हम भारती न्यूज़
जिला संवाददाता नीलम यादव इटावा
रावण बध में लगे 8 घण्टे, पुतले के टुकड़े उठा ले गयी भीड़ रामेश्वरम मंदिर पहुंचे राम
इटावा जसवंत नगर यहां की एतिहसिक रामलीला में शनिवार को भगवान राम के हाथों लंकाधिपति रावण मारा गया। दशहरा पर रावण अपने दल बल के साथ युद्धक डोले पर सवार होकर राम से निर्णायक युद्ध के लिये नगर की सड़कों पर निकला।सड़कों पर घमासान से पहले उसने केला देवी मंदिर पर पहुंचकर देवी के दर्शन किये। रास्ते मे कई जगह रावण की आरती किये जाने से राक्षस सेना का दम्भ और बढ़ गया । रावण ने सड़कों और रामलीला मैदान में जमकर युद्ध किया। राम रावण के दलों के मध्य तीर तलवारों, ढालों, गदा, त्रिशूल, बरछे जमकर चले।आतिशी तीरों का भी प्रयोग किया गया।उसे और उसके कुल के बलशाली योद्धाओं अहिरावण और नारायनतक के बध में राम दल को आठ घंटे से ज्यादा लगे। विभीषण द्वारा रावण की नाभि में अमृत होने और उसी में वाण मारने की सलाह देने पर पंचक मुहूर्त में रात 10 बजे जैसे भगवान राम ने वाण चलाया वैसे ही हे राम-है राम करता रावण मृत्युलोक चला गया।इसके साथ ही रामलीला मैदान के पूर्वी कोने पर लगे 18 फुट ऊंचे पुतले पर भीड़ टूट पड़ी और लोग पुतले के अंजर-पंजर अपने साथ भूत-प्रेत नजर आदि बाधाओं से मुक्ति के लिए ले गए। लँका विजय के उपरांत सीता की प्राप्ति, अग्निपरीक्षा और विभीषण के राज्याभिषेक की लीलाएं प्रदर्शित की गईं। इसी के साथ मैदानी लीलाओं के समापन की घोषणा प्रबंधक राजीव गुप्ता बबलू,मंत्री हीरालाल गुप्ता, संयोजक अजेंद्र सिंह गौर, रामनरेश यादव पप्पू,रतन शर्मा, निखिल गुप्ता, अर्पित गुप्ता, विनय पांडे, किशन सिंह मैं मेम्बर ने की