एटीएस ने 4 साल से फरार चल रहे 25 हजार इनामी बदमाश मनीष यादव को किया गिरफ्तार
गोरखपुर पाकिस्तानी हैंडलरों के पास हवाला के जरिये पैसा पहुंचाने वाले गैंग के एक और गुर्गे को सोमवार को एटीएस ने गोरखपुर से गिरफ्तार कर लिया।
__सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार मानवेन्द्र उर्फ मनीष यादव नामक युवक आरोपी पिछले चार साल से एटीएस को चकमा दे रहा था। एटीएस व एडीजी ने उस पर 25 हजार रुपये का इनाम रखा था। वहीं इस गैंग के अन्य गुर्गे पहले ही गिरफ्तार किए जा चुके हैं। उनमें गोरखपुर के रहने वाले मोबाइल कारोबारी भाइयों के नाम प्रमुख हैं।
मामला 24 मार्च 2018 का है एटीएस के पास इनपुट था कि हवाला के जरिये भारी मात्रा में पैसा देशविरोधी गतिविधियों में लगाया जा रहा है। पाकिस्तानी हैंडलरों के कहने पर फर्जी दस्तावेज के आधार पर विभिन्न बैंकों में खाता खुलवाकर उनमें धोखाधड़ी करके पब्लिक के जरिये यह गैंग पैसा मंगवाता तथा उसे निकाल कर हवाला के माध्यम से पाकिस्तानी हैंडलर को पहुंचाता है। एटीएस ने इस मामले में गोरखपुर निवासी मोबाइल कारोबारी अरशद नईम व नसीम अहमद, मुकेश प्रसाद, मुशर्रफ अंसारी उर्फ निखिल राय उर्फ डब्बू, सुशील राय उर्फ अंकूर राय व दयानंद यादव को हिरासत में लिया। अरशद नईम व नसीम अहमद के पास से एटीएस ने 46 लाख रुपये भी बरामद किए थे। अन्य अभियुक्तों के कब्जे से विभिन्न बैंकों के पासबुक, चेकबुक,एटीएम कार्ड बरामद हुए थे। फर्द बरामदगी और गिरफ्तारी के आधार पर 25 मार्च को लखनऊ एटीएस थाने में मुकदमा अपराध संख्या 03/18 धारा 420,467,468,471,120 बी और 121 ए के तहत इनके खिलाफ केस दर्ज किया गया था।
विवेचना के दौरान दिनेश कुमार सिंह उर्फ अजय कुमार सिंह उर्फ एके सिंह पुत्र स्वर्गीय विश्वनाथ सिंह निवासी गोरखपुर का नाम भी प्रकाश में आया था। जांच में पता चला कि दिनेश कुमार मुशर्रफ के साथ मिलकर फर्जी दस्तावेजों के आधार पर विभिन्न बैंकों में अपनी फोटो लगाकर विभिन्न नाम से बैंक खाता खुलवाता था तथा उन्हें मुशर्रफ अंसारी को दे देता था। खातों में जमा किए गए पैसे को निकाल कर हवाला के माध्यम से भेजा जाता था। जांच में पता चला था कि इस गिरोह ने 150 से अधिक बैंक खाते फर्जी दस्तावेजों के आधार पर खोले थे और उनमें लाखों रुपये का लेन-देन हुआ था। बैंक खातों से पैसा निकाल कर गिरोह के अन्य गुर्गों के माध्यम से दिल्ली भेजा जाता वहां से हवाला के जरिये बाहर। दिनेश कुमार इस मामले में फरार चल रहा था। एटीएस ने पचास हजार रुपये का इनाम घोषित किया था। 2 सितम्बर 2021 को यूपी एटीएस ने उसे गोरखपुर से गिरफ्तार किया था।
खातों ने खोली मनीष यादव की पोल
बताते चलें कि विवेचना में अभियुक्त मानवेंद्र सिंह उर्फ मानवेंद्र सिंह यादव उर्फ मनीष यादव निवासी आजाद नगर पूर्वी न्यू शिवपुरी कालोनी, थाना रामगढ़ताल का नाम प्रकाश में आया। पूर्व में गिरफ्तार अभियुक्त मुशर्रफ अंसारी के पास मिले एटीएम कार्ड व पासबुक आदि पर मनीष यादव का नाम पाया गया था। उसकी जांच में पता चला कि मानवेन्द्र उर्फ मनीष अपनी फोटो लगाकर विभिन्न बैंकों में फर्जी खाता खुलवाता था और एटीएम कार्ड मुशर्रफ उर्फ निखिल राय अपने पास रखता था। मनीष गैंग का प्रमुख गुर्गा है। एटीएस के एडीजी ने मनीष यादव पर 25 हजार का इनाम रखा था। सोमवार को एटीएस टीम ने मानवेन्द्र को गोरखपुर से गिरफ्तार कर लिया। हम भारती न्यूज से गोरखपुर जिला ब्यूरो प्रमुख धर्मेन्द्र कुमार श्रीवास्तव