गोरखपुर में बिना रार- तकरार का हुआं सम्पन्न मतदान
गोरखपुर/गोरखपुर की अवाम ने एक बार फिर गंगा-जमुनी तहजीब की मिसाल पेश की। बिना रार-तकरार मतदान सम्पन्न हो गया। वीवीआइपी गोरखपुर शहर सीट पर देश-प्रदेश ही नहीं दुनिया भर की नजर थी। इस सीट से खुद उतर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ चुनाव मैदान में हैं जबकि उनके खिलाफ भीम आर्मी के संस्थापक चंद्रशेखर आजाद ने भी ताल ठोंकी है। न केवल गोरखपुर शहर सीट बल्कि जिले की सभी 9 विधानसभा सीटों पर शांतिपूर्ण और निष्पक्ष तथा पारदर्शी मतदान सम्पन्न हो गया। कहीं भी किसी तरह के विवाद की बात सामने नहीं आई है।
गोरखपुर की गंगा-जमुनी तहजीब एक बार फिर दुनिया के सामने उभरकर आई है। यहां हिन्दू-मुसलमानों के सम्बंध करघे पर चढ़े सूत की तरह हैं। इसे एक बार फिर दोनों समुदायों के लोगों ने साबित किया है। भीम आर्मी के संस्थापक चंद्रशेखर ने चुनौती को स्वीकार करते हुए यहां से ताल ठोंकी है। सपा ने भाजपा के पूर्व प्रदेश उपाध्यक्ष उपेंद्र दत्त शुक्ल की पत्नी सुभावती शुक्ल को मैदान में उतारा है। कांग्रेस ने विवि छात्रसंघ की पूर्व उपाध्यक्ष चेतना पांडेय और बसपा ने ख्वाजा शमसुद्दीन पर भरोसा जताया है। योगी के खिलाफ चंद्रशेखर के मैदान में उतरने को लेकर चर्चाएं खूब हो रही हैं।
गोरखपुर शहर सीट के अलावा गोरखपुर ग्रामीण सीट भी खूब चर्चा में है। यहां से भाजपा विधायक विपिन सिंह चुनाव मैदान में हैं और उनके खिलाफ पूर्व विधायक विजय बहादुर यादव ताल ठोक रहे हैं। दोनों के बीच वर्ष 2017 के चुनाव में भी कांटे की टक्कर रही। कैम्पियरगंज का चुनाव भी काफी दिलचस्प हो गया है। पूर्व मंत्री फतेह बहादुर सिंह के खिलाफ भोजपुरी सिने स्टार काजल निषाद ने सपा से मोर्चा संभाला है। वहीं पिपराइच में पूर्व मंत्री यमुना निषाद के बेटे अमरेंद्र निषाद तथा योगी के करीबी माने जाने वाले भाजपा विधायक महेंद्र पाल सिंह के बीच कांटे की टक्कर है। शहर सीट के बाद सबसे अधिक चर्चा है तो चिल्लूपार और चौरी चौरा सीटों को लेकर है। चिल्लूपार से पूर्व मंत्री प0 हरिशंकर तिवारी के पुत्र व बसपा छोड़कर सपा में आए विधायक विनय शंकर तिवारी को पूर्व मंत्री और भाजपा प्रत्याशी राजेश त्रिपाठी से कड़ी टक्कर मिल रही है। वहीं चौरी चौरा सीट पर भाजपा से बगावत कर चुनाव मैदान में उतरे अजय सिंह टप्पू ने चुनाव को दिलचस्प बना दिया है। यहां से सपा ने कैप्टन बृजेश चंद्र लाल मैदान में उतारा है।
उनके खिलाफ भाजपा गठबंधन की निषाद पार्टी के प्रत्याशी और डॉ. संजय निषाद के बेटे सरवन निषाद मैदान में हैं। सहजनवां से बाहुबली सुधीर सिंह बसपा प्रत्याशी हैं जबकि उनके खिलाफ भाजपा ने प्रदीप शुक्ला और सपा ने पूर्व विधायक यशपाल रावत पर भरोसा जताया है। खजनी से पूर्व मंत्री श्रीराम चौहान भाजपा प्रत्याशी हैं। सपा से रूपावती बेलदार चुनाव लड़ रही हैं। बांसगांव से सांसद कमलेश पासवान के भाई विधायक डॉ. विमलेश भाजपा प्रत्याशी हैं जबकि सपा ने डॉ. संजय कुमार को मैदान में उतारा है। दोनों डाक्टरों की वजह से यहां का चुनाव दिलचस्प हो गया था। गोरखपुर के मतदाताओं ने इन सभी के भाग्य ईवीएम में कैद कर दिया है। मतदाताओं ने जिला और पुलिस प्रशासन की सारी आशंकाओं को निर्मूल साबित कर दिया है। सकुशल मतदान सम्पन्न हो गया। हम भारती न्यूज से गोरखपुर जिला ब्यूरो प्रमुख धर्मेन्द्र कुमार श्रीवास्तव