हम भारती न्यूज़
मंडल ब्यूरो चीफ राजेश्वर सिंह
संभल से खास खबर
कलक्ट्रेट सभागार में चित्त प्रसादन की तीन दिवसीय कार्यशाला का आज हुआ समापन*
अंतर्राष्ट्रीय योगाचार्य डाॅ. आचार्य प्रशांत जी द्वारा कार्यशाला के अंतिम दिन पीएम श्री विद्यालयों एवं संभल श्री विद्यालयों के प्रधानाध्यापक एवं अध्यापकों को मन को प्रसन्न रखने तथा तनाव प्रबंधन पर दिये व्याख्यान
शिक्षण कार्य सबसे पवित्र कार्य है अतः चित्त प्रसादन अभ्यास के माध्यम से अपनी क्षमताओं को बढ़ा कर करें शिक्षण कार्य..... डाॅ. आचार्य प्रशांत जी
प्रत्येक व्यक्ति अपने जीवन का करें उद्देश्य निर्धारित... डाॅ. आचार्य प्रशांत जी
शारीरिक संतुलन एवं योग निद्रा का शिक्षकों को कराया अभ्यास
सम्भल ( बहजोई) 23मार्च 2025
आज कलक्ट्रेट सभागार में तीन दिवसीय चित्त प्रसादन कार्यशाला समापन हुआ । कार्यशाला के मुख्य अतिथि अंतर्राष्ट्रीय योगाचार्य / व्याकरणाचार्य/ अध्यात्मिक मार्गदर्शक/ तथा वैदिक गुरुकुल डढीकर अलवर के प्राचार्य डाॅ. आचार्य प्रशांत जी रहे।
तीन दिवसीय कार्यशाला के अन्तर्गत जनपद स्तरीय/तहसील स्तरीय / ब्लॉक स्तरीय अधिकारी गण/ कर्मचारी गण तथा शिक्षक गणों में कार्यकुशलता बढाने, तनाव, अवसाद दूर किये जाने, जीवन में उत्साह, नई ऊर्जा, व बल का संचार किये जाने तथा एकाग्रता बढाने, संतोष एवं आत्मविश्वास में वृद्धि किये जाने, तनाव प्रबंधन किये जाने, विशेष प्राण क्रियाओं, एवं योगाभ्यास को सूक्ष्मता से समझने, ध्यान की स्थिति के अनुभव कर चर्चा की गयी।
डाॅ. आचार्य प्रशांत जी द्वारा आज पीएम श्री विद्यालय एवं संभल श्री विद्यालय के प्रधानाध्यापक एवं अध्यापकों को सीखना सिखाना , स्वास्थ्य की परिभाषा पर चर्चा की तथा शारीरिक, मानसिक एवं सामाजिक स्वास्थ्य ।मनुष्य का वात, पित्त और कफ सम होना , प्राण के माध्यम से चित्त को सही करने की कला आदि पर बताया । मैत्री भाव एवं करुणा भाव पर भी चर्चा के साथ ही । शारीरिक संतुलन के अभ्यास से होने वाले लाभ जैसे ह्र्दय शक्तिशाली होना तथा भूलने की समस्या में लाभ प्राप्त होता है। उन्होंने कहा कि शारीरिक संतुलन के अभ्यास से हाइपरटेंशन एवं डायबिटीज की बीमारियों में लाभ प्राप्त होता है।श्वास के नियंत्रण से कार्यकुशलता बढती है तथा क्षमताओं का विकास होता है प्राण पर नियंत्रण होने से मन पर नियंत्रण होता है। आचार्य जी ने श्वास पर नियंत्रण से संबंधित योग निद्रा का भी अभ्यास कराया। उन्होंने कहा कि प्रसन्नता चित्त का विषय है। धैर्यवान होना जीवन की बड़ी उपलब्धि होती है। उन्होंने अच्छे एवं बुरे लोगों के विषय में भी बताया। उन्होंने पुण्यात्मा के प्रति श्रद्धा भाव रखने तथा पापात्मा के प्रति उपेक्षा का भाव रखने को कहा ताकि व्यक्ति का चित्त प्रसन्न रह सके। उन्होंने कहा कि प्रत्येक व्यक्ति को अपने जीवन का उद्देश्य निर्धारित करना चाहिए। शिक्षण कार्य एक पवित्र कार्य होता है अतः चित्त प्रसादन के अभ्यास के माध्यम से अपनी क्षमताओं को बढाते हुए शिक्षण का कार्य करें।
कार्यशाला के पश्चात जिला विकास अधिकारी राम आशीष द्वारा डाॅ. आचार्य प्रशांत जी को स्मृति चिन्ह् के रूप में भगवान श्री कृष्ण की मूर्ति देकर सम्मानित किया। आरसेटी ( ग्रामीण स्वरोजगार प्रशिक्षण संस्थान) के निदेशक विनय तिवारी द्वारा आचार्य प्रशांत जी को स्वयं सहायता समूहों की महिलाओं द्वारा तैयार उत्पादों के गिफ्ट हैंपर तथा स्वयं सहायता समूह श्री गणेश पाठकपुर की सोनिया शर्मा द्वारा पंचगव्य से तैयार गोबर के लट्ठे एवं हवन सामग्री भेंट की।
इस अवसर पर खंड विकास अधिकारी बहजोई ओमवीर सिंह, खंड विकास अधिकारी जुनावई अखिलेश कुमार तथा खंड विकास अधिकारी सम्भल प्रेम पाल सिंह सहित समस्त खंड शिक्षा अधिकारी तथा पीएम श्री विद्यालय एवं संभल श्री विद्यालय के प्रधानाध्यापक एवं अध्यापक गण उपस्थित रहे।
जारी जिला सूचना कार्यालय सम्भल।