कहीं खुशी तो कहीं गम
आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर विभिन्न दलों द्वारा अपना प्रत्याशी घोषित करना शुरू कर दिया है, तो कुछ सीटों पर पार्टियों ने दूसरे दलों का इंतजार कर रही है। जबकि कुछ नेताओं के समर्थक अपने अपने प्रिय नेताओं को टिकट मिलने का दावा करते हुए सोसल मीडिया पर दे दना दन पोस्ट चिपका रहे है।
टिकट के दावेदार सबसे अधिक भाजपा और सपा में देखे जा रहें है। पार्टी कार्यकर्ता पहले लगभग हर विधानसभा के प्रमुख नेताओं का टिकट फाइनल मानकर चल रहे थे, लेकिन दल बदल कर एक दूसरे दल में आये नेताओं ने सबका समीकरण बिगाड़कर रख दिया है।
भाजपा ने कुशीनगर जिले के सात में तीन विधानसभाओं में अपने मौजूदा विधायक को पैदल करते हुए नये चेहरों को उतारा है, जिसमें एक फाजिलनगर में वर्तमान विधायक के बेटे को टिकट दिया है।
टिकट बदले जाने के बाद अपने विधायक से नाराज व टिकट पाये नेताओं के समर्थक उत्साह में दिख रहे तो वहीं वर्तमान विधायक समर्थकों में मायूसी साफ देखी जा रही है। यह दीगर बात है कि वर्तमान विधायक टिकट न मिलने पर अपने घरों में कैद हो चले है और दरवाजे पर खड़ी सैकड़ो समर्थकों को धीरज रखने की बात भले ही कह रहे हो, लेकिन उनका गुस्सा चुनाव में कोई खेल नहीं करेगा यह कहना अनुचित होगा।
भाजपा में अंदर ही अंदर पडरौना सदर, खड्डा पर बुरी तरह पेच फसा है। जबकि तमकुहीराज निषाद पार्टी के कोटे में बताया जा रहा। जिससे नाराज कुछ नेता भाजपा को टाटा बोल चुके है, तो कुछ सही प्रत्याशी का चयन न होने पर साथ न होने का संकेत साहित्यिक भाषा में सोशल मीडिया पर अपना पोस्ट चिपका चुके है। जबकि कुछ निषाद पार्टी में लाइन लगाये खड़े है। जिले का तमकुहीराज एक ऐसा विधानसभा क्षेत्र है जहां सभी मजबूत दावेदार है, और अपने बूते टिकट लेने का दावा कर रहें।
सपा में भी टिकट लेने की होड़ जबरजस्त है। जिसमें फाजिलनगर, पडरौना सदर, रामकोला (सु.) और खड्डा प्रमुख बताया जा रहा। जबकि तमकुहीराज, कसया और हाटा में प्रत्याशी तय माने जा रहे।
सोसल मीडिया पर एक के बाद एक वायरल हो रहे संदेशों के बाद हर घण्टे राजनीतिक समीकरण बन व बिगड़ रहे है। जिससे कभी पूरे उत्साह में तो कुछ पलों बाद मायूस होते देखने को मिल रहें है।
सब मिलाकर यह कहा जा सकता है कि टिकट का राजनीति का खेल क्रिकेट का बड़ा मैच हो गया है, जहां पल पल चौके, छक्के और विकेट गिरने के संदेशों के बीच जयघोष और मायूसी का माहौल बन व बिगड़ रहा।
हम भारती न्यूज से गोरखपुर जिला चीफ ब्यूरो धर्मेन्द्र कुमार श्रीवास्तव