आयुष्मान कार्ड बनाने में गोरखपुर का प्रदेश में दूसरा स्थान:20 जुलाई तक 1000 कैंप लगाकर बनाए जाएंगे कार्ड
हम भारती न्यूज से गोरखपुर जिला ब्यूरो प्रमुख धर्मेन्द्र कुमार श्रीवास्तव
आयुष्मान कार्ड बनाने में गोरखपुर का यूपी में दूसरा स्थान है। जिले में वर्तमान में करीब 5.31 लाख लाभार्थियों के पास आयुष्मान कार्ड उपलब्ध है। साथ ही 1.26 लाख अन्त्योदय कार्ड धारक परिवारों के करीब 4.83 लाख सदस्य 23 जुलाई 2021 से ही मुख्यमंत्री जन आरोग्य अभियान के दायरे में आ गए हैं। लेकिन आयुष्मान कार्ड सिर्फ 1.15 लाख लोगों ने ही बनवाया है। हर लाभार्थी तक कार्ड की पहुंच बनाने के लिए जिले में मंगलवार से शुरू हुआ अंत्योदय आयुष्मान पखवाड़ा आगामी 20 जुलाई तक चलेगा।
कोटेदार या आशा कार्यकर्ता से संपर्क कर बनावाएं कार्ड
अंत्योदय कार्डधारक लाभार्थी अपने क्षेत्र की आशा कार्यकर्ता या कोटेदार से संपर्क कर इस अभियान के तहत निःशुल्क कार्ड बनवा सकते हैं। जिले में राशन की दुकानों समेत प्रमुख सार्वजनिक स्थानों पर इस संबंध में हर दिन करीब 1000 स्थानों पर विलेज लेवल इंटरप्रेन्योरशिप (वीएलई) के माध्यम से कैंप लगाकर कार्ड बनाया जाएगा।
आयुष्मान भारत योजना के नोडल अधिकारी डॉ अनिल कुमार सिंह ने बताया कि यह अभियान मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ आशुतोष कुमार दूबे के निर्देशन में चल रहा है।अभियान के दौरान कोशिश होगी कि शत प्रतिशत अंत्योदय लाभार्थियों को सत्यापित करते हुए उनका कार्ड बनाया जाए।
क्षेत्र की आशा कार्यकर्ता और कोटेदार को निर्देशित किया गया है कि वह पात्र लाभार्थियों की कार्ड बनवाने में मदद करें। कार्ड होने से हर लाभार्थी परिवार को प्रति वर्ष पांच लाख रुपये तक के निःशुल्क इलाज की सुविधा आकस्मिक परिस्थितियों में बिना समय बर्बाद किए मिल सकेगी।
आसान है सत्यापन
अंत्योदय कार्ड धारकों का आयुष्मान कार्ड के लिए सत्यापन काफी आसान है। नोडल अधिकारी ने बताया कि सिर्फ राशन कार्ड और आधार कार्ड से इन लाभार्थियों का सत्यापन हो जाएगा और आयुष्मान कार्ड बनाया जा सकेगा। जिला स्तर से जिला कार्यक्रम समन्वयक डॉ संचिता मल्ल, ग्रीवांस मैनेजर विनय पांडेय और सूचना तंत्र प्रबंधक शशांक शेखर अभियान को सफल बनाने में मदद करेंगे। आवश्यकतानुसार आरोग्य मित्रों को भी कैंप स्थल पर भेजा जाएगा।
70700 का हुआ इलाज
योजना के तहत 70700 लाभार्थी कुल्हा प्रत्यारोपण, डायलिसिस, पथरी ऑपरेशन समेत कई गंभीर बीमारियों का इलाज करवा चुके हैं। जिले के 126 संबद्ध अस्पतालों में से 100 निजी अस्पतालों व 26 सरकारी अस्पतालों में भर्ती होने के बाद निःशुल्क इलाज होता है। कार्डधारक भारत वर्ष के किसी भी संबद्ध अस्पताल में निःशुल्क इलाज करवा सकते हैं।