गोरखपुर: "या अली, या हुसैन की गूंज के साथ गोरखपुर में ताजियों का भव्य जुलूस, नम आंखों से दी गई विदाई"
हम भारती न्यूज़ से जिला गोरखपुर थाना गोरखनाथ रिपोर्टर विवेक कुमार श्रीवास्तव
गोरखपुर में मुहर्रम की दसवीं तारीख को गोरखपुर के शहरी व ग्रामीण इलाकों में ताजियों का जुलूस 'या अली, या हुसैन' की सदा के साथ धूमधाम से निकला। सुबह से ही सड़कों पर अकीदतमंदों की भीड़ उमड़ पड़ी, जो मातमी जुलूस और ताजियों के दीदार के लिए बेताब थे।
अमन-चैन की दुआएं और कड़ा सुरक्षा इंतजाम
जुलूस के दौरान अकीदतमंदों ने देश में अमन-चैन और भाईचारे की दुआएं मांगी। ताजियों के सामने मन्नतें मांगने वालों की भीड़ लगी रही। प्रशासन ने सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए, जिससे जुलूस शांतिपूर्ण और व्यवस्थित रहा। पुलिस और सुरक्षा बलों की तैनाती ने इस पवित्र अवसर को और गरिमामय बनाया।
गोरखपुर की सड़कें गुलजार
गाजे-बाजे, नौहों और मातमी धुनों के बीच गोरखपुर की सड़कें आस्था और एकता की मिसाल बनीं। यह जुलूस न केवल इमाम हुसैन की शहादत की याद में एक श्रद्धांजलि था, बल्कि मानवता और बलिदान के संदेश को भी जीवंत करता रहा।यह मुहर्रम का जुलूस गोरखपुर के लिए एक ऐतिहासिक और भावनात्मक पल रहा, जो कयामत तक लोगों के दिलों में बस्ता रहेगा