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कोर्ट के आदेश पर निजी अस्पताल के डॉक्टर और कंपाउंडर के खिलाफ फरेंदा थाने में गैर इरादतन हत्या का मुकदमा दर्ज

 कोर्ट के आदेश पर निजी अस्पताल के डॉक्टर और कंपाउंडर के खिलाफ फरेंदा थाने में गैर इरादतन हत्या का मुकदमा दर्ज



फरेंदा स्थित पाठक अस्पताल का मामला


आठ महीने पहले आपरेशन के बाद प्रसूता की हो गई थी मौत


हम भारती न्यूज से उत्तर प्रदेश चीफ व्यूरो प्रमुख धर्मेन्द्र कुमार श्रीवास्तव की ख़ास खबर


फरेंदा महराजगंज निजी अस्पताल में आठ माह पहले ऑपरेशन के बाद प्रसूता की मौत हो गई थी। न्यायालय न्यायिक मजिस्ट्रेट फरेंदा ने मामले की सुनवाई करते हुए डॉक्टर व कंपाउंडर के खिलाफ केस दर्ज करने का आदेश दिया। मंगलवार को पुलिस ने दोनों आरोपियों पर केस दर्ज किया है। जिले में निजी अस्पतालों में डॉक्टरों के नाम का बोर्ड लगाकर मरीजों का शोषण किया जा रहा है। जांच में मामला सामने आने के बाद कार्रवाई भी होती रहती है।


ऐसा ही एक मामला फरेंदा थाना क्षेत्र के मथुरानगर टोला शनिचरहिया के रहने वाले गंगाराम गौड़ ने बताया कि पाठक हास्पिटल सिधवारी जगदीशपुर धानी ढाला पर संचालित है। डाॅ. बीडी पाठक इसे संचालित करते हैं। अस्पताल में शैलेंद्र मौर्या कंपाउंडर हैं। 30 अगस्त 2023 को भोर में मनीषा गौड की ऑपरेशन से प्रसव के बाद मौत हो गई थी। मामले में पुलिस की ओर से कोई कार्रवाई नहीं की गई तो पीड़ित न्यायालय की शरण में पहुंचा।


गंगाराम ने बताया कि बड़हरा परसौनी थाना लोटन जनपद सिद्धार्थनगर से बहन मनीषा गौड़ आई थी। 30 अगस्त 2023 की सुबह 10 बजे प्रसव पीड़ा होने पर पाठक हास्पिटल सिधवारी धानी ढाला में भर्ती कराया।


अस्पताल पर डॉ.बीडी पाठक मिले और उचित सलाह न देकर अल्ट्रासाउंड कर दिया। बोले तत्काल ऑपरेशन करना पड़ेगा। जबकि डाॅ. बीडी पाठक सर्जन नहीं हैं बीएमएस हैं। उनके कहने पर ऑपरेशन के लिए 20 हजार रुपये तत्काल जमा कर दिया और करीब 11 बजे दिन में ही ऑपरेशन से बच्ची पैदा हुई।

भाई की पत्नी व हमारी पत्नी देखरेख में उसके पास रात में रूकी और 31 अगस्त को बहन मनीषा गौड़ की तबीयत अचानक बिगड़ गई। उस दौरान अस्पताल में डाॅक्टर नहीं थे। मेरी पत्नी ने मुझे फोन से बुलाया, अस्पताल पहुंचा तो कंपाउंडर शैलेंद्र मौर्य ने यह बयाता गया कि डाॅक्टर साहब अभी सो रहे हैं वह मुझे इंजेक्शन लगाने को कहे हैं। शैलेंद्र मौर्य ने बहन को तीन तरह का इंजेक्शन लगाया, इसके तुरंत बाद बहन को मुंख और नाक के रास्ते सफेद झाग निकलने लगा।


बहुत गिड़गिड़ाया तब डॉ. बीडी पाठक अस्पताल आए और बोले कि घर ले जाओ इसकी मौत हो गई है। शक होने पर 112 नंबर पर शिकायत किया तो पुलिस आई बयान लेकर चली गई। डाॅक्टर के प्रभाव में आकर पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की।


इस संबंध में फरेंदा थानाध्यक्ष अंकित कुमार सिंह का कहना है कि न्यायालय के आदेश पर आरोपी डॉ. बीडी पाठक व कंपाउंडर शैलेंद्र के खिलाफ गैर इरादतन हत्या की धारा के तहत मुकदमा दर्ज कर लिया गया है।

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