हम भारती न्यूज़ से उत्तर प्रदेश चीफ व्यूरो प्रमुख धर्मेन्द्र कुमार श्रीवास्तव की ख़ास ख़बर
गोरखपुर आज शाम 7:30 बजे से 8:30 बजे तक गोरखपुर शहर एक विशेष और अत्यंत महत्वपूर्ण अभ्यास का हिस्सा बनेगा, जब पूरा शहर अंधेरे में डूब जाएगा और सायरन की गूंज से युद्ध जैसी स्थिति का पूर्वाभ्यास किया जाएगा। केंद्र सरकार के गृह मंत्रालय द्वारा दिए गए निर्देशों के तहत यह मॉकड्रिल देशभर के चयनित शहरों में की जा रही है, जिसमें गोरखपुर की भागीदारी को बेहद महत्वपूर्ण माना जा रहा है। भारत-पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव और वैश्विक सुरक्षा की वर्तमान स्थिति को देखते हुए सरकार ने नागरिक सुरक्षा प्रणाली की गंभीर समीक्षा और जन-सहभागिता सुनिश्चित करने का निर्णय लिया है। इसी क्रम में आज गोरखपुर में एयर रेड और ब्लैकआउट मॉकड्रिल आयोजित की जा रही है, जिसका उद्देश्य युद्धकालीन परिस्थितियों में आमजन को जागरूक करना, आपात सेवाओं की प्रतिक्रिया का परीक्षण करना और प्रशासनिक तत्परता को परखना है। इस मॉकड्रिल के दौरान शहर की विद्युत आपूर्ति को नियंत्रित रूप से बंद किया जाएगा। सभी घरों, प्रतिष्ठानों और सार्वजनिक स्थानों को निर्देशित किया गया है कि वे अपने प्रकाश स्रोत — बिजली, इनवर्टर, जनरेटर, या बैटरी लाइट — को पूर्ण रूप से बंद रखें ताकि कोई भी प्रकाश बाहर न जा सके और शहर पूर्ण रूप से अंधेरे में डूबा दिखे, जैसा कि किसी हवाई हमले की आशंका में होता है।
शाम 7:30 बजे जैसे ही दो मिनट का ऊँची-नीची आवाज वाला सायरन बजेगा, वह संकेत होगा कि अब मॉकड्रिल आरंभ हो चुकी है और यह एक काल्पनिक एयर रेड (हवाई हमला) का प्रतीक है। नागरिकों को तुरंत अपने निर्धारित सुरक्षित स्थानों की ओर जाना होगा, अपने मोबाइल रेडियो आदि पर प्रशासनिक दिशा-निर्देशों को सुनना होगा, और हर प्रकार की अफवाहों से बचते हुए शांतिपूर्वक प्रक्रिया का पालन करना होगा। रात 8:30 बजे दो मिनट का एक समान स्वर में बजने वाला सायरन यह संकेत देगा कि खतरा टल चुका है और मॉकड्रिल समाप्त हो चुकी है।
जिलाधिकारी की अध्यक्षता में हुई प्रशासनिक बैठक में मॉकड्रिल की पूरी रणनीति बनाई गई है, जिसमें वायु सेना, नागरिक सुरक्षा विभाग, चिकित्सा, अग्निशमन, संचार, आपूर्ति, शव निस्तारण, और अन्य आपात सेवाओं के प्रतिनिधि शामिल रहे। यह मॉक अभ्यास सिर्फ एक प्रतीकात्मक कार्य नहीं, बल्कि एक रणनीतिक रिहर्सल है जिसमें वायुसेना के संभावित हमले के दौरान आग बुझाने, घायलों को प्राथमिक उपचार देने, मलबे में फंसे लोगों को निकालने और सामूहिक राहत कार्यों की वास्तविक जांच की जाएगी।
वायुसेना के अधिकारियों ने मौसम को अनुकूल बताते हुए कहा कि यह मॉकड्रिल इसी समय सबसे प्रभावी होगी, क्योंकि इसके बाद मौसम के बदलाव से उड़ानों और अभ्यास में व्यवधान आ सकता है। नागरिक सुरक्षा विभाग के डिप्टी कंट्रोलर ने इस अवसर पर स्वयंसेवकों की भर्ती, नागरिक प्रशिक्षण, और नागरिक सुरक्षा स्थापना दिवस की तैयारियों पर भी विस्तार से जानकारी दी।
प्रशासन ने यह भी सुनिश्चित किया है कि मॉकड्रिल के दौरान हर नागरिक को यह जानकारी हो कि यदि वास्तविक आपातकाल हो तो उन्हें किन प्रक्रियाओं का पालन करना चाहिए। प्रत्येक परिवार को निर्देश दिए गए हैं कि वे अपने घर में ऐसा कमरा चिह्नित करें जो बिना खिड़की वाला हो या जिसे काले पर्दों या कागज से पूरी तरह ढका जा सके। तीन दिन का पीने योग्य पानी, सूखा भोजन, प्राथमिक चिकित्सा किट, टॉर्च, अतिरिक्त सेल, जरूरी दवाएं, पहचान पत्र, मेडिकल रिपोर्ट और अन्य आवश्यक दस्तावेज पहले से तैयार रखें। हवाई हमले की स्थिति में शीशे से दूर रहें, जमीन पर लेट जाएं और सरकारी निर्देशों की प्रतीक्षा करें। सड़क पर चलते समय सायरन बजे तो वाहन किनारे लगाएं और लाइट बंद कर दें।
यदि कोई संदिग्ध वस्तु दिखाई दे तो उसे छुएं नहीं, तुरंत पुलिस को सूचित करें। नागरिक सुरक्षा नियंत्रण कक्ष से सहायता के लिए संपर्क करें – इसका नंबर है: 0551-2200444।
इस मॉकड्रिल में गोरखपुर के अपर जिलाधिकारी विनीत कुमार सिंह, वरिष्ठ सहायक उप नियंत्रक वेद प्रकाश, मुख्य अग्निशमन अधिकारी, नागरिक सुरक्षा कोर के डिवीजनल वार्डेन, वायुसेना प्रतिनिधि, पुलिस, स्वास्थ्य और अन्य वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी पूरी तैयारी के साथ उपस्थित रहेंगे और पल-पल की निगरानी करेंगे।
आज की मॉकड्रिल केवल प्रशासनिक अभ्यास नहीं, बल्कि हर नागरिक की सुरक्षा सुनिश्चित करने का साझा प्रयास है। यह आयोजन इस विश्वास के साथ किया जा रहा है कि यदि कभी कोई वास्तविक संकट आए, तो गोरखपुर पहले से तैयार, संगठित और सजग हो। इस अभ्यास में हर नागरिक की भूमिका महत्वपूर्ण है — इसलिए प्रशासन ने अपील की है कि सभी नागरिक मॉकड्रिल को गंभीरता से लें, सहयोग करें, और देश की रक्षा की इस साझा कोशिश का हिस्सा बनें।
आज शाम 7:30 बजे से रात 8:30 बजे तक अपने घरों, प्रतिष्ठानों, दुकानों, कार्यालयों — हर स्थान की लाइटें, इनवर्टर और सभी प्रकार के प्रकाश स्रोत बंद रखें, बच्चों को जागरूक करें, अफवाहों से बचें, शांतिपूर्वक सायरन के निर्देशों का पालन करें और एक जिम्मेदार नागरिक होने का परिचय दें। यह अभ्यास आपकी सुरक्षा के लिए है — और सुरक्षा में सजगता ही सबसे बड़ा योगदान है।