संवाददाता हम भारती न्यूज़
अज़हर शेख , मुम्बई महाराष्ट्र
भारत रत्न, स्वर कोकिला लता मंगेशकर के निधन से शोक की लहर
मुम्बई : - हिंदुस्तान की विख्यात मशहूर गायिका, भारत रत्न, स्वर कोकिला लता मंगेशकर का निधन 6 फरवरी को हो गया। उनके निधन से बॉलीवुड इंडस्ट्री सहित पूरी दुनिया में शोक की लहर है। उनकी मौत वाकई अपूर्णीय क्षति है। पिछले दिन उनकी सेहत बिगड़ गई थी जिसके बाद उन्हें आईसीयू से वेंटिलेटर में रखा गया था।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लता मंगेशकर के निधन पर लिखा, "लता दीदी के गानों ने कई तरह के इमोशन्स को उभारा। उन्होंने दशकों तक भारतीय फिल्म जगत के बदलावों को करीब से देखा। फिल्मों से परे, वह हमेशा भारत के विकास के बारे में भावुक थीं। वह हमेशा एक मजबूत और विकसित भारत देखना चाहती थी।"
लता मंगेशकर की मौत की खबर से बॉलीवुड इंडस्ट्री, मुम्बई, देश और दुनिया में शोक की लहर है।
28 सितंबर 1929 को इंदौर में जन्म लेने वाली लता मंगेशकर भारत की सबसे पोपुलर सिंगर थीं। उनका 60 वर्षों का कार्यकाल अचीवमेंट से भरपूर है। लता मंगेशकर ने लगभग 30 से ज्यादा भाषाओं में फिल्मी और गैर-फ़िल्मी गाने गाये हैं लेकिन उनकी पहचान भारतीय सिनेमा में एक प्लेबैक सिंगर के रूप में रही है। अपनी बहन आशा भोंसले के साथ लता जी का फिल्मी गायन में सबसे बड़ा योगदान रहा है। लता मंगेशकर को भारत सरकार ने 'भारतरत्न' से सम्मानित किया था।
लता जी ने बेशुमार हिंदी ब्लॉकबस्टर हिट और यादगार गाने गाये हैं. वहीं उन्होंने भोजपुरी भाषा के भी कई गीत गाए है।
गौरतलब है कि लता मंगेशकर ने भोजपुरी की पहली फिल्म ‘हे गंगा मइया तोहे पियरी चढ़इबो’ के लिए गीत गाया था।
भारत रत्न लता मंगेशकर की मृत्य से भोजपुरी फिल्मों की ऎक्ट्रेस पाखी हेगड़े भी काफी दुखी हैं। पाखी हेगड़े ने कहा कि स्वर कोकिला लता मंगेशकर सुरों की मलिका थीं, उनपर न सिर्फ देश को गौरव रहा है बल्कि पूरी दुनिया मे उनकी आवाज एक बड़ी पहचान के रूप में जानी जाती है। उनके जैसे सुर न कभी थे और न कभी होंगे। उनकी मौत हमसब के लिए बड़ी क्षति है। उनके गाए गाने अमर हो चुके हैं। उनकी मौत से पूरी दुनिया मे शोक की लहर है। उन्होंने खुद का जीवन गायकी और संगीत को साधना समझकर समर्पित कर दिया था। आज के युवाओं को भी उसी तरह गीत संगीत के प्रति जुनून दिखाना होगा तभी वह मुकाम हासिल कर सकते हैं। आज के सिंगर्स को उनसे प्रेरणा लेकर संगीत के क्षेत्र में आत्मीयता दिखाने की जरूरत है। लता मंगेशकर ने अपना पूरा जीवन संगीतमय और शांतिपूर्ण ढंग से गुजारा हमें भी जीवन मे शांति और सादगी कायम रखनी चाहिए। उनसे सीखना चाहिए। जीवन क्षणिक है हर एक को जाना निश्चित है, इसलिए प्यार से और शांति से अपनी जिंदगी गुजारें दूसरों के लिए प्रेरणा बने जिस तरह लता मंगेशकर कितने लोगों के लिए आइडल रही हैं।"