के लिए तरह-तरह की योजनाएं चला रही है । तो दूसरी तरफ स्वास्थ्य विभाग के ही कुछ लोग सरकार को बदनाम करने में लगे हुए हैं ।
मालूम हो कि सामुदायिक स्वास्थ केन्द्र परतावल पर मरीजों खुलेआम एक अलग पर्ची पर बाहर की दवाएं लिखी जा रहीं जिससे मरीजों को दवा बाहर से लेना पड़ रहा है ।
शासन के स्पष्ट निर्देश के बावजूद भी सरकारी अस्पतालों की स्थिति सुधरने का नाम नहीं ले रही और आने वाले मरीजों को बाहर से दवा लिखी जा रही है। डॉक्टरों की मनमानी से मरीजों को अत्यधिक परेशानी झेलना पड़ रहा है। सीएससी परतावल में लगातार बदलते मौसम के कारण मरीजों की संख्या बढ़ी है। रुपए खर्च कर पाने में असमर्थ लोग ही सरकारी अस्पतालों में दवा कराने आते हैं, जिन्हें सरकारी दवाई न देकर अधिक कमीशन के चक्कर में महंगी दवाई लिखी जाती है।
बृहस्पतिवार को एक मरीज ने बताया कि पेट में कुछ दिक्कत थी जिसको दिखाने आया था तो डॉक्टर ने बाहर से दवा लिख दिया और इसकी एक पर्ची बना दी , बाहर लेने गया तो 306 रुपये की दवा मिली।
इसी तरह एक महिला राम कुमारी इलाज कराने आयी तो उसको भी बाहर से दवा लिखी गई, जो 120 रुपये की मिली। ऐसे और कई मरीज हैं जिनको बाहर की धड़ल्ले से दवाएं लिखी जा रही हैं।
सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि समय से पहले ही डॉक्टर अपने केबिन में से गायब हो जा रहे। जिससे डॉक्टर के अभाव में अस्पताल में आए मरीज को इधर उधर भटकना पड़ रहा और कुछ मरीज बाहर बैठकर डॉक्टर साहब का इंतजार करते रहे। जब डॉक्टर के बारे में जानकारी की गई तो पता चला कि एक ही केबिन में मरीजों को देख रहे थे। अस्पताल में मिलने वाली दवाओं के साथ- साथ एक सदा पर्ची लिखी जाती।
वही एक मेडिकल स्टोर संचालक ने बताया कि पर्ची ही डॉक्टरों का कोड है उसी के हिसाब से डॉक्टरों का कमीशन मेडिकल स्टोर संचालकों द्वारा पहुंचा जाता है।
सीएचसी परतावल के अधीक्षक राजेश द्विवेदी ने बताया कि मामला संज्ञान में है। इस पर उचित कार्यवाही की जाएगी।