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शिव के दरबार में गूंजा बम-बम भोले, जलाभिषेक के लिए उमड़ेगी भक्तों की भीड़

 शिव के दरबार में गूंजा बम-बम भोले, जलाभिषेक के लिए उमड़ेगी भक्तों की भीड़



हम भारती न्यूज से गोरखपुर जिला ब्यूरो प्रमुख धर्मेन्द्र कुमार श्रीवास्तव


सावन मास के प्रथम सोमवार पर 18 जुलाई को श्रद्धालु शिवालयों में महादेव का जलाभिषेक कर आस्था निवेदित किया। शिव के दरबार बम-बम भोले के जयघोष से गूंज उठे। सोमवार को होने वाली भीड़ के मद्देनजर रविवार को दिनभर तैयारियां चलती रहीं। श्रद्धालुओं को किसी तरह की दिक्कत न हो, इसके लिए बैरिकेडिंग की गईं। मंदिरों को आकर्षक फूलों और रंग-बिरंगे झालरों से सजाया गया है। शिवालयों की सफाई और सजावट में स्वयंसेवक एवं मंदिर प्रबंधन के लोग जुटे रहे।


शुभता में वृद्धि करेगा शोभन योग

पंडित शरद चंद्र मिश्रा ने बताया कि 18 जुलाई को सावन मास का प्रथम सोमवार है। इस दिन पूर्वा भाद्रपद और उत्तराभाद्र नक्षत्र का सुयोग और चंद्रमा की स्थिति मीन राशि है। राशि स्वामी बृहस्पति देव रहेंगे। शोभन योग होने से इस दिन का व्रत शुभता की अभिवृद्धि करने वाला रहेगा। पूर्व पापों का उपशमन करके सद्गुणों की ओर ले जाने वाला है।


सोमवार का है विशेष महत्व

ज्योतिर्विद पंडित नरेंद्र उपाध्याय ने बताया कि मान्यताओं के अनुसार, सावन मास में सोमवार का विशेष महत्व है। इस दिन को भगवान शिव का स्वरूप माना गया है। सावन मास में भगवान आशुतोष की पूजा का विशेष महत्व है। जो भक्त प्रतिदिन नियम पूर्वक पूजा न कर सके, उन्हें सावन मास में शिव पूजा और व्रत रखना चाहिए। सावन महीने में जितने भी सोमवार होते हैं शिवजी का व्रत किया जाता है।

ऐसे करें पूजन

ज्योतिषाचार्य मनीष मोहन के अनुसार, सोमवार को शिवालय जाकर पंचाक्षरी मंत्र के साथ दूध, दही, घी, शहद, शक्कर, पंचामृत, इत्र, फलों के रस, गंगाजल से भगवान भोलेनाथ का जलाभिषेक करें। चने की दाल, सरसों तेल, काले तिल आदि से महादेव का अभिषेक करें। इसके बाद फूल, दूर्वा, बिल्वपत्र, आकपुष्प, धतूरा, कनेल आदि चढ़ाएं। नैवेद्य, फलों से भोग लगाएं। श्रीफल भेंट करने के बाद धूप-दीप से आरती करें।


राजघाट मुक्तेश्वरनाथ शिव मंदिर के पुजारी पंडित रमानाथ ने कहा कि सावन के पहले सोमवार को लेकर तैयारियां एक दिन पहले पूरी कर ली गई थी। सुबह तीन बजे मंदिर के कपाट श्रद्धालुओं के लिए खोल दिए गए। श्रद्धालुओं को मंदिर के उत्तरी द्वार से प्रवेश दिया गया और वह पूर्वी गेट से बाहर निकले। उम्मीद है कि 50 हजार से अधिक लोग सावन के पहले सोमवार पर महादेव का जलाभिषेक करेंगे। मंदिर में भीड़ अधिक है।


महादेव झारंखडी शिव मंदिर सेवा समिति के कोषाध्यक्ष शिव पूजन तिवारी ने कहा कि सावन के पहले सोमवार पर दर्शनार्थियों को किसी भी प्रकार की असुविधा न हो, इसके लिए स्वयंसेवक लगाए गए हैं। सुबह साढ़े चार बजे भक्तों के लिए मंदिर का द्वार खुल गया। रात 10 बजे तक भक्त भगवान शिव के दर्शन कर सकते हैं। श्रद्धालुओं को जलाभिषेक, दुग्धाभिषेक में कोई मुश्किल न हो, इसलिए रुद्राभिषेक 10 बजे के बाद शुरू हुआ।

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