संवाददाता हम भारती न्यूज़
अज़हर शेख , मुम्बई महाराष्ट्र
विरार गोलीकांड मामला ;
यूपी एसटीएफ व एमबीवीवी पुलिस संयुक्त कार्रवाई , मिली बड़ी सफलता
बिल्डर की हत्या में वांछित दो शूटर यूपी से गिरफ़्तार
विरार : - विरार में पिछले माह चर्चित बिल्डर समरजीत उर्फ समय चौहान की हत्या में वांछित दो शूटरों को मीरा भायंदर वसई विरार पुलिस आयुक्तालय की विरार क्राइम ब्रांच पुलिस टीम व एसटीएफ वाराणसी यूनिट ने मंगलवार को चितईपुर के आनंद नगर कॉलोनी से गिरफ्तार किया। आरोपी दोनों शूटरों को न्यायालय में पेश करने के बाद विरार पुलिस की टीम साथ में मुंबई ले गई। पूछताछ में सामने आया कि शूटरों ने दो लाख इनामी मनीष सिंह सोनू के संग दिनदहाड़े गोलियां बरसा कर बिल्डर की हत्या की घटना को अंजाम दिया था। पुलिस के अनुसार गिरफ्तार सिंधोरा थाना के कटौना बराव निवासी राहुल शर्मा उर्फ राम व कपसेठी थाना के लोहारडीह निवासी अभिषेक सिंह उर्फ अंकुर ने पिछले माह 26 फरवरी को मुंबई के विरार पुलिस स्टेशन अंतर्गत डी-मार्ट के सामने चर्चित बिल्डर समरजीत उर्फ समय चौहान की दिनदहाड़े गोली मारकर हत्या की थी। वारदात की तफ्तीश मीरा भाइंदर वसई विरार क्राइम ब्रांच कर रही थी। सीसीटीवी फुटेज और सर्विलांस के जरिए दोनों शूटरों की लोकेशन वाराणसी में मिलने के बाद विरार क्राइम ब्रांच ने यूपी एसटीएफ से संपर्क किया। एसटीएफ वाराणसी निरीक्षक अनिल कुमार सिंह को सूचना मिली कि दोनों शूटर चितईपुर के आनंद नगर कॉलोनी में छिपे हैं। घेराबंदी कर टीम ने राहुल शर्मा उर्फ राम व अभिषेक सिंह उर्फ अंकुर को दबोचा। शूटर राहुल शर्मा काफी समय से ईस्ट मुंबई के सांताक्रूज के गोलीवार में रहता था। दोनों से पूछताछ में एसटीएफ को जानकारी मिली कि 21 मार्च को लोहता में हुई मुठभेड़ में ढेर दो लाख का इनामी मनीष सिंह उर्फ सोनू के अलावा एक और बदमाश भी हत्या में शामिल था। इसकी तलाश में एसटीएफ लगी हुई है। न्यायालय में दोनों शूटरों को पेश करने के बाद विरार पुलिस दोनों को अपने साथ मुंबई ले गई। गिरफ्तार राहुल शर्मा उर्फ राम वर्ष 2013 में मुंबई के निरमल नगर निवासी विजय पुजारी उर्फ बट्टा की हत्या में आजीवन कारावास की सजा पा चुका है और तभी से फरार चल रहा था। फरारी के दौरान ही वर्ष 2013 में राहुल ने मुंबई के रहने वाले अजील शेख पर फायरिंग की थी। वर्ष 2015 में मीरारोड थाना अंतर्गत पुष्पक होटल के पास बंटी प्रधान की गोली मारकर हत्या की थी।बिल्डर समय चौहान की हत्या के साथ ही तीनों घटनाओं में वह वांछित चल रहा था। जबकि अभिषेक सिंह पर भी आपराधिक मुकदमे दर्ज हैं। मुंबई में वारदात को अंजाम देने के बाद यह सीधे बनारस और पूर्वांचल का रुख करते थे। इसमें मनीष सिंह सोनू मुठभेड़ में मारा गया और उस समय बाइक से एक और आरोपी जो भाग निकला था, संभवत: वह भी बिल्डर की हत्या में शामिल था। शूटरों ने बताया कि बड़ी वारदात को अंजाम देने के बाद मनीष सिंह सोनू मुंबई में ही शरण लेता था। पिछले तीन-चार साल से वह मुंबई में रह रहा था।इन दोनों को गिरफ़्तार करने में मीरा भायंदर वसई विरार पुलिस आयुक्तालय और उत्तर प्रदेश एसटीएफ के संयुक्त प्रयास से सफलता पाई है।
यह कारवाई पुलिस आयुक्त सदानंद दाते, अपर पुलिस आयुक्त एस . जयकुमार, पुलिस उप आयुक्त ( गुन्हे ) डॉ. महेश पाटील, पुलिस उप आयुक्त परिमंडळ -3, प्रशांत वाघुंडे, सहा . पुलिस आयुक्त ( अपराध ) अमोल मांडवे, सहा . पुलिस आयुक्त रामचंद्र देशमुख के मार्गदर्शन में वपोनि / वराडे , पो . नि / दिलीप राख नेम - विरार पोलीस ठाणे अपराध शाखा के पो.नि / प्रमोद बडाख , पो.नि / प्रफुल्ल वाघ नेम - विरार पुलिस ठाणे , पो.नि / अविराज कुराडे , पो . नि / शाहुराज रणवरे , पो . नि / राहुल राख , पो . नि / सुजित गुंजकर , सपोनि / रंजितसिह परदेशी , सपोनि / कैलास टोकले , सपोनि / सुहास कांबळे , सपोनि / जगताप , सपोनि / आंबवणे , सपोनि / सरक , सपोनि / सुर्वे , सपोनि / सोनवणे , सपोनि / भगत , सपोनि / बेंद्रे , सपोनि / बुराडे , पोउपनिरी / हितेंद्रे विचारे , पोउपनिरी / शिवाजी खाडे , पोउपनिरी / उमेश भागवत , पोउपनिरी / संदेश राणे , पोउपनिरी / अभिजित टेलर और अपराध शाखा के अधिकारी व कर्मचारी ने उत्कृष्ट प्रदर्शन किया।