हम भारती न्यूज़
मंडल ब्यूरो चीफ राजेश्वर सिंह
संभल से खास खबर
जिसमें मुख्यमंत्री युवा उद्यमी विकास अभियान (YUVA) योजना उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा सूक्ष्म लघु एवं मध्यम उद्यम को प्रोत्साहित करने तथा इस क्षेत्र में पूंजी निवेश को बढ़ावा देने तथा नए रोजगार सृजित करने हेतु चलाया जा रहा है। प्रत्येक वर्ष 1 लाख नई सूक्ष्म इकाइयां स्थापित करने तथा आगामी 10 वर्षों में प्रदेश में 10 लाख सूक्ष्म इकाइयां स्थापित करने का इस योजना के अंतर्गत उद्देश्य है।
इस योजना के अंतर्गत आवेदक की पात्रता में आवेदक उत्तर प्रदेश का निवासी होना चाहिए। आवेदक की शैक्षिक योग्यता न्यूनतम कक्षा 8 उत्तीर्ण होनी चाहिए। आवेदक की आयु 21 वर्ष से 40 वर्ष तक के बीच होनी चाहिए। आवेदक सरकार द्वारा संचालित प्रशिक्षण योजनाओं जैसे विश्वकर्मा श्रम सम्मान योजना एक जनपद एक उत्पाद प्रशिक्षण एवं टूलकिट योजना, अनुसूचित जाति/जनजाति/अन्य पिछडावर्ग प्रशिक्षण योजना, उत्तर प्रदेशस्किल डेवलपमेन्ट मिशन द्वारा संचालित कौशल उन्नयन आदि में प्रशिक्षित हो अथवा किसी मान्यता प्राप्त विद्यालय/शैक्षणिक संस्थान से कौशल संबंधी सर्टीफिकेट कोर्स / डिप्लोमा/डिग्री प्राप्त हो। पूर्व में पीएम स्वनिधि योजना के अतिरिक्त राज्य अथवा केन्द्र सरकार द्वारा संचालित किसी अन्य योजना में बयाज अथवा पूंजी उपादान का लाभ प्राप्त न किया हो।
योजना के अंतर्गत वित्त पोषण के अंतर्गत उद्योग एवं सेवा क्षेत्र की अधिकतम रू0 5.00 लाख तक की परियोजनाओं के ऋण पर अनुदान निर्धारित किया जायेगा। रू0 5.00 लाख से अधिक रु० 10.00 लाख तक परियोजना लागत वाली इकाइयों में ऋण/वित्त की व्यवस्था लाभार्थी को स्वयं के स्रोतों से करनी होगी, जिसके सापेक्ष कोई अनुदान देय नहीं होगा। ऋण कम्पोजिट लोन प्रकृति का होगा। कुल परियोजना लागत का न्यूनतम 10 प्रतिशत टर्म लोन के रूप में होना अनिवार्य होगा। परियोजना में भूमि-भवन का क्रय सम्मिलित नहीं होगा।
सामान्य वर्ग के लाभार्थी को परियोजना लागत का 15 प्रतिशत, अन्य पिछड़ा वर्ग के लाभार्थी को परियोजना लागत का 12.5 प्रतिशतं तथा अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति/दिव्यांगजन के लाभार्थी को परियोजना लागत का 10 प्रतिशत स्वयं के अंशदान के रूप में जमा करना होगा। यह अंशदान अग्रान्त (फ्रंट इण्डेड) होगा। लाभार्थी को परियोजना लागत अथवा अधिकतम रू0 5.00 लाख, जो भी कम हो, का 10 प्रतिशत मार्जिन मनी सब्सिडी के रूप में दिया जायेगा। यह अनुदान बैंक इण्डेड होगा।
परियोजना लागत अथवा अधिकतम रु० 5.00 लाख, जो भी कम हो, के सापेक्ष बैंक / वित्तीय संस्था से लिये गये ऋण के शत प्रतिशत ब्याज का उपादान वित्त पोषण की तिथि से अगले 4 वर्षों के लिये दिया जायेगा। लोन डिफाल्ट होने की स्थिति में अथवा किस्तों की अदायगी में लाभार्थी द्वारा देरी किये जाने पर बैंक / वित्तीय संस्था द्वारा लगाये जाने वाले पेनल इन्ट्रेस्ट को उपादान में शामिल नहीं किया जायेगा।
परियोजना स्थापित न करने अथवा 4 वर्षों की समयावधि में परियोजना बन्द होने की स्थिति में मार्जिन मनी सब्सिडी की धनराशि वापस ले ली जायेगी। यह सब्सिडी इकाई के 4 वर्षों तक कार्यरत होने के उपरान्त उसके खाते में समायोजित की जायेगी। 4 वर्षों की अवधि में मूलधन की पेनल इन्ट्रेस्ट सहित वापसी करने वाला लाभार्थी योजनान्तर्गत द्वितीय चरण वित पोषण का पात्र होगा।
द्वितीय चरण (विस्तारीकरण) की परियोजना लागत अधिकतम रु० 10.00 लाख हो सकेगी तथा प्रथमस्टेज में लिए गये ऋण का अधिकतम दोगुना अथवा रु० 7.50 लाख, जो भी कम हो, की ऋण धनराशि पर 50 प्रतिशत ब्याज उपादान वित पोषण की तिथि से अगले 3 वर्षों के लिए दिया जायेगा। द्वितीय चरण की परियोजना में कोई मार्जिन मनी सब्सिडी देय नहीं होगी। कम्पोजिट द्वितीय चरण लोन में परियोजना लागत का न्यूनतम 10 प्रतिशत टर्मलोन होना अनिवार्य होगा तथा इसमें वर्कशाप/वर्कशेड की लागत शामिल की जा सकेगी। प्रथम स्टेज के वित्त पोषण के लाभार्थी जिनके द्वारा लोन अदायगी में डिफाल्ट की गयी हो द्वितीय चरण वित पोषण के लिये अपात्र माने जायेंगे।
द्वितीय चरण के अंतर्गत रु० 10.00 लाख से अधिक किन्तु अधिकतम रु० 20.00 लाख की परियोजना लागत की इकाइयां विस्तारित की जा सकेंगी, किन्तु इनमें अधिकतम रू0 7.50 लाख तक की धनराशि पर ही देय वार्षिक ब्याज का 50 प्रतिशत अनुदान वित्त पोषण की तिथि से अगले 3 वर्षों के लिए दिया जायेगा। शेष ऋण/वित्त की व्यवस्था लाभार्थी को स्वयं के स्रोतों से करनी होगी।
इस बैठक में जिला उद्योग केंद्र से श्री आशीष शुक्ला, श्री शुभम सिंह, बैंकर्स एवं सीएससी के ब्लॉक के ऑर्डिनेटर सहित संबंधित जिला स्तरीय अधिकारी एवं कर्मचारी उपस्थित रहे।
उपयुक्त उद्योग जिला उद्योग केंद्र, कार्यालय सम्भल