शांति भंग में संपादक और पत्रकार को एसडीएम कोर्ट के बाबू ने भेजा जेल
हम भारती न्यूज से उत्तर प्रदेश चीफ व्यूरो प्रमुख धर्मेन्द्र कुमार श्रीवास्तव की ख़ास ख़बर
जनपद देवरिया पुलिस प्रशासन ने ईट भट्ठे मालिक के साथ मिली भगत कर प्रकाश वेग अखबार के संपादक और तरुण मित्र अखबार के जिला प्रतिनिधि समेत उनके वाहन चालक को शांति भंग की धाराओं (151,107/16) में जेल भेज दिया है । सुंयोजित षड्यंत्र के तहत सदर एसडीएम कोर्ट के पेशकार ने उक्त कृत को अंजाम तक पहुंचाया है ।
मालूम हो कि सदर एसडीएम कोर्ट में पेशकार और बाबू ही एसडीएम के पद का निर्वहन करते हैं और विभिन्न मामलों में जमानत देना या जेल भेजना सुविधा शुल्क के आधार पर तय करते हैं सारी कागजी कार्रवाई और आदेश तक खुद लिखते हैं और प्राइवेट कर्मचारियों से भी लिखवाते हैं । खैर यह मामला तो रोज का है कि बिना फाइल पेशी के सुविधा शुल्क के आधार पर एसडीएम की गैर मौजूदगी में जो भी मामले 151 10716 में आते हैं उसकी कागजी प्रक्रिया आदेश बाबू हर रोज देते हैं ।
परंतु 13 फरवरी को उक्त प्रक्रिया से पत्रकारों को गुजरना पड़ा, जब एसडीएम कोर्ट में 151 के गंभीर धारा में जिले की वरिष्ठ पत्रकार को पेश किया गया तो रोज की भांति एसडीएम सदर कोर्ट में नहीं थे (वह छुट्टी पर चल रहे हैं) उनका चार्ज संभाल रहे भी एएसडीएम भी कोर्ट में मौजूद नहीं थे पुलिस ने षड्यंत्र के तहत चालान का कागज कोर्ट के बाहर मौजूद फौजदारी बाबू को दे दिया और फौजदारी बाबू ने पता नहीं किसका साइन किया हुआ आदेश लाकर बताया कि दोनों पत्रकार जेल जाएंगे । मतलब बिना फाइल पेशी के एक बाबू ने जिले के वरिष्ठ पत्रकार को जेल भेज दिया और पत्रकार समुदाय कोर्ट में चिल्लाता रह गया ।
परंतु बरियारपुर थानाध्यक्ष और सीओ सलेमपुर द्वारा मानक विहीन भट्ठा संचालक से मिली भगत कर 12 -2 -2024 को तरुण मित्र अखबार के जिला प्रतिनिधि प्रेम शंकर मणि त्रिपाठी और प्रकाश वेग हिंदी दैनिक के संपादक सुमंत शुक्ला उस वक्त थाने में बैठा लिया गया जब वो अपने वाहन से क्षेत्र भ्रमण पर निकले थे । दोपहर करीब 2:00 बजे बरियारपुर थाना अंतर्गत पी के एक ईट उद्योग का उन्होंने भ्रमण किया और पाया कि ईट भट्टे पर बाल मजदूरी हो रही है, भट्ठे की चिमनी से निकल रहा धुआं प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अनुकूल नहीं है और वातावरण को दूषित कर रहा है। उक्त गतिविधियों पर रिपोर्टिंग के दौरान पत्रकारों को भठ्ठे मलिक ने देख लिया और अपने दर्जनों सहयोगियों के साथ उन्हें रोक कर उनके साथ गाली गलौज मारपीट कर उनके कुछ जरूरी दस्तावेज पैसे उनकी जेब से निकाल लिया ।
पूरे मामले की सूचना पुलिस को दी गई थानाध्यक्ष बरियारपुर मौके पर पहुंचे और पत्रकारों और उनके सहयोगियों को को अंधेरे में रखते हुए शाम करीब 4:00 बजे ही हिरासत में ले लिया । पत्रकार के समर्थक और सहयोगी लगातार थानाध्यक्ष के संपर्क में थे परंतु थानाध्यक्ष ने सबको गुमराह किया और कहा कि हमने इनको नहीं बैठाया है यह अपनी मर्जी से बैठे हैं सीओ सलेमपुर का इंतजार कर रहे हैं ।
रात्रि 9:30 बजे क्षेत्राधिकार सलेमपुर ने बताया कि तहरीर प्राप्त हुई है जांच कर कार्रवाई की जाएगी मुकदमा दर्ज किया जाएगा । परंतु पत्रकार ने जो तहरीर दी है उस पर सीओ का मुंह नहीं खुला, खैर सुविधा शुल्क प्राप्त आवेदन के अनुसार बिना जांच किए पुलिस ने दो पत्रकार समेत उनके ड्राइवर पर मुकदमा 504,506 और 384 दर्ज में किया । पुलिस ने षडयंत्र कर दोनों पत्रकारों को 24 घंटे अपने कस्टडी में रखा और फिर 151 में चालान कर दिया ।
पूरा प्रशासनिक अमला पत्रकार समुदाय को अपनी ताकत उस वक्त दिखाता दिखा जब एक भ्रष्ट बाबू के दम पर दर्जनों पत्रकारों, समाजसेवी और अधिवक्ता बन्धुओं की मौजूदगी में सदर एसडीएम कोर्ट से दोनों पत्रकार बंधुओ को 151 में जेल भेजने का निर्णय सदर एसडीएम कोर्ट के फौजदारी बाबू ने सुनाया, वहां मौजूद पत्रकार है हाय तौबा करते रह गए और अपने ही साथ पिछले 20 वर्षों से पत्रकारिता जगत में कार्य कर रहे हैं पत्रकार और पत्रकारिता के ऊपर हुए प्रशासनिक आघात को मजे ले लेकर व्हाट्सएप ग्रुपों में संवाद करने लगे ।
परंतु उक्त घटना प्रबुद्ध वर्ग में चिंतन का विषय बन गई । कौन गलत और कौन सही जांच तो पुलिस ही करेगी लेकिन अपने पत्रकार साथी को 24 घंटे थाने में देखने के बाद भी अगर देवरिया के पत्रकार प्रशासन का बहिष्कार ना कर सका तो कल को कोई भी पत्रकार जेल जा सकता है प्रशासन के षड्यंत्र पर सबकी आंखें फटी की फटी रह गई ।
पत्रकार समुदाय को भी इस पर चिंतन करना चाहिए क्योंकि फील्ड में सभी हैं और जब 20 वर्षों का अनुभवी पत्रकार एक संपादक के साथ 151 की धारा में जेल चला गया प्रशासनिक षड्यंत्र का शिकार हो गया तो कल को कोई भी हो सकता है ।
अगर इतना सब होने के बाद भी पत्रकार समुदाय संबंधित थाने के थानाध्यक्ष बरियारपुर, क्षेत्राधिकार सलेमपुर, एएसडीम और एसडीएम कोर्ट के बाबू पर कार्यवाही नहीं करा पाता तो इससे भी भयावक दौर देखने को मिलेंगे।
देवरिया के पत्रकार अपने ही पत्रकार साथी पर कैसी रिपोर्टिंग कर रहे हैं यह भी देखने का विषय है ।