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प्रयागराज
जीने की कला सिखाती है भागवत कथा: व्यास त्रिभुवन महराज
हण्डिया तहसील अंतर्गत वीरपुर दुमदुमा में चल रहे श्रीमद्भागवत कथा में व्यास त्रिभुवन जी महाराज ने कहा कि भागवत कथा सभी का कल्याण करने वाली है। भागवत कथा जीने की कला सिखाती है।उन्होंने कहा कि धन को पवित्र कामों में लगाकर सदुपयोग करें, सब यहीं रह जाएगा। पापी व्यक्ति भी श्रीमद्भागवत कथा के रसपान से मोक्ष की प्राप्ति करता है। मन को भटकने से बचाने के लिए हमेशा भागवत चर्चा में लीन रहना चाहिए। जीवन में हमें तीन प्रकार के दुख प्राप्त होते हैं। पहला दुख परिवार से प्राप्त होता है, दूसरा दुख सगे संबंधियों व संपर्क के व्यक्तियों से होता है। तीसरा दुख दैवीय आपदा से मिलता है। हम सभी सुख चाहते हैं। दुख कोई नहीं चाहता। हमें पुरुषार्थ करने की जरूरत है। वह भी धर्म के अनुरूप करना पड़ेगा। हमारे कर्म के अनुसार ही हमें सुख-दुख प्राप्त होता है।श्रीमद्भागवत कथा हमें जीने की कला को सिखाती है। हमारा जीवन किस प्रकार से होना चाहिए। शरीर बदलता रहता है। जन्म मृत्यु का चक्र चलता रहता है। कथा आयोजक ताराचंद तिवारी शिरोमणि देवी चूड़ामणि तिवारी बालमुकुंद तिवारी ने आए हुए सभी भक्तों का आभार व्यक्त करते हुए प्रसाद वितरण किया। उक्त अवसर पर आशीष तिवारी अशोक तिवारी कार्तिकेय तिवारी विनायक तिवारी विवेक मिश्रा सूरज मिश्रा अजय मिश्रा शुभम मिश्रा आदि सहयोग कर्ता सहयोग में जुटे रहे।