सूत्रों के हवाले से बिग ब्रेकिंग न्यूज़
सादुल्ला नगर बलरामपुर
हम भारती न्यूज से उत्तर प्रदेश चीफ व्यूरो प्रमुख धर्मेन्द्र कुमार श्रीवास्तव की ख़ास खबर
बलरामपुर थाना सादुल्ला नगर कोेतवाल सादुल्ला नगर बी0एन0 सिंह, दो एसआई और पुलिस के अन्य कई आला आफसरों पर कार्यवाही की तलवार लटक गई है।
सूत्रों की मानें तो माफिया आरिफ अनवर हाशमी को बचाने के आरोप में कोतवाल सादुल्ला नगर बी0एन0 सिंह सहित कई पुलिस अधिकारी जांच के दायरे में आ गयेे हैं। जिलाधिकारी बलरामपुर ने एसएचओ सादुल्ला नगर बृजानन्द सिंह, एसआई अब्दुल कादिर और एसआई कमलेश यादव सहित पुलिस के अन्य अधिकारियों के खिलाफ मजिस्टीरियल जांच बैठाई है और एडीएम बलरामपुर को जांच अधिकारी बनाया है। माना जा रहा है कि मामले में थाना प्रभारी सादुल्ला नगर सहित पुलिस विभाग के कई आला आफसरों की गर्दन फंसनी तय है।
सूत्रों के हवाले से मिली जानकारी के अनुसार सादुल्ला नगर थाने की सरकारी जमीन फर्जी तरीके से कब्जाने के मामले में आरिफ अनवर हाशमी पर दर्ज हुए मुकदमें में पुलिस द्वारा गिरफ्तारी के लिए प्रयास न करते हुए सिर्फ खानापूर्ति की गई है तथा क्षेत्र में इस बात की चर्चा जोरों पर है और वायरल है कि थाने की जमीन फर्जी तरीके से दर्ज करवाकर कब्जा कर लेने के मामले में जब सादुल्ला नगर पुलिस आरिफ अनवर हाशमी व उसके भाई को गिरफ्तार करने उसके घर पर पहुंची थी तब आरिफ अनवर हाशमी और उसका भाई घर मौजूद था परन्तु पुलिस द्वारा सिर्फ आरिफ अनवर हाशमी के भाई को ही गिरफ्तार किया गया। इस मामले में सादुल्ला नगर निवासी एक व्यक्ति ने शिकायती प्रार्थना पत्र भी देकर आरोप लगाया है कि दबिश के वक्त हाशमी घर पर ही मौजूद था। पुलिस द्वारा आरिफ अनवर हाशमी की गिरफ्तारी न करना क्षेत्र में चर्चा का विषय बना हुआ है।
सूत्रों की मानें तो एसएचओ सादुल्ला नगर बी0एन0 सिंह द्वारा जनपद गोण्डा के थाना कोतवाली देहात में तैनाती के दौरान अग्रिम विवेचना की केश डायरी मय अन्तिम रिपोर्ट गायब कर दिये जाने के मामले में एसपी गोण्डा के आदेश पर एडिशनल एसपी गोण्डा की प्रारम्भिक जांच में दोषी पाये गये हैं और उन पर भारतीय दण्ड संहिता की गम्भीर धारा-409 के तहत कोतवाली देहात गोण्डा में एफआईआर दर्ज कराई गई है।
बीते साल 14 जून 2023 को थाना सादुल्ला नगर में माफिया व हिस्ट्री शीटर आरिफ अनवर हाशमी के खिलाफ गम्भीर धाराओं में लेखपाल ने एफआईआर दर्ज कराई थी, जिसमें पुलिस को आरिफ अनवर हाशमी की गिरफ्तारी 17 जून को करनी पड़ी थी। लेकिन मुकदमे के तत्कालीन विवेचक एसआई अब्दुल कादिर व थानाध्यक्ष बृजानन्द सिंह ने अभियुक्त के विरूद्ध सबूत इकट्ठा करने में रूचि नहीं ली जिससे अभियुक्त को जमानत के लिए पर्याप्त समय मिल गया जिसके कारण आरिफ अनवर हाशमी को हाईकोर्ट से जमानत मिल गई। सूत्र बातते हैं कि इस मामले में 10 माह बीत जाने के बाद भी और अभी हाल ही में थाने की जमीन कब्जाने के मामले में दर्ज एफआईआर में थाना सादुल्ला नगर पुलिस द्वारा कोई प्रभावी कार्यवाही नहीं की गई है।
मिली जानकारी के अनुसार जिला मजिस्ट्रेट अरिवन्द सिंह ने मामले की मजिस्टीरियल जांच बैठा दी है और एडीएम वित्त एवं राजस्व प्रदीप कुमार को जांच अधिकारी नामित कर 21 दिनों के अन्दर जांच रिपोर्ट देने के आदेश दिये हैं।