गुजरात के सूरत में भाजपा की पहली जीत,खिला कमल,मुकेश दलाल निर्विरोध चुनाव जीते
प्रस्तावकों के फर्जी हस्ताक्षर होने के नाते कांग्रेस प्रत्याशी का पर्चा खारिज
हम भारती न्यूज से उत्तर प्रदेश चीफ व्यूरो प्रमुख धर्मेन्द्र कुमार श्रीवास्तव की ख़ास खबर
गुजरात सूरत गुजरात के सूरत लोकसभा क्षेत्र का पहला परिणाम घोषित हो गया है। इस क्षेत्र से भाजपा प्रत्याशी मुकेश दलाल निर्विरोध निर्वाचित घोषित कर दिए गए हैं।
हालांकि ऐसा बहुत ही कम होता है किसी उम्मीदवार को चुनाव के नतीजों से पहले ही उसके गले में जीत की माला पहना दी जाती हो। लेकिन आज ऐसा गुजरात की सूरत लोकसभा सीट पर देखने को मिला। यहां से भाजपा उम्मीदवार मुकेश दलाल 8 उम्मीदवारों के मैदान से पीछे हटने के बाद निर्विरोध निर्वाचित हुए। अब सवाल यह उठता है कि आखिर 8 उम्मीदवार मैदान से पीछे क्यों हट गए। ऐसा क्या हुआ कि मुकेश दलाल निर्विरोध नेता के रूप में चुनाव परिणाम से पहले ही सांसद बन गए। क्या इंडिया गठबंधन भी उनके खिलाफ नहीं लड़ सका ? तो आइये जानते हैं उस सीट से जुड़ा पूरा मामला जहां कांग्रेस से जीतकर मोरारजी देसाई देश के प्रधानमंत्री बने तो वहीं 1989 के बाद से भाजपा लगातार इस सीट पर जीत दर्ज करती गई।
क्यों जीते मुकेश दलाल
दरसअल गुजरात की लोकसभा सीट पर कांग्रेस उम्मीदवार नीलेश कुम्भानी का नामांकन रद्द कर दिया गया जिसके बाद बाकी बचे कैंडिडेट्स ने भी विरोध में अपना नाम वापस ले लिया। सभी उम्मीदवारों के पीछे हटने की वजह से सांसद मुकेश दलाल जीत हासिल कर ले गए। नामांकन वापस लेने वाले लोगों में ज्यादातर निर्दलीय और बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के प्यारेलाल भारती शामिल थे।
सूरत सीट से कांग्रेस के नीलेश कुंभानी की उम्मीदवारी रविवार को खारिज कर दी गई थी क्योंकि जिला रिटर्निंग अधिकारी ने प्रथम दृष्टया प्रस्तावकों के हस्ताक्षर में खामियां पाई थीं। भाजपा ने उनके प्रस्तावकों के हस्ताक्षर को लेकर सवाल किया था। कुम्भानी चुनाव अधिकारी के सामने अपने तीन में से एक भी प्रस्तावक को पेश नहीं कर सके जिसके बाद चुनाव अधिकारी ने उनके नामांकन को रद्द कर दिया।
दलाल का नामांकन खारिज होने के बाद कांग्रेस ने उनकी जगह पर सुरेश पडसाला को उम्मीदवार बनाना चाहा मगर चुनाव अधिकारी की तरफ से उनका भी नामांकन अमान्य कर दिया गया।
भाजपा ने कहा- सूरत ने दिया पहला कमल
भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सी आर पाटिल ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर पोस्ट किया, ‘सूरत ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पहला कमल दिया है। मैं सूरत लोकसभा सीट से हमारे उम्मीदवार मुकेश दलाल को निर्विरोध चुने जाने पर बधाई देता हूं।
कौन हैं मुकेश दलाल?
सूरत लोकसभा सीट से भाजपा के साथ-साथ लोकसभा चुनाव की पहली जीत दर्ज करने वाले मुकेश दलाल का भाजपा से साल 1981 से रिश्ता है। वह मौजूदा समय में भाजपा के पार्टी महासचिव हैं औऱ प्रदेश अध्यक्ष पाटिल के काफी करीबी माने जाते हैं।
सूरत लोकसभा निर्विरोध जीते मुकेश दलाल सूरत बीजेपी के महासचिव है। मोढ वणिक समुदाय से आने वाले मुकेश दलाल बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष सीआर पाटिल के विश्वस्त माने जाते हैं। वह वर्तमान में सूरत डिस्ट्रक्ट क्रिकेट एसोशिएसन की मैनेजेंग कमेटी के मेंबर भी हैं। दलाल सूरत नगर निगम (एस एमसी) के पूर्व स्थायी समिति अध्यक्ष भी रह चुके हैं। दलाल एसएमसी में 3 बार पार्षद, 5 बार स्थायी समिति के अध्यक्ष रहे।
भाजपा युवा मोर्चा में कर चुके हैं काम
बता दें कि मुकेश दलाल भाजपा युवा मोर्चा में प्रदेश स्तर पर काम कर चुके हैं। दलाल सूरत पीपुल्स कोऑपरेटिव बैंक लिमिटेड के पूर्व अध्यक्ष हैं। उन्होंने कॉमर्स में ग्रेजुएशन यानी बी कॉम और एलएलबी, एमबीए फाइनेंस की पढ़ाई की है।
कैसे रद्द हुआ कांग्रेस नेता नीलेश कुम्भानी का नामांकन
नीलेश कुम्भानी के प्रस्तावकों में उनके बहनोई जगदीश सावलिया, भांजे ध्रुविन धावलिया और भागीदार रमेश पोलरा के होने का दावा किया गया था, जिसके बाद वे कल चुनाव अधिकारी के सामने पेश हुए और अपने एफिडेविट में कहा कि यह उनके हस्ताक्षर नहीं हैं और फिर तीनों वहां से गायब हो गए।
हालांकि, चुनाव अधिकारी ने प्रस्तावकों के एफिडेविट की वीडियो रिकॉर्डिंग भी की है। बताया जा रहा है कि चुनाव अधिकारी ने कुम्भानी को अपना जवाब देने के लिए एक दिव का समय दिया था, वे अपने वकील के साथ अधिकारी को जवाब देने भी पहुंचे, लेकिन प्रस्तावकों में से कोई वहां मौजूद होकर उनके पक्ष में बयान नहीं दे सका।
7 मई को होना था सूरत लोकसभा सीट पर चुनाव, कांग्रेस ने कहा- मैच फिक्सिंग
कांग्रेस के दिग्गज नेता और पूर्व मंत्री जयराम रमेश ने सूरत में मुकेश दलाल की जीत को मैच फिक्सिंग बताया है। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर पोस्ट करते हुए लिखा, ‘सूरत जिला चुनाव अधिकारी ने सूरत लोकसभा से कांग्रेस प्रत्याशी नीलेश कुंभानी का नामांकन रद्द कर दिया है। कारण ‘तीन प्रस्तावकों के हस्ताक्षर के सत्यापन में खामी’ बताया गया है। कुछ इसी तरह का कारण बताकर अधिकारियों ने सूरत से कांग्रेस के वैकल्पिक उम्मीदवार सुरेश पडसाला के नामांकन को ख़ारिज कर दिया। कांग्रेस पार्टी बिना उम्मीदवार के रह गई है। 7 मई 2024 को मतदान से लगभग दो सप्ताह पहले ही 22 अप्रैल, 2024 को सूरत लोकसभा सीट से भाजपा के उम्मीदवार को निर्विरोध’ जिता दिया गया।