नेपाल में एक बार फिर राजशाही के समर्थन में जनता सड़कों पर,हिंदुत्व को राज्य धर्म बनाने की मांग
सार
वापस आओ राजा देश बचाओ। हमारे प्यारे राजा अमर रहें। हम एक राजशाही चाहते हैं नेपाल की सड़कों पर इन दिनों इस तरह के नारे सुनने को मिल रहे हैं। दरअसल नेपाल की जनता चाहती है कि नेपाल में एक बार फिर राजशाही लौट आए। उनका मानना है कि राजनीतिक पार्टियां भ्रष्टाचार में डूबी हुई हैं और वह देश को नुकसान पहुंचा रही है
हम भारती न्यूज से उत्तर प्रदेश चीफ व्यूरो प्रमुख धर्मेन्द्र कुमार श्रीवास्तव की ख़ास ख़बर
काठमांडू नेपाल में 16 साल पहले लोगों ने सड़कों पर उतरकर तत्कालीन राजा ज्ञानेंद्र शाह को सिंहासन छोड़ने पर मजबूर कर दिया था और देश ने लोकतंत्र को अपनाया था। हालांकि,अब हिमालयी देश के लोगों का लोकतंत्र से मोहभंग हो गया है। अब वह सड़कों पर प्रदर्शन कर राजशाही को वापस लाने की मांग कर रहे हैं।
भ्रष्टाचार और शासन में विफल रहने का लगा आरोप
बता दें कि 2005 तक ज्ञानेंद्र शाह बिना कार्यकारी और राजनीतिक शक्तियों के देश के संवैधानिक प्रमुख थे। उन्होंने सरकार व संसद को भंग कर दिया और शासन करने के लिए सेना का उपयोग किया। नेपाल में वर्तमान व्यवस्था के प्रति लोगों में निराशा बढ़ रही है और परिवर्तन की मांग हो रही है।
लोगों ने राजनीतिक दलों पर भ्रष्टाचार और शासन करने में विफल रहने का आरोप लगाया। उनका कहना है कि गणतंत्र देश में राजनीतिक स्थिरता लाने में विफल रहा है और संघर्षरत अर्थव्यवस्था और बढ़ते भ्रष्टाचार के लिए जिम्मेदार है।
हिंदू धर्म को राज्य धर्म बनाने की मांग
देश में राजशाही समर्थकों की रैलियां बढ़ती जा रही हैं। गत माह काठमांडू में प्रदर्शनकारियों ने राजशाही के समर्थन में जमकर नारेबाजी की। प्रदर्शनकारियों ने मांग किया कि राजशाही को एक बार फिर राजा के रूप में बहाल किया जाए और हिंदू धर्म को राज्य धर्म माना जाए।