*केन्द्र सरकार 01 अप्रैल 2025 से लागू करेगी यूपीएस, कर्मचारियों ने की बैठक
कर्मचारियों के रिटायरमेंट पर मिलने वाले फण्ड में पारदर्शिता लाए सरकार–रूपेश
पेंशन की समयावधि 25 वर्ष के स्थान पर 20 वर्ष की जाए मदन मुरारी शुक्ल
हम भारती न्यूज़ से उत्तर प्रदेश चीफ व्यूरो प्रमुख धर्मेन्द्र कुमार श्रीवास्तव की ख़ास ख़बर
गोरखपुर 7 मार्च केंद्र सरकार द्वारा यूनिफाइड पेंशन स्कीम की अधिसूचना जारी कर दी गई है न्यू इंडिया पेंशन स्कीम (NPS) के कर्मचारियों को 01 अप्रैल 2025 एनपीएस के स्थान पर यूपीएस के दायरे में लाया जा रहा है इसी को लेकर राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद गोरखपुर की एक आवश्यक बैठक डिप्लोमा इंजीनियरिंग संघ भवन पर संपन्न हुई जिसकी अध्यक्षता डिप्लोमा इंजीनियरिंग संघ के क्षेत्रीय एवं राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद के कार्यवाहक अध्यक्ष इंजीनियर राम समुझ एवं संचालन परिषद के महामंत्री मदन मुरारी शुक्ल ने किया।
रूपेश मदन मुरारी रामसमुझ राजेश सिंह पंडित श्याम नारायण एवं अशोक पांडेय ने यूपीएस के निम्नलिखित कमियों से सरकार को अवगत कराया और मांग किया की सरकार इन सभी कमियों को दूर करें तभी कर्मचारियों को यूपीएस मंजूर होगी अन्यथा हमें पुरानी पेंशन दी जाए।
1. सेवानिवृत्ति के बाद मिलने वाले पीएफ फंड की जानकारी नहीं: UPS में कर्मचारियों को सेवानिवृत्ति के बाद उनके अंशदान के धनराशि का संपूर्ण पैसा मैं ब्याज उन्हें मिलेगा कि नहीं यह कहीं दर्शाया नहीं गया है जिसके कारण इसे लेकर कर्मचारियों में अनिश्चितता है।
2. पेंशन की समयावधि 25 वर्ष से घटाकर 20 वर्ष की जाए: UPS में पेंशन में 25 वर्ष की सेवा पर पूर्ण पेंशन का प्रावधान है जबकि आरक्षित वर्ग के लोग 40 वर्ष की उम्र तक नौकरी पाते हैं ऐसे में उन्हें पूर्ण पेंशन का लाभ नहीं मिलेगा इसलिए इसकी समय अवधि घटकर 20 वर्ष की जाए।
3. निवेश की जोखिम: UPS में निवेश की जोखिम है, जिससे कर्मचारियों के पेंशन फंड में कमी आ सकती है।
4. पेंशन व्यवस्था में कमी: UPS में अंतिम 12 महीना के मूल वेतन के आधार को समाप्त कर सेवा के अंतिम महीने के मूल वेतन पर पेंशन का निर्धारण किया जाए।
5. नियमों में जटिलता: UPS में नियमों में जटिलता है, जिससे कर्मचारियों को इसके नियमों को समझने में कठिनाई होती है इसलिए नियमों को सरल किया जाए।
6. पारदर्शिता की कमी:⁰ UPS में पारदर्शिता की कमी है, जिससे कर्मचारियों को अपने पेंशन फंड की जानकारी नहीं मिलती है इसमें पारदर्शिता लाई जाए।
7. कर्मचारियों की भागीदारी की कमी: UPS में कर्मचारियों की भागीदारी की कमी है, जिससे कर्मचारियों को अपने पेंशन फंड में निवेश करने का अवसर नहीं मिलता है इसमें सुधार किया जाए
कर्मचारी नेताओं ने कहा की इन सभी कर्मियों को दूर करने के बाद ही कर्मचारी यूपीएस पर भरोसा कर सकेगा, इसलिए सरकार को चाहिए कि कर्मचारी नेताओं से बात कर तत्काल इन सभी कमियों को दूर करें।
इस अवसर पर रूपेश कुमार श्रीवास्तव मदन मुरारी शुक्ल ई० रामसमुझ राजेश सिंह गोविन्द जी पंडित अशोक पांडेय पंडित श्याम नारायण शुक्ल इजहार अली फुलई पासवान कनिष्क गुप्ता बंटी श्रीवास्तव जामवंत पटेल यशवीर श्रीवास्तव जितेन्द्र कुमार वरुण वर्मा बैरागी साहित्य तमाम कर्मचारी नेता उपस्थित रहे।