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कनेक्शन में देरी पर पांच साल बाद 29 बिजली कर्मी दोषी ऊर्जा निगम के चेयरमैन ने मांगा दोषी कर्मचारियों का ब्योरा, मचा है हड़कंप कनेक्शन स्थायी करने में खुद देरी की, 40 लाख पेनाल्टी उपभोक्ता पर ठोका

 कनेक्शन में देरी पर पांच साल बाद 29 बिजली कर्मी दोषी

ऊर्जा निगम के चेयरमैन ने मांगा दोषी कर्मचारियों का ब्योरा, मचा है हड़कंप

कनेक्शन स्थायी करने में खुद देरी की, 40 लाख पेनाल्टी उपभोक्ता पर ठोका

गोरखपुर।/मोहद्दीपुर में होटल व शॉपिंग कॉम्प्लेक्स को स्थायी बिजली कनेक्शन देने में हीलाहवाली के मामले में पांच साल बाद 29 अभियंता व कर्मचारी दोषी माने गए हैं। पावर कॉरपोरेशन के चेयरमैन ने चार दिन के अंदर दोषियों की तैनाती का ब्योरा तलब किया है।
जांच समिति के मुख्य अभियंता एके श्रीवास्तव ने गोरखपुर जोन के मुख्य अभियंता को पत्र भेजकर कहा है कि मेसर्स कान्टिनेंटल डेवलपर्स मोहद्दीपुर को विलम्ब से कनेक्शन जारी करने सम्बन्धी प्रकरण में विद्युत नगरीय वितरण खण्ड तृतीय व विद्युत पारेषण खण्ड प्रथम के 29 कर्मचारियों व अभियंताओं के विरुद्व अनुशासनिक कार्यवाही के लिए सभी का विवरण तत्काल मुहैया कराएं। इसमें अभिज्ञान संख्या, सेवानिवृत्ति, वरिष्ठता क्रम, वर्तमान पेय स्केल, सेवानिवृत्त हो चुके कर्मचारियों के पेंशन विवरण के साथ ही उनका मूल पता भी दें ताकि कार्रवाई का पत्र भेजा जा सके। सूची के साथ पत्र आने से विभाग में हड़कंप मचा है।
चेयरमैन ने इनका ब्योरा तलब किया
वितरण खण्ड तृतीय के अभियंता - एक्सईएन ई. सजय यादव वर्तमान तैनाती वितरण खण्ड आजमगढ़, ई. वीके चौधरी पदेन एक्सईएन, ई. आरपी गुप्ता एक्सईएन, वर्तमान में मुख्यअभियंता लखनऊ क्षेत्र में तैनात है, ई. मुकेश गुप्ता, सहायक अभियंता खोराबार, ई. रंजना कन्नौजिया, सहायक अभियंता राजस्व, एसडीओ ई. हेमंत सिंह वर्तमान तैनाती एक्सईएन वितरण खण्ड तृतीय बस्ती जोन, एसडीओ ई. नीति मिश्रा, वर्तमान समय में गोरखनाथ क्षेत्र में सहायक अभिंयता के पद पर तैनाती है, एसडीओ ई. नीरज दूबे, सहायक अभियंता मोहद्दीपुर, ट्रांसमिशन खण्ड के अभियंता क्रमश: ई.अमीन अजीज, एक्सईएन, ई. उमाशंकर एक्सईएन,
-पारेषण खण्ड प्रथम के अभियंता- ई.मदन कुमार एक्सईएन पारेषण खण्ड प्रथम, ई. राम सुरेश, एक्सईएन पारेषण खण्ड प्रथम, ई. फैयाज शब्ब्र एसडीओ पारेषण खण्ड, ई. अजीत कुमार त्रिपाठी, एसडीओ पारेषण खण्ड, ई. राकेश कुमार, एसडीओ पारेषण खण्ड, ई. राजेन्द्र कुमार ,एसडीओ पारेषण खण्ड, ई.एन सिंह अवर अभियंता पारेषण खण्ड, ई. राजेश कुमार अवर अभियंता पारेषण खण्ड, ई. संजीव कुमार,अवर अभियंता, पारेषण खण्ड,ई.कमलेश कुमार सिंह अवर अभियंता पारेषण खण्ड गोरखपुर।
वितरण खण्ड तृतीय के इन लिपिक व लेखाकार का भी ब्योरा मांगा- शशि प्रताप सिंह लेखाकार,वैजनाथ कुमार गुप्ता सहायक लेखाकार, सुयोग्य त्रिपाठी कार्यकारी सहायक,पीके त्रिपाठी, लिपिक,आरके सिंह, लिपिक,रामकिशुन प्रसाद कार्यालय सहायक, नवीन कुमार गुप्ता कार्यालय सहायक,आशीष पासवान कार्यायल सहायक
दिसम्बर-21 में आए थे निदेशक वितरण
पावर कारपारेशन के निदेशक वितरण ई. एके श्रीवास्तव व मुख्य अभियंता प्रशासन की टीम ने दिसम्बर-21 में गोरखपुर में आकर तीन दिन तक दोनों पक्षों का बयान दर्ज किया था। अब दोषी अभियंता व कर्मचारी कुछ भी बोलने को तैयार नहीं है।
कोट
पावर कारपोरेशन ने 29 अभियंताओं व कर्मचारियों का विवरण मांगा है। सभी का ब्यौरा वर्तमान तैनाती स्थल व अन्य विवरण तैयार कर पूर्वांचल एमडी के माध्यम से कारपोरेशन को भेजा गया है। लापरवाही पर कार्रवाई तो होनी ही है।
ई. राजेन्द्र प्रसाद, मुख्य अभियंता, गोरखपुर जोन,

देरी निगम की, 40 लाख पेनाल्टी उपभोक्ता पर ठोका
दरअसल मेसर्स कान्टिनेंटल डेवलपर्स ने होटल व शॉपिंग काम्पलेक्स के निर्माण के लिए मार्च-2014 में एलएमवी-9 श्रेणी में 5 किलोवाट का अस्थाई कनेक्शन लिया। सितम्बर-15 में फर्म ने खण्ड तृतीय के एक्सईएन को आवेदन कर 1743 किलोवाट का स्थायी कनेक्शन मांगा लेकिन मिला नहीं। उधर, अप्रैल -16 में बिजली निगम ने अस्थाई कनेक्शन का लोड बढ़ाकर 18 किलोवाट कर दिया। फर्म के मैनेजर निलेश कुमार गर्ग के मुताबिक शापिंग काम्लेक्स को चालू करने के लिए बड़े लोड के कनेक्शन की आवश्यकता थी। एक्सईएन ने स्थायी कनेक्शन देने की बजाय जनवरी- 17 में 540 केवी का अस्थाई कनेक्शन जारी किया। खण्ड के एक्सईएन ने जनवरी-19 में 57 लाख का इस्टीमेट दिया। इस्टीमेंट मिलने के दिन ही फर्म ने पैसे का भुगतान कर दिया। इस दौरान बिजली निगम ने फर्म को अस्थाई कनेक्शन का गलत बिल 65 लाख का दिया। फर्म ने हिसाब कराया तो अफसरों की कलई खुल गई। आनन-फानन में बिल सुधार कर 24 लाख का बना दिया गया। इसके बाद अक्तूबर-19 में बिजली निगम ने फर्म को 1743 किलोवाट का स्थाई कनेक्शन दिया। इसके साथ ही एक्सईएन ने अस्थाई कनेक्शन का बिल बनाते समय 40 लाख रुपये पेनाल्टी लगा दी। चूंकि विभागीय नियम है कि अस्थाई कनेक्शन की अवधि दो साल से अधिक होने पर कुल बिल में 10 फीसदी पेनाल्टी जुड़ जाता है। उपभोक्ता ने देरी के लिए बिजली निगम को जिम्मेदार ठहराया लेकिन अभियंताओ ने एक नहीं सुनी। इस पर उपभोक्ता ने विधान परिषद की समिति में शिकायत दर्ज कराई। समिति ने सुनवाई में पावर कारपोरेशन के निदेशक वितरण व मुख्य अभियंता जांच को मामले की जांच कर कार्रवाई करने को कहा। हम भारती न्यूज से गोरखपुर जिला ब्यूरो प्रमुख धर्मेन्द्र कुमार श्रीवास्तव


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